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Covid Vaccine & Heart Attack: क्या कोरोना के टीके से हो रहा हार्ट अटैक, टीके से खून के थक्के बनने को लेकर आई ये रिपोर्ट

Covid Vaccine & Heart Attack: चलते-फिरते, नाचते, गाते और बात करते अचानक युवाओं और प्रौढ़ लोगों में बढ़े हृदयाघात की की वजह क्या कोरोना और कोविड वैक्सीन ही है, क्या इसी वजह से युवाओं में हार्ट अटैक के मामले बढ़ गए हैं ?

Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published : Oct 27, 2022 15:59 IST, Updated : Oct 27, 2022 15:59 IST
प्रतीकात्मक फोटो
Image Source : INDIA TV कोरोना वैक्सीन

Covid Vaccine & Heart Attack: चलते-फिरते, नाचते, गाते और बात करते अचानक युवाओं और प्रौढ़ लोगों में बढ़े हृदयाघात की की वजह क्या कोरोना और कोविड वैक्सीन ही है, क्या इसी वजह से युवाओं में हार्ट अटैक के मामले बढ़ गए हैं ?..... इस तरह के सवाल हार्ट अटैक के मामले बढ़ने के बाद से ही लोगों के जेहन में घूम रहे हैं। अब वैज्ञानिकों ने इस पर चौंकाने वाली रिपोर्ट दी है।

अमेरिका समेत पांच यूरोपीय वैज्ञानिकों ने किया अध्ययन

वैज्ञानिकों ने कोविड-19 के खिलाफ टीकाकरण के बाद खून के थक्के बनने के बेहद दुर्लभ मामले संबंधी खतरे के बारे में जानकारी साझा की है। पांच यूरोपीय देशों और अमेरिका के स्वास्थ्य डेटा पर वैज्ञानिकों ने यह अध्ययन किया है। अध्ययन के अनुसार ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका टीके की पहली खुराक लेने के बाद थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम के साथ थ्रोम्बोसिस के बढ़े खतरे का जिक्र किया गया है। द ब्रिटिश मेडिकल जर्नल (बीएमजे) में प्रकाशित अध्ययन में फाइजर-बायोएनटेक टीके की तुलना में जैनसेन/जॉनसन एंड जॉनसन टीके के बाद बढ़े हुए जोखिम की ओर भी ध्यान दिलाया गया है। शोधकर्ताओं ने उल्लेख किया कि सिंड्रोम बहुत दुर्लभ है, लेकिन कहा कि देखे गए जोखिमों पर ‘‘आगे टीकाकरण अभियानों और भविष्य के टीके के विकास की योजना बनाते समय विचार किया जाना चाहिए।

रक्त का थक्का बनने से हृदयाघात की आशंका
 टीटीएस तब होता है जब किसी व्यक्ति में रक्त के थक्के के साथ-साथ कम रक्त प्लेटलेट काउंट (थ्रोम्बोसाइटोपेनिया) होता है। अध्ययन के अनुसार, यह बहुत दुर्लभ है और खून के थक्के बनने की सामान्य स्थितियों जैसे डीप वेन थ्रॉम्बोसिस (डीवीटी) या फेफड़ों के थक्के से अलग है। टीटीएस को वर्तमान में एडेनोवायरस-आधारित कोविड टीकों के दुर्लभ दुष्प्रभाव के रूप में जांचा जा रहा है, जो कोरोना वायरस के खिलाफ प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को बढ़ाने के लिए एक कमजोर वायरस का उपयोग करते हैं, लेकिन अध्ययन के अनुसार विभिन्न प्रकार के टीकों की तुलनात्मक सुरक्षा पर कोई स्पष्ट सबूत मौजूद नहीं है। हालांकि रक्त का थक्का बनने से हृदयाघात की आशंका है।

 इस बारे में जानकारी के लिए शोधकर्ताओं की एक अंतरराष्ट्रीय टीम ने एमआरएनए-आधारित कोविड टीकों के साथ एडेनोवायरस-आधारित कोविड टीकों के उपयोग से जुड़े टीटीएस या थ्रोम्बोम्बोलिक के मामले के जोखिम की तुलना करने के लिए निर्धारित किया। अध्ययन के लेखकों ने कहा ‘‘हमारे ज्ञान के लिए, यह एमआरएनए आधारित कोविड-19 टीकों की तुलना में एडेनोवायरस की तुलनात्मक सुरक्षा का पहला बहुराष्ट्रीय विश्लेषण है।

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