टहलना या यूं कहें वॉक करना हमारी सेहत के लिए फायदेमंद है इससे तो हम सभी भली भाति वाकिफ हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं वॉक करने से आपका मानसिक स्वास्थ भी दुरुस्त होता है। आजकल की भगति दौड़ती ज़िन्दगी में लोग एंजायटी का बहुत ज़्यादा शिकार हो रहे हैं। ऐसे में इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए सिर्फ 10 मिनट की वॉक ही काफी है। चलिए जानते हैं एंग्जायटी में वॉक करने से क्या फायदे मिलते हैं?
वॉकिंग से मेंटल हेल्थ का क्या है कनेक्शन? What is the connection between walking and mental health?
कई अध्ययन हुए हैं जिससे यह पता चलता है कि अगर आप सिर्फ दस मिनट भी तेजी से चलते हैं तो इससे हैप्पी हार्मोन्स रिलीज होते हैं जिससे मूड पॉज़िटिव होता है। ऐसे में नियमित तौर पर यह शारीरिक गतिविधि करने से तनाव और अवसाद धीरे धीरे कम होता है। वॉकिंग जैसी एक्सरसाइज़ करने से मसल्सल और दिमाग में ब्लड सर्कुलेशन तेजी से बढ़ता है, जिससे हम दिनभर ऊर्जावान महसूस करते हैं।
कहाँ और कब करें वॉक? Where and when to walk?
ज़रूरी नहीं है कि वॉक करने के लिए आप घर के बाहर ही जाएं। आप घर की सीढ़ियों से चढ़े और उतरें। इस दौरान आप की छत पर भी वॉक कर सकते हैं। हालांकि घर के बाहर वॉक करने से आपको खुली हवा मिलेगी जो आपके दिमाग को शांत करने का काम करती है। खुली हवा में वॉक करने से मेंटल ट्रामा और स्ट्रेस से ब्रेक मिलता है। वॉक करने का कोई निर्धारित समय नहीं है जब भी आपको मौका मिले आप टहल आयें।
एंग्जायटी में वॉक करने के फायदे-Walk in anxiety in Hindi
-
स्ट्रेस कम होता है: एंग्जायटी में वॉक करने से धीरे धीर आपका स्ट्रेस कम होता है। वॉक करने से ये आपके दिमाग को शांत मिलती है जिससे अवसाद कम होता है।
-
ओवरथिंकिंग होती है कम: एंग्जायटी में लोग ओवरथिंक बहुत ज़्यादा करते हैं। वॉक करने से ओवरथिंकिंग कम होती है। जब भी आपको लगे आप बहुत ज़्यादा सोच रहे हैं तो आप उस समय तुरंत वॉक पर निकल जाएं।
-
नींद आती है अच्छी: एंग्जायटी में लोगों की नींद बहुत ज़्यादा डिस्टर्ब होती है। ऐसे में वॉक करने से आपका शरीर थका रहता है और आपको एक बेहतर नींद आती है।