खराब लाइफस्टाइल, स्मोकिंग और प्रदूषण के कारण हमारे फेफड़े अनहेल्दी होते जा रहे हैं। फेफड़ों के इंफेक्टेड होने से शरीर कई अन्य गंभीर बीमारियों की चपेट में आ जाता है। अस्थमा, ब्रोन्काइटिस, निमोनिया सीओपीडी, सिस्टिक फाइब्रोसिस जैसी कई खतरनाक बीमारियों का खतरा बना रहता है। योग दिवस के मौके पर जानिए ऐसे 5 योगासन के बारे में जिन्हें रुटीन में शामिल कर आप अपने फेफड़ों को स्वस्थ रख सकते हैं।
फेफड़ो को स्वस्थ रखने के लिए रुटीन में शामिल करें ये 5 योगासन
मंडूकासन करने का तरीका
मंडूकासन फेफड़ों को मजबूत रखने में कारगर है। इस योगासन को करने के लिए सबसे पहले वज्रासन में बैठ जाएं। मुठ्ठी बांधें और इसे अपनी नाभि के पास लेकर आएं। अब मुट्ठी को नाभि एवं जांघ के पास ऐसे रखें कि मुट्ठी खड़ी हो और उंगलियां आपकी पेट की तरफ हों। इसके बाद सांस छोड़ते हुए आगे की ओर झुकें। छाती को इस प्रकार नीचे लाएं कि वह जांघों पर टिकी रहे। झुकते वक्त इस बात का ध्यान रखें कि नाभि पर ज्यादा दवाब आए। सिर और गर्दन को ऊपर की ओर रखें। धीरे-धीरे सांस छोड़ें और इस स्थिति को बनाए रखें। फिर सांस लेते हुए अपनी सामान्य अवस्था में आएं।
मंडूकासन के फायदे
फेफड़ों को रखें मजबूत
कैंसर को दूर भगाएं
पेट और हद्य में भी लाभकारी
पाचन तंत्र को रखें सही
लिवर, किडनी को रखें स्वस्थ
वजन घटाने में करें मदद
नौकासन करने का तरीका
नौकासन करने के लिए सबसे पहले आप पीठ के बल लेट जाएं। अब गहरी सांस भरें और दोनों पैरों को जितना ऊपर उठा सकते हैं उतना उठा लें। दोनों हाथों को पैरों के समान्तर रखते हुए उठें। अपने पैर और कोहनी को मोड़े बिना हाथ को घुटने तक सांस छोड़ने हुए आएं। इस स्थिति में थोड़ी देर रुके और फिर से इसे दोहराएं।
नौकासन के फायदे
फेफड़ों को करे मजबूत
स्पाइन की मसल्स को स्ट्रेच करता है जो नसों को मजबूती देती है।
पीठ को भी मजबूती देता है।
पूरे शरीर के एलाइनमेंट को सुधारता है।
भुजंगासन करने का तरीका
इस आसन को दो तरह से किया जाता है। इस आसन के लिए योग मैट में आराम से पेट के बल ले जाएं। इसके बाद दोनों हाथों को अपने मुंह के सामने लाकर एक दूसरे के पास रखकर पान का आकार दें। इसके बाद लंबी-लंबी सांस लेते हुए कमर के ऊपरी हिस्से को धीमे-धीमे उठाएं और फिर मुंह से अपने हथेलियों को छुए और फिर ऊपर जाएं। इस प्रक्रिया को 50 से 100 बार करना चाहिए।
भुजंगासन करने के फायदे
किडनी और लिवर को रखें हेल्दी
फेफड़ों और हार्ट की नसों के ब्लॉकेज खोलने में भी मदद मिलती है
शरीर को सुंदर और सुडौल बनाता है
रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है
मेटाबॉलिज्म सुधरता है
गोमुखासन करने का तरीका
पहले दोनों पैरों को सामने सीधे एड़ी-पंजों को मिलाकर बैठे। हाथ कमर से सटे हुए और हथेलियां जमीन पर टिकी रहें। अब बाएं पैर को मोड़कर एड़ी को दाएं नितम्ब के पास रखें। दाहिने पैर को मोड़कर बाएं पैर के ऊपर एक दूसरे से स्पर्श करते हुए रखें। इस स्थिति में दोनों जांघें एक-दूसरे के ऊपर रखी जाएंगी। अब सांस भरते हुए दाहिने हाथ को ऊपर उठाकर दाहिने कंधे को ऊपर खींचते हुए हाथ को पीछे पीठ की ओर ले जाएं। इसके बाद बाएं हाथ को पेट के पास से पीठ के पीछे से लेकर दाहिने हाथ के पंजें को पकड़े। गर्दन व कमर सीधी रखें। कुछ देर इसी स्थिति में रुकें और दूसरी तरफ से दोहराएं।
गोमुखासन के फायदे
शरीर को बनाए मजबूत
फेफड़ों को बनाए मजबूत
शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ाए
रीढ़ की हड्डी मजबूत कराए
योगमुद्रासन
इस आसन को करने के लिए सबसे पहले पद्मासन की मुद्रा में आएं और दोनों हाथों को पीठ की तरफ आराम से लेकर आएं। इसके बाद एक हाथ से पीठ के पीछे की ओर से दूसरे हाथ की कलाई को पकड़ें। अब आगे की ओर झुके। धीरे-धीरे सांस अंदर की तरफ खींचते हुए सिर को उठाएं और फिर पहली अवस्था में आएं।
योगमुद्रासन के फायदे
पेट और दिल के लिए लाभकारी
साइनस और माइग्रेन से छुटकारा
इम्यूनिटी बढ़ाता है
पाचन तंत्र सही करने में सहायक
लिवर और किडनी को स्वस्थ रखता है