जटामांसी एक आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है जिसका इस्तेमाल पुराने समय में पेट दर्द, नाभि उखड़ने पर और स्किन के इंफेक्शन को ठीक करने के लिए किया जाता था। इसका खास गुण यह था कि ये दर्द को कम करता है और शरीर को हील करता था। साथ ही ये नर्व्स सेल्स को शांत करने और दिमागी बीमारियों के इलाज में इस्तेमाल किया जाता था। लेकिन, आपको यह जान कर हैरानी हो सकती है कि आज भी आयुर्वेद में इसका इस्तेमाल होता है और आप भी इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। कैसे जानते हैं।
कैसे करें जटामांसी का इस्तेमाल
-जटामांसी को आप रात भर भिगो कर रख दें और सुबह इस पानी को पिएं।
-जटामांसी की जड़ों को आप दूध में उबाल कर पी सकते हैं।
-जटामांसी का तेल में मिला कर इसे बालों में लगा सकते हैं।
-जटामांसी का लेप स्किन इंफेक्शन में काम आ सकता है।
जटामांसी के फायदे-Jatamansi health benefits in hindi
1. एंटी डिप्रेसेंट है जटामांसी
जटामांसी का अर्क एंटीडिप्रेसेंट की तरह काम कर सकता है जो कि नींद की गड़बड़ी के कारण अवसाद से पीड़ित लोगों के लिए यह फायदेमंद हो सकता है। हालांकि, आपको अवसाद के लिए बेहतर सलाह और नुस्खे के लिए मनोचिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए।
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2. दिल के लिए फायदेमंद
जटामांसी के अर्क में लिपिड पेरोक्साइड और एंटीऑक्सीडेंट एंजाइम्स भी होते हैं जो कि ब्लड सेल्स को हेल्दी रखने, बीपी कंट्रोल करने और दिल के काम काज को सही रखने में मदद करते हैं।
3. दांतों के दर्द में
दांतों के दर्द में जटामांसी कारगर तरीके से काम कर सकती है। ये एंटीइंफ्लेमेटरी है जो कि सूजन और दर्द को कम कर सकती है। साथ ही ये दांतों के बैक्टीरिया को मारने और मसूड़ों की समस्या को कम करने में मददगार है। ऐसे जटामांसी को पानी में उबाल लें और इसे पानी से कुल्ला करें।
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4. एंटी फंगल है जटामांसी
जटामांसी के मेथनॉलिक अर्क एंटिफंगल और एंटी बैक्टीरियल गुणों के लिए जाना जाता है। ये स्किन इंफेक्शन, खुजली और एक्जिमा की समस्या को कम करने में कारगर है। ऐसे में आप इसका तेल बना कर या लेप बना कर स्किन के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं।