संतुलन ये एक ऐसा शब्द है जिसके बिना जिंदगी की कश्ती डगमगाने लगती है। चाहे बात काम की हो रिश्तों की हो या फिर सेहत की ही क्यों ना हो हर जगह बैलेंस बनाकर रखना जरूरी है। अब शरीर को ही ले लीजिए 650 मांसपेशियां 72 हजार नस-नाड़ियां, 360 ज्वाइंट्स और 206 हड्डियों से बना है जिसमें 37 ट्रिलियन सेल्स हैं और हर किसी का एक दूसरे से तालमेल है और ये संतुलन अक्सर कान, गर्दन, कंधे, कोहनी, स्पाइन, घुटने, एड़ी जैसे जोड़ों में बिगड़ता है और ये इम्बैलेंस पार्किंसन, स्पॉन्डिलाइटिस इनडायजेशन जैसी तमाम तरह की प्रॉब्लम्स की वजह बनता है। आपने देखा भी होगा कि चलते-चलते झटके से गड्ढे में पैर चले जाने से पेट में स्वेलिंग आ जाती है आंतों में इंफेक्शन हो जाता है। स्पाइन में चोट लगने पर यूरिन प्रॉब्लम, हार्ट प्रॉब्लम, लंग्स प्रॉब्लम जैसी कई बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है और तो और गलत पॉश्चर में बैठने से सर्वाइकल, लोअर बैक प्रॉब्लम जैसी कई दिक्कतें हो जाती हैं और तभी हर वक्त एक संतुलन की जरूरत होती है। लेकिन बहुत से लोग ऐसे हैं जिनका स्ट्रक्चर परफेक्ट नहीं है इसकी वजह से बीमारियों की गिरफ्त में हैं। इसके लिए सबसे पहले उन्हें लाइफस्टाइल को बैलेंस करना होगा। क्या खाना है, कितना खाना है, कितनी देर वर्कआउट करना है सब समझना होगा तो चलिए जीवन में ये संतुलन कैसे बनाएं ये बताने के लिए स्वामी रामदेव की शरण में चलते हैं जो हरिद्वार से हमारे साथ जुड़ चुके हैं।
बैलेंस कितना जरूरी है इसे हम सब अपनी जिंदगी से ही जोड़ कर देखें तो समझ आ जाएगा। रिश्ते-नाते हो, जिम्मेदारियां हों या फिर सेहत की बात हो हर जगह संतुलन जरूरी है। अब शरीर को ही ले लीजिए-सिर, कान, गर्दन, कंधे, कोहनी, स्पाइन, घुटने, एंड़ी इन सबके बीच तालमेल होने की वजह से ही तो हम चलते-फिरते हैं सारे काम कर पाते हैं और इसमें जब बैलेंस बिगड़ता है तो तमाम परेशानियां-बीमारियां खड़ी हो जाती हैं चाहे वो एक्स्ट्रीम वेदर कंडीशन की वजह से हो या फिर खराब लाइफ स्टाइल लेस फिजिकल एक्टिविटी या फिर किसी वायरल-बैक्टीरियल इंफेक्शन की वजह से ही क्यों ना हो। मतलब ये कि हर लिहाज से संतुलन जरूरी है चाहे वो बॉडी का स्ट्रक्चर परफेक्ट रखना हो या फिर शरीर की बायोलॉजिकल एनर्जी के बीच बैलेंस बनाना हो। खूबसूरत जिंदगी के लिए अच्छी सेहत का होना पहली शर्त है और अच्छी सेहत के साथ अच्छी सोच का होना भी जरूरी है। लेकिन ये सब मुमिकन होगा योग से जो हमें गति भी देता है और शक्ति भ सरयू के इस घाट से मैं योग-प्राणायाम के साथ ही--यहां की तमाम झलकियां भी दिखाती रहूंगी और हरिद्वार से योगगुरु स्वामी रामदेव हमें--योगिक-आयुर्वेदिक उपाय बताते रहेंगे। ।
सर्दी में जोड़ जाम
- तापमान गिरता है
- ब्लड वेसल्स सिकुड़ते है
- ज्वॉइंट्स तक ब्लड सप्लाई कम
- जोड़ों में दर्द-अकड़न
आर्थराइटिस - भारत में
- 18 करोड़ से ज्यादा मरीज
- हर 5 में से 1 पुरुष परेशान
- हर 4 में से 1 महिला शिकार
- गठिया का रोग -क्या हैं वजह
खराब लाइफस्टाइल
- गलत खानपान
- बढ़ा हुआ वजन
- मिनरल्स की कमी
- विटामिन की कमी
- हॉर्मोन्स इम्बैलेंस
आर्थराइटिस - क्या हैं लक्षण
- ज्वाइंट्स पेन-अकड़न
- घुटनों में सूजन
- हड्डियों का टूटना
- स्किन लाल होना
- चलने-फिरने में तकलीफ
गठिया दर्द - मिलेगा आराम
- सरसों तेल की मालिश
- दर्द की जगह गर्म पट्टी
- गर्म पानी-सेंधा नमक की सिकाई
आर्थराइटिस में परहेज
- ठंडी चीज़ें ना खाएं
- चाय-कॉफ़ी ना लें
- टमाटर ना खाएं
- शुगर कम करें
- ऑयली खाने से बचें
- वजन कंट्रोल रखें
गठिया की बीमारी - यूथ पर क्यों भारी
- एक पॉश्चर में बैठना
- गलत खानपान
- ज्यादा वजन
- विटामिन D की कमी
- कैल्शियम की कमी
जोड़ों में दर्द - परहेज ज़रूरी
- प्रोसेस्ड फूड
- ग्लूटेन फूड
- अल्कोहल
- ज्यादा चीनी-नमक
हड्डियां मजबूत बनेंगी
- हल्दी-दूध जरूर पीएं
- सेब का सिरका पीएं
- लहसुन-अदरक खाएं
- दालचीनी-शहद पीएं