बदलते मौसम में सर्दी-खांसी और बुखार होना बहुत सामान्य बात है। बारिश के बाद तेज धूप और चिलचिलाती गर्मी लोगों को बीमार कर रही है। मौसम के बदलने और तापमान में आने वाले बदलाव के कारण शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है, जिससे बुखार के बैक्टीरिया आसानी से शरीर में प्रवेश कर जाते हैं। जिसके कारण सर्दी-जुकाम, बुखार, गले में खराश, शरीर में अकड़न जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता हैं।
स्वामी रामदेव के मुताबिक, अगर आप साधारण बुखार की समस्या का सामना कर रहे हैं तो इस आयुर्वेदिक काढ़ा का सेवन करना फायदेमंद हो सकता है।
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आयुर्वेदिक काढ़ा बनाने के लिए सामग्री
- गिलोय 4-5 इंच की डंडी
- गिलोय की कुछ पत्तियां
- 5-6 तुलसी की पत्तियां
- 1-2 लौंग
- शहद (विकल्प)
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ऐसे बनाएं आयुर्वेदिक काढ़ा
एक पैन में आधा लीटर पानी लें। उबाल आने पर सभी चीजें डाल दें और धीमी आंच में पकने दें। जब पानी एक चौथाई भाग में बचे तो गैंस बंद कर दें और इसे छानकर हल्का गुनगुना या फिर ठंडा करके पिएं। अगर आपको स्वाद अच्छा नहीं लग रहा हैं तो थोड़ा सा शहद मिला सकते हैं।
बुखार में कैसे काम करेगा ये आयुर्वेदिक काढ़ा
गिलोय में भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं जो इम्यूनिटी को मजबूत करने के साथ-साथ बुखार की समस्या से राहत दिलाते हैं। वहीं तुलसी की पत्तियों में प्रचुर मात्रा में पोटैशियम, आयरन, क्लोरोफिल मैग्नीशियम, कैरीटीन और विटामिन-सी के साथ एंटी ऑक्सीडेंट और एंटी बैक्टीरियल गुए पाए जाते हैं जो बुखार के साथ-साथ सर्दी-जुकाम से भी निजात दिलाने में मदद करते हैं। लौंग की बात करे तो इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-बैक्टीरियल गुणों के अलावा विटामिन ए, सी, डी, विटामिन ई, फोलेट, राइबोफ्लेविन, थायमिन और ओमेगा 3 फैटी एसिड जैसे आवश्यक तत्व पाए जाते हैं।