मंत्रोच्चारण के पीछे के साइंस को समझने के लिए एम्स में एक स्टडी हुई और उसमें पाया गया कि तमाम बीमारियों में योग-ओंकार से फायदा मिलता है। जी हां, इसके लिए एम्स के फिजियोलॉजी डिपार्टमेंट ने ''वायरलेस मॉनिटरिंग सिस्टम का इस्तेमाल किया जिसमें लगे सेंसर शरीर में होने वाली हलचल पर नजर रखते थे, डेटा कलेक्ट करते थे और फिर शरीर पर पड़ रहे असर को एनालाइज करते थे। मतलब ये कि मंत्र पढ़ने या सुनने के दौरान बॉडी के टेम्परेचर में क्या फर्क आता है ?सांस लेने की रफ्तार क्या है ? हार्ट बीट कितनी है?
ECG में किस तरह के बदलाव आ रहे हैं? इस टेस्ट के दौरान इन बातों पर नजर रखी गई। इतना ही नहीं, स्क्रीन पर खाने-पीने की भी चीजें दिखाई गई और उस दौरान दिमाग से लेकर तमाम सेंसरीसेंस की हरकत को भी महसूस किया गया और जो रिजल्ट आए वो चमत्कारी थे मंत्रोच्चार से ब्लड प्रेशर कंट्रोल हो गया। हार्ट बीट में सुधार देखा गया, ब्रेन में ऑक्सीजन की प्रॉपर सप्लाई होने लगी। तो वहीं फाइब्रोमायल्जिया और आर्थराइटिस में भी इसका फायदा दिखा। मंत्रों के वाइब्रेशन से फेफड़े भी मजबूत हुए, सांस रोकने की कपैसिटी बढ़ी। दरअसल, एम्स के डॉक्टर इस स्टडी के रिजल्ट को इसलिए भी मिरेकल कह रहे हैं क्योंकि अपनी बीमारी से निराश हो चुके बहुत से मरीजों का स्ट्रेस लेवल भी मंत्रोच्चारण से कम हुआ..जिंदगी को लेकर वो पॉजिटिव हुए।जिससे दवा ने भी उनके शरीर पर तेजी से काम किया। तो चलिए आज हवन+मंत्रोच्चारण+योग+प्राणयाम और ध्यान का इंटीग्रेटेड हेल्थ पैकेज योगगुरु से जानते हैं..
दिल के मरीज़ ना करें
- चक्रासन
- हलासन
- सर्वांगासन
- शीर्षासन
- कपालभाति धीरे करें
- भस्त्रिका धीरे करें
हाई बीपी वाले ना करें
- दंड-बैठक शीर्षासन सर्वांगासन
- योग क्षमता के हिसाब से करें
सर्वाइकल के मरीज ना करें
- गर्दन को आगे ना झुकाएं
- आसन में झटके से वापस ना आएं
- चक्कर आने पर रुक जाएं
- पवनमुक्तासन में सिर ना उठाएं
- कपालभाति धीरे-धीरे करें
स्लिप डिस्क में ना करें
- पादहस्तासन
- त्रिकोणासन
- उत्तानपादासन
आदत में शामिल करें
- एलोवेरा-गिलोय जूस
- हल्दी वाला दूध
- जीरा,धनिया,सौंफ,मेथी
- अजवाइन का पानी
हेल्दी लाइफ स्टाइल
- खूब पानी पीएं
- स्ट्रेस, टेंशन कम लें
- खाना समय से खाएं
- जंक फूड ना खाएं