कुछ लोग ऐसे भी हैं। जिनकी मांसपेशियां बचपन में ही बीमार हो जाती है। कई बार जेनेटिकल रीजन से तो कई बार शरीर को रोगों से बचाने वाली इम्यूनिटी में खराबी से,मसल्स कमजोर हो जाते हैं। उम्र बढ़ने के साथ-साथ बीमारी पूरे शरीर में फैल जाती है और मसल्स बेकार होते चले जाते हैं। नतीजा, बॉडी बैलेंस में दिक्कत आने लगती है। बिना सहारे के खड़ा होना मुश्किल हो जाता है। रीढ़ की हड्डी झुकने लगती है। यह मस्कुलर डिस्ट्रॉफी के नाम से जाना जाता है।। जिसमें ड्यूशेन मस्कुलर डिस्ट्रॉफी (DMD ) काफी कॉमन रोग होने के साथ खतरनाक भी है।
ड्यूशेन मस्कुलर डिस्ट्रॉफी में शरीर में मसल्स बनाने वाले प्रोटीन के जीन में खराबी आ जाती है। ज्यादातर मामलों मे इसका पता बचपन में ही चल जाता है और सही समय पर इलाज शुरू कर दिया जाए तो कुछ हद तक नॉर्मल लाइफ जी सकते है। स्वामी रामदेव के अनुसार योग के साथ-साथ आयुर्वेदिक औषधियां का सेवन करके कुछ ही माह में इस समस्या को सही किया जा सकता है। जानिए डैमेज मांसपेशियों को ठीक करने के लिए किस आयुर्वेदिक काढ़ा का सेवन करना फायदेमंद है।
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आयुर्वेदिक काढ़ा बनाने के लिए सामग्री
- अश्वगंधा
- शतावर
- कोंच के बीज
- बला के बीज
- वराही
- सफेद मुसली
- जीवक
- ऋषभक
- मेदा
- मदामेदा
- काकोली
- क्षीर कांकोली
- ऋद्धि
- वृद्धि
- गिलोय
ऐसे बनाएं आयुर्वेदिक कढ़ा
सबसे पहले सभी चीजों को थोड़ी-थोड़ी मात्रा में लेकर इमामदस्ता में डालकर कूट लें। इसके बाद एक कढ़ाई या पैन में 1 लीटर पानी गर्म करे और उसमें यह कूटा हुई जड़ी बूटियां डाल दें। इसके बाद इसमें धीमी आंच में उबलने दें। जब पानी आधा हो जाए तो गैस बंद कर दें और इसका सेवन करे।
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