इस मौसम में हमारे आस-पास मच्छरों का प्रकोप बढ़ा गया है। ऐसे में सिर्फ, डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियों का खतरा नहीं होता बल्कि,जापानी इंसेफेलाइटिस जैसी गंभीर बीमारियों का भी खतरा होता है। दरअसल, जापानी इंसेफेलाइटिस की वजह से बिहार के मुजफफरपुर में 10 साल के बच्चे की मौत हो गई है। इसके अलावा आस-पास भी इस संक्रामक बीमारी के फैलने का डर बना हुआ है। ऐसे में जानते हैं जापानी इंसेफेलाइटिस क्या है, जापानी बुखार किस अंग को प्रभावित करता है और इसके कारणों और लक्षणों को जानकर इससे कैसे बचें।
जापानी इंसेफेलाइटिस किस मच्छर के काटने से फैलता है-Japanese encephalitis caused by which mosquito
जापानी एइंसेफेलाइटिस वायरस (JE Virus), एक फ्लेविवायरस (flavivirus) है जो, वेस्ट नाइल और सेंट लुइस एन्सेफलाइटिस वायरस से जुड़ा हुआ है। ये वायरस संक्रमित क्यूलेक्स(Culex) प्रजाति के मच्छरों की वजह से होता है। जो विशेष रूप से क्यूलेक्स ट्राइटेनिओरहाइन्चस (Culex tritaeniorhynchus) नाम के मच्छर के काटने से फैलता है।
जापानी इंसेफेलाइटिस का कारण-Japanese encephalitis causes
जापानी इंसेफेलाइटिस का एक बड़ा कारण क्यूलेक्स ट्राइटेनिओरहाइन्चस (Culex tritaeniorhynchus) मच्छर, असल में घोड़ों और सूअरों को प्रभावित करता है और फिर ये इंसानों को संक्रमित करता है। आमतौर पर ये उन इलाकों के लोगों को ज्यादा प्रभावित करता है जहां आस-पास पानी के ऐसे क्षेत्र होते हैं और यहां घोड़ों को नहाया जाता है या फिर आस-पास सूअर रहते हैं। ये मच्छर यहां के पानी में पनपकर आसपास के लोगों को संक्रमित कर सकते हैं।
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जापानी बुखार किस अंग को प्रभावित करता है
जापानी इंसेफेलाइटिस सबसे पहले व्यक्ति के सेंट्रल ब्रेन (Central brain) को प्रभावित करता है और फिर बाकी शरीर के कामकाज को प्रभावित कर सकता है। इसमें व्यक्ति को तेज बुखार आता है जिसे आम भाषा में जापानी बुखार कहते हैं। ये बुखार सिर पर चढ़ जाता है और फिर गर्दन में अकड़न, कोमा और न्यूरोलॉजिकल जटिलताओं का कारण बन सकता है।
जापानी इंसेफेलाइटिस के लक्षण-Japanese encephalitis symptoms
जापानी इंसेफेलाइटिस के लक्षणों में आप देख सकते हैं तेज बुखार, सिरदर्द और उल्टी। अगले कुछ दिनों में मानसिक स्थिति में बदलाव, तंत्रिका संबंधी लक्षण जैसे कमजोरी और चलने-फिरने में दिक्कत के रूप में सामने आ सकती है। खासकर बच्चों में इंसेफेलाइटिस ब्रेन में इंफेक्शन का कारण बन जाता है और इन बच्चों में से 20%-30% मामलों में मृत्यु भी हो सकती है।
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जापानी इंसेफेलाइटिस से बचाव-Japanese encephalitis prevention
जापानी इंसेफेलाइटिस से बचने के लिए खुद को और अपने बच्चों को ऐसे कपड़े पहनाएं जो हाथ और पैर को ढकें। मच्छरदानी लगाकर सोएं। घर के आस-पास पानी जमा न होने दें और फिर मच्छर भगाने वाले तमाम उपायों को अपनाएं जैसे कि एंटी मॉस्किटो स्प्रे करें और मच्छरों को भगाने वाले नेचुरल उपायों को अपनाएं।
Source: CDC