हीट स्ट्रोक का असर सीधे किडनी पर हो रहा है जिससे किडनी फेल होने की खबरें आ रही है। इतना ही नहीं शरीर में पानी की कमी होने से एक्यूट किडनी इंजरी हो रही है। दरअसल, बॉडी टेम्परेचर के अचानक से बढ़ने और शरीर में वाटर लेवल के कम होने का है जिसका असर डायरेक्ट और इन डायरेक्ट किडनी पर पड़ रहा है।
एक तो तेज गर्मी ऊपर से शरीर में पानी की कमी, किडनी के सामने सबसे बड़ी चुनौती होती है शरीर के टॉक्सिंस को छानकर बाहर निकालने की जो पानी की कमी की वजह से डिस्टर्ब होता है। इसी में किडनी को खून में वाटर लेवल मेंटेन करने के साथ जरूरी हार्मोन्स भी बनाने होते हैं और ऐसे सिचुएशन में किडनी के इंजर्ड होने का रिस्क बढ़ जाता है।
नतीजा किडनी में इंफेक्शन, यूरिन में प्रोटीन आना, किडनी का श्रिंक होना और स्टोन बनने जैसी परेशानी शुरु हो जाती है। इसलिए जरूरी है कि आप अपना लाइफस्टाइल बेहतर करें। रोजाना वर्कआउट करें। मौसम के हिसाब से शरीर का ख्याल रखें। शरीर में पानी की कमी ना होने दें। साथ ही किडनी की सेहत को लेकर अलर्ट रहें क्योंकि किडनी अगर बीमार भी है तो शुरुआत में आपको इसका पता नहीं चलेगा और जब पता चलेगा तब तक देर हो चुकी होगी। ऐसे में स्वामी रामदेव से जानिए किडनी को कैसे बनाएं मजबूत।
किडनी का काम:
- ब्लड में पानी का लेवल मेंटेन करना।
- एक दिन में 400 बार खून साफ करना।
- 125 मिली लीटर खून हर मिनट साफ करती है।
- 0.9-1.2 मिली क्रिएटिनिन लेवल रहना जरूरी है।
- एक एडल्ट की किडनी का वजन 150 ग्राम होता है।
- दिनभर में करीब 3-4 लीटर पानी पीना चाहिए।
- 11 लाख नेफ्रॉन (फिल्टर) से सफाई।
- ब्लड से टॉक्सिन निकालना।
गलत तरीके से फास्टिंग से खतरे में किडनी:
- नमक-पानी का लेवल बिगड़ना
- क्रिएटिनिन लेवल बढ़ना।
- मिनरल्स का असंतुलन।
- ब्लूड यूरिया बढ़ना।
किडनी की बीमारी:
- किडनी इंफेक्शन
- किडनी स्टोन
- किडनी डैमेज
- यूरिन में प्रोटीन
इस वजह से भी होती है किडनी प्रॉब्लम:
- बढ़ती उम्र
- स्मोकिंग
- डायबिटीज
- जेनेटिक
- मोटापा
- हार्ट डिजीज
- हाई ब्लड प्रेशर
- बढ़ती उम्र
किडनी के लिए बरतें ये सावधानियां:
- ब्लड प्रेशर कंट्रोल रखें।
- शुगर लेवल नहीं बढ़ने दें।
- पेन किलर के सेवन से बचें।
- बिना डॉक्टर के एंटीबायोटिक ना लें।
- स्मोकिंग और तंबाकू से बचें।
- ज्यादा नमक और मीठा ना खाएं।
- रोज डाइट में सेब को शामिल करें।
- दिन में एक बार अदरक की चाय पिएं।
- प्याज किडनी के लिए फायदेमंद है।
- दही किडनी इंफेक्शन ठीक करता है।
- यूरिन रोक पर रखने की आदत सुधारें।
किडनी में कारगर एक्यूप्रेशर:
- हथेली के बीच में दबाना।
- तलबे के बीच में दबाना।
किडनी में कारगर औषधि:
- पुनर्नवादि मंडूर
- गोक्षुरादी गुग्गुल
- चंद्रप्रभावटी
- गिलोय पाउडर
- मुक्ता पिष्टी
- मुक्ता पंचामृत रस
किडनी में कारगर कुलथ:
- 200 एमएल पानी में 25 ग्राम दाल उबालें।
- 50 एमएल पानी बच जाए तो छान लें।
- कुलथी का पानी दिन में दो बार पिएं।
योग से किडनी को रखें हेल्दी:
- मंडूकासन
- शशकासन
- योग मुद्रासन
- भुजंगासन
- शलभासन
- उत्तानपादासन
- पवनमुक्तासन
- मर्कटासन
- त्रिकोणासन
- पश्चिमोत्नासन
यौगिक जॉगिंग के फायदे:
- ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल करता है।
- जांघ की मांसपेशियों को फायदा पहुंचाता है।
- कोलेस्ट्रॉल कम करने में सहायक।
- रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।
- डायजेशन बेहतर होता है।
- शरीर से फैट कम करके लचीला बनाता है।
- कमर दर्द में आराम मिलता है।
सूर्य नमस्कार के फायदे:
- ब्लड शुगर को कम करने में कारगर है।
- सूर्य नमस्कार से हार्ट मजबूत होता है।
- पाचन तंत्र बेहतर होता है।
- एनर्जी लेवल बढ़ाने में सहायक है।
- डिप्रेशन दूर करता है।
- लिवर को मजबूत बनाने में मदद करता है।
मंडूकासन के फायदे:
- डायजेशन से जुड़े साइड इफेक्ट दूर करता है।
- फैटी लिवर की समस्या दूर करता है।
- ब्लड शुगर को कम करने में कारगर।
- लिवर और किडनी को स्वस्थ रखता है।
- पैन्क्रियाज से इंसुलिन रिलीज करता है।
- गैस और कब्ज की समस्या दूर होती है।
शशकासन के फायदे:
- माइग्रेन के रोग में फायदेमंद है।
- तनाव और चिंता दूर होती है।
- क्रोध, चिड़चिड़ापन दूर करता है।
- मोटापा कम करने में मददगार है।
- लिवर और किडनी के रोग दूर होते हैं।
- रीढ़ से जुड़ी बीमारियां ठीक होती हैं।
उष्ट्रासन के फायदे:
- ब्लड शुगर को कम करने में कारगर है।
- किडनी को स्वस्थ बनाता है।
- शरीर का पॉश्चर सुधरता है।
- पाचन प्रणाली ठीक होती है।
- टखने के दर्द को दूर भगाता है।
- हार्ट से जुड़ी बीमारियों में फायदेमंद है।
- पीठ दर्द में बेहद लाभकारी है।
योग मुद्रासन के फायदे:
- डायबिटीज की परेशानी दूर होती है।
- एलर्जी की परेशानी में बेहद कारगर है।
- शुगर कंट्रोल होती है।
- पेट की चर्बी खत्म होती है।
- रीढ़ की हड्डी लचीली बनती है।
- पाचन तंत्र बेहतर होता है।
- छोटी-बड़ी आंत सक्रिय होती है।
वक्रासन के फायदे:
- कमर की मसल्स मजबूत होती हैं।
- पेट की कई समस्याओं में राहत।
- डायबिटीज कंट्रोल होती है।
- पैन्क्रियाज से इंसुलिन रिलीज करता है।
गोमुखासन के फायदे:
- पेट से जुड़ी बीमारियां ठीक होती हैं।
- रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है।
- शरीर को लचकदार बनाता है।
- थकान, तनाव और चिंता दूर करता है।
- फेफड़ों की कार्यक्षमता बढ़ती है।
पवनमुक्तासन के फायदे:
- अस्थमा, साइनस में फायदेमंद है।
- ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करता है।
- पेट की चर्बी को दूर करता है।
- कमर दर्द में आराम मिलता है।
- पेट के रोगों को दूर करता है।
- ब्लड सर्कुलेशन ठीक होता है।
उत्तानपादासन के फायदे:
- पैरों की मसल्स मजबूत होती हैं।
- पेट से जुड़ी बीमारियां ठीक होती हैं।
- डायबिटीज कंट्रोल होती है।
- एसिडिटी ठीक होती है।
- कमर दर्द में आराम मिलता है।
- हार्ट को मजबूत बनाता है।
- वजन कम करने में मददगार है।
पादवृत्तासन के फायदे:
- वजन घटाने में बेहद कारगर है।
- पेट की चर्बी कम होती है।
- बॉडी का बैलेंस ठीक होती है।
- कमर में दर्द ठीक होता है।
भुजंगासन के फायदे:
- फेफड़े, कंधे, सीने को स्ट्रेच करता है।
- पेट से जुड़े रोगों में फायदेमंद है।
- मोटापा कम करने में मदद करता है।
- रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है।
सूक्ष्म व्यायाम के फायदे:
- हार्ट को मजबूत बनाता है।
- शरीर पूरा दिन चुस्त रहता है।
- शरीर में थकान नहीं होती है।
- ऊर्जा और स्फूर्ति का संचार होता है।
- बॉडी को एक्टिव करता है।
- शरीर में कई तरह के दर्द से राहत।
- ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल करता है।
- मसल्स को मजबूत बनाता है।
- लिवर की बीमारियों से बचाता है।
आयुर्वेदिक काढ़ा बनाने के लिए सामग्री
- 10-12 ग्राम गोखरू
- 10-12 ग्राम मकोय के बीज
- थोड़ा सा पुनर्नवा
- थोड़ी सी वरुण छाल
- थोड़ी सी कासनी
- 3-4 पीपल के पत्ते
- 20-12 नीम की पत्तियां
- एक चौथाई अमलतास की फली
- जौ का दलिया थोड़ा सा
- थोड़ा सा गिलोय
ऐसे बनाएं ये काढ़ा
इमामदस्ता में इन सभी चीजों को डालकर अच्छी तरह से से कूट लें। इसके बाद एक पैन में 400 ग्राम पानी डालकर गर्म करें और उसमें यह कूटा हुआ मिक्सचर डाल दें। इसके बाद इसे उबलने दें। जब इस काढ़ा का पानी 50 ग्राम बचें। तब उसे छानकर पी लें। इस काढ़े का नीयमित सेवन करने से किडनी से जुड़ी परेशानियां कम हो जाती है।