दुनियाभर में एमपॉक्स यानि मंकीपॉक्स का खतरा बढ़ रहा है। भारत में भी एमपॉक्स के केस सामने आए हैं, जिसे लेकर सरकार हर संभव एहतियात बरत रही है। वहीं विश्व स्वास्थ्य संगठन ने Mpox को हेल्थ इमरजेंसी घोषित कर दिया है। WHO ने मंकीपॉक्स को लेकर एक रिसर्च की है और ये पता लगाया है कि कहीं एमपॉक्स का कोविड से कोई कनेक्शन तो नहीं है। इस रिसर्च में ये पता लगाने की कोशिश की गई है कि मंकीपॉक्स क्या है और इसका कोविड-19 से कोई रिलेशन तो नहीं है।
मंकीपॉक्स को लेकर WHO की ओर से कहा गया है कि पुराना स्ट्रेन है, जिसका कोविड से कोई कनेक्शन नहीं है। एमपॉक्स को फैलने से आसानी से रोका जा सकता है। डब्ल्यूएचओ के अधिकारी हंस क्लूज का कहना है कि, 'एमपॉक्स से हम मिलकर निपट सकते हैं और हमें एकजुट होकर इसे कंट्रोल करना चाहिए'
एमपॉक्स के शुरुआती लक्षण क्या हैं?
एमपॉक्स यानि मंकीपॉक्स एक वायरल संक्रमण है, जिसमें फ्लू जैसे लक्षण ही नजर आते हैं। हालांकि इसमें माइल्ड फ्लू के जैसे लक्षण दिखते हैं। एमपॉक्स में त्वचा पर जैसे चेहरे, छाती, गर्दन और हाथों पर दाने निकलने लगते हैं जिन्हें नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है। इन दानों में पस पड़ जाता है जो घाव बन जाते हैं। इसके अलावा तेज बुखार आना और बहुत तेज सिर में दर्द होना भी मंकीपॉक्स के लक्षण हैं। मांसपेशियों में दर्द और बगल या जांघ में सूजन भी इसके लक्षण हैं। इन लक्षणों को भूलकर भी नजरअंदाज न करें।
एमपॉक्स से कैसे बचें?
- संक्रमित व्यक्ति के पास जाने से बचें और उसके साथ किसी तरह का फिजिकल कॉन्टेक्ट न बनाएं।
- हाथों को लगातार साबुन से अच्छी तरह से छोते रहें और कुछ भी छूने से बचें।
- अगर आपके अंदर मंकीपॉक्स के लक्षण हैं तो सबसे पहले खुद को आइसोलेट कर लें।
- जंगली जानवरों से दूर रहें अगर किसी तरह का कॉन्टेक्ट कर रहे हैं तो ग्लव्स पहन कर ही करें।
- खाने में मीट जैसी चीजें शामिल कर रहे हैं तो उन्हें अच्छी तरह से पकाकर ही खाएं।
खतरनाक है एमपॉक्स का नया स्ट्रेन!
दुनियाभर में एमपॉक्स का जो नया स्ट्रेन फैल रहा है उसका नाम क्लैड 1बी है। जो वैश्विक स्तर पर तबाही मचा रहा है। ये स्ट्रेन पिछले वैरिएंट के मुकाबले ज्यादा आसानी से फैलता है। स्वीडन और अफ्रीका में मंकीपॉक्स के मामले ज्यादा सामने आ रहे हैं।