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विश्व योग दिवस 2020: पहली बार योग करने वालों के लिए बेहतरीन 12 योगासन, जानिए तरीका

अगर आप भी रोजाना योग करने की सोच रहे हैं लेकिन आपको समझ नहीं आ रहा है कि आखिर किस योगाभ्यास से शुरुआत करें तो स्वामी रामदेव से जानिए ऐसे 12 योगासन।

Written by: India TV Lifestyle Desk
Published : June 20, 2020 13:32 IST
विश्व योग दिवस 2020: पहली बार योग करने वालों के लिए बेहतरीन 12 योगासन, जानिए तरीका
Image Source : TWITTER/JEANETTEJOY विश्व योग दिवस 2020: पहली बार योग करने वालों के लिए बेहतरीन 12 योगासन, जानिए तरीका

21 जून को पूरे विश्व में विश्व योगा दिवस मनाया जाएगा। कोरोना वायरस के कहर के कारण हर किसी को घर में रहकर अपने परिवार के साथ योग की आग्रह पीएम मोदी ने किया है। योग के द्वारा आपका शरीर तो हेल्दी रहता ही है। इसके साथ-साथ आपके व्यक्तित्व का भी संतुलन करता है। अगर आप भी रोजाना योग करने की सोच रहे हैं लेकिन आपको समझ नहीं आ रहा है कि आखिर किस योगाभ्यास से शुरुआत करें तो स्वामी रामदेव से जानिए ऐसे 12 योगभ्यास। जिन्हें करने से आपका शरीर हमेशा हेल्दी रहेगा। 

बिगनर्स के लिए 12 योगासन

ताड़ासन

इस आसन के लिए सीधे खड़े हो जाएं। कमर भी बिल्कुल सीधा रखें। इसके बाद दोनों हाथों की अंगुलियों को आप में फंसा लें। अब हथेलियों को अपने सिर के ऊपर ले जाएं। इसके बाद  धीरे-धीरे सांस लेते हुए पंजों के बल खड़े होते हुए शरीर को ऊपर की ओर खीचें। इस अवस्था में थोड़ी देर रहने के बाद दोबारा पुरानी अवस्था में आ जाएं। इस आसन को कम के कम 7-8 बार करें। इस योगासन को करने से पूरी बॉडी की स्ट्रेचिंग हो जाती है।

Yoga Day 2020: जानिए अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की थीम, इतिहास, स्वास्थ्य लाभ के साथ योग के बारे में सबकुछ

कोणासन

Image Source : TWITTER/PATHAKYOGA
कोणासन

कोणासन 

इस आसन के किए सबसे पहले बिल्कुल सीधे खड़े हो जाएं और दोनों पैरों के बीच थोड़ा सा अंतर रखें। इसके बाद लंबी सांस लेते हुए अपनी गर्दन को मोड़े और अपने शरीर को दाएं ओर में झुकाएं। बांए हाथ को बगल की ओर ऊपर लाएं और दांए हाथ को दांए टखने पर धीरे–धीरे नीचे ले जाए। इसके बाद दोनों हाथों की स्पीड और शरीर को बैलेंस करें। कुछ देर इस आसन को करके दूसरे ओर से करें। अगर कमर दर्द है तो वह आगे ज्यादा न झुकें वहीं अगर हार्निया है तो पीछे ज्यादा झुकने से बचें।

पादहस्तासन

Image Source : TWITTER/BIKRAMWERRIBEE
पादहस्तासन

पादहस्तासन

 इस आसन गोरिल्ला पोज के नाम से भी जानाता है। इसके लिए योग मौट में बिल्कुल सीधे खड़े हो जाएं। इसके बाद धीरे-धीरे झुके और अपने हाथों से पैरों सो छुएं। घुटनों को बिल्कुल सीधा करें। इसके साथ ही अपने सिर को घुटनों से टच करें। इसके साथ ही कूल्हों को सीधे रखें। इस अवस्था में कुछ देर रहें। इस आसन को करने से दिल से जुड़ी बीमारी, पेट की चर्बी, लंबाई बढ़ाने, दिमाग में रक्त का संचार में फायदेमंद।

मंडूकासन

Image Source : INSTAGRAM/ULTIMATEYOGAPRACTICE
मंडूकासन

मंडूकासन

 इस आसन के लिए व्रजासन या पद्मासन में बैठ जाएं। इसके बाद गहरी सांस लें और अपने दोनों हाथ के उंगलियों को मोड़कर मुट्ठी बनाएं। अब दोनों हाथ की मुट्ठी को नाभि के दोनों तरफ रखें और सांस छोड़ते हुए आगे की ओर झुकेंगे। इस आसन में थोड़ी देर रहने के बाद फिर आराम से  सांस छोड़ते हुए सीधे हो जाए।  इस आसन को 5-6 बार करें। इस आसन को करने से  मधुमेह वालों के लिए फायदेमंद। पैंक्रियाज में इंसुलिन रिलीज करने के साथ ही इम्यूनिटी को बढ़ाने में मदद करें।

उष्ट्रासन

Image Source : INSTAGRAM/JOVAYOGA
उष्ट्रासन

उष्ट्रासन

सबसे पहले योग मैट पर घुटनों के बल बैठ जाएं और आराम से अपने हाथ अपने हिप्स पर रख लें। इसके बाद पैरों के तलवे छत की तरफ रहें। सांस अंदर लेते हुए रीढ़ की निचली हड्डी को आगे की तरफ आने  का दबाव डालें। अब कमर को पीछे की तरफ मोड़ें। धीरे से हथेलियों की पकड़ पैरों पर ही  मजबूत बनाएं। बिल्कुल भी तनाव न लें। इस आसन में कुछ देर रहने के बाद आराम से पुरानी अवस्था में आ जाएं। इस योग को करने से पाचन और प्रजनन प्रणाली ठीक से काम करती है। पीठ दर्द, थायरॉयड आदि से निजात मिलता है। 

अर्ध मत्स्येन्द्रासन

Image Source : INSTAGRAM/SWAMI RAMDEV
अर्ध मत्स्येन्द्रासन

अर्ध मत्स्येन्द्रासन
इस आसन के लिए सबसे पहले दंडासन की मुद्रा में बैठ जाए। अब सांस लेते हुए रीढ़ की हड्डी को सीधा करें। इसके बाद बाएं पैर को मोड़ें और दाएं घुटने के ऊपर से लाकर बाएं पैर को जमीन पर रखें। इसके बाद दाहिने पैर को मोड़ें और पैर को बाएं कूल्हें के पास रखें। इसके बाद बाएं पैर के ऊपर से दाहिने हाथ को लाएं और बाएं पैर के अंगूठे को पकड़ें। लंबी सांस छोड़ते हुए गर्दन को मोड़े और बाएं कंधे पर अपना ध्यान लगाए। इसके बाद  जितना संभव हो उतना मोड़ें और गर्दन को मोड़ें जिससे कि बाएं कंधे पर दृष्टि केंद्रित कर सकें। बाएं हाथ को जमीन में रखकर आराम से नॉर्मल सांस लें कुछ देर इसी अवस्था में रहने के बाद दूसरी तरह से इस अवस्था को दोहराएं। इस आसन को करने से डायबिटीज, पेट, पीठ दर्द से निजात दिलाएं। रीढ़ की हड्डी में ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाएं। स्पाइन को लचीला बनाता है।

वक्रासन

Image Source : INDIA TV
वक्रासन

व्रकासन

अगर आप अर्ध मत्स्येंद्रासन नहीं कर पा रहे हैं तो इस आसन को कर सकते हैं। इससे भी वहीं लाभ मिलते है। इसके लिए सबसे पहले आराम से बैठ जाएं। इसके बाद अपने पैरों को सामने की ओर फैला देंगे पैरों के बीच में कोई गैप नहीं रहेगा इसके बाद दाएं पैर को मोड़ते हुए बाएं पैर के घुटने के बगल ले आएंगे और दाएं हाथ को पीठ के पीछे  से ले जाते हुए जमीन को स्पर्श करेंगे। इसके बाद  बाएं हाथ से दाहिने पैर के बाई ओर से हाथ डालते हुए दाहिने पैर के घुटने को छुएंगे। सांस की गति सामान्य रखें। इस आसन में 2-3 बार करें। इसी तरह दूसरी ओर से दोहराएं। 

गौमुखासन

Image Source : INSTAGRAM/_YOGLOGUE
गौमुखासन

गोमुखासन
 इस आसन के लिए वज्रासन की मुद्रा में बैठ जाएंगे आप चाहे तो दाहिने पैर को घुटने से मोड़ते हुए बाएं पैर के कुल्हें के नीचे रख सकते हैं और बाएं बाएं पैर को दोनों हाथों से उठाकर के घुटने से मोड़ते हुए दाहिने पैर के ठीक घुटने के ऊपर रखेंगे। इसके बाद बाएं हाथ को ऊपर से लेकर पीठ की ओर ले  जाएंगे। वहीं दूसरा हाथ नीचे से होते हुए पीठ के पास जाएगा। इसके बाद दोनों हाथों की अंगुलियों एक दूसरे से पकड़ लेंगे।  इस आसन को 5 मिनट तक किया जा सकता है। रीढ़ की हड्डी मजबूत, बवासीर में उपयोगी, लिवर-किडनी के लिए फायदेमंद।

भुजंगासन

Image Source : INSTAGRAM/VARUNA_OM
भुजंगासन

भुंजगासन
 इस आसन को दो तरह से किया जाता है। इस आसन के लिए योग मैट में आराम से पेट के बल ले जाएं। इसके बाद दोनों हाथों को अपने मुंह के सामने लाकर एक दूसरे के पास रखकर पान का आकार दें। इसके बाद  लंबी-लंबी सांस लेते हुए कमर के ऊपरी हिस्से को धीमे-धीमे उठाएं और फिर मुंह से अपने हथेलियों को छुए और फिर ऊपर जाएं। इस प्रक्रिया को 50 से 100 बार करना चाहिए।  इस आसन को करने से लंबाई बढ़ती है। इसके साथ ही शरीर की थकावट कम होती है। पेट की चर्बा से भी दिलाएं निजात। 

मर्कटासन
मर्कटासन कई तरीके से किया जाता है। इसके लिए पीठ के बंल आराम से लेट जाए। इसके बाद कंधों के बराबर अपने हाथों को फैलाएं। फिर दोनों पैरों को घुटनों से मोड़ लें। अब दोनों पैरों को मिलाकर पहले दाएं ओर करें। इसके साथ ही गर्दन को बाएं ओर मोड़े। फिर इस तरह दोबरा करें। इस आसन को करने से  पीठ दर्द से निजात, रीढ़ की हड्डी संबंधी हर समस्या से निजात, सर्वाइकल, गैस्ट्रिक, गुर्दे के लिए फायदेमंद।

शलभासन

Image Source : INSTAGRAM/ALEXANDERDETLEV
शलभासन

शलभासन
इस आसन को करने से पूरा शरीर फिट रहता है। इस आसन को करने के लिए  सहसे पहले पेट के बल योग मैट में लेट जाएं। इसके बाद दोनों पैरों के पंजों को जोड़ लें। और अपने दोनों हाथों को अपने जांघ के नीचे रख लें। इसके बाद धीमे-धीमे सांस भरते हुए पैरों को ऊपर उठाएं। इस स्थिति में कुछ देर रहने के बाद पुरानी स्थिति में आ जाएं। इस आसन को कम सम कम 5 मिनट करें। 

उत्तानपादासन
यह आसन बिल्कुल शलभासन के तरह होता है। बस इसमें पेट के बेल नहीं बल्कि पीठ के बल लेटकर किया जाता है। इस आसन को करने से छाती और मांसपेशियों में खिंचाव, पीठ के दर्द से निजात के साथ ही रीढ़ की हड्डी से सबंधी हर समस्या से निजात मिलता है। इसके साथ ही डायबिटीज कंट्रोल होने के साथ गर्दन और मांसपेशियों में खिंचाव होता है।

बिगनर्स करें ये प्राणायाम

भस्त्रिका
इस प्राणायाम को 3 तरह से किया जाता है। पहले में 5 सेंकड में सांस ले और 5 सेंकड में सांस छोड़े। दूसरे में ढाई सेंकड सांस लें और ढाई सेंकड में छोड़ें। तीसरा तेजी के साथ सांस लें और छोड़े।  इस प्राणायाम को लगातार 5  मिनट करें। 

कपालभाति
इस प्राणायाम को 5 से 10  मिनट करें। हर 5 मिनट के बाद 1 मिनट आराम करें। सामान्य व्यक्ति 3 बार 5-5 मिनट करें। इस आसन को हाइपरटेंशन, अस्थमा, खून की कमी, बीपी, हार्ट के ब्लॉकेज वाले लोग 2 सेकंड में एक स्ट्रोक करें।   

अनुलोम-विलोम
सबसे पहले पद्मासन की मुद्रा में बैठ जाएं। अब दाएं हाथ की अनामिका और सबसे छोटी उंगली को मिलाकर बाएं नाक पर रखें और अंगूठे को दाएं वाले नाक पर लगा लें। तर्जनी और मध्यमा को मिलाकर मोड़ लें। अब बाएं नाक की ओर से सांस भरें और उसे अनामिका और सबसे छोटी उंगली को मिलाकर बंद कर लें। इसके बाद दाएं नाक की ओर से अंगूठे को हटाकर सांस बाहर निकाल दें। इस आसन को 5 मिनट से लेकर आधा घंटा कर सकते हैं। इस आसन को करने से त्वचा संबंधी, दमकती त्वचा, डायबिटीज, ब्रेन संबंधी हर समस्या, तनाव, दिमाग को शांत रखें, ब्लड सर्कुलेशन ठीक रखने के साथ पाचन तंत्र को फिट रखने में मदद करता है।

उज्जयी प्राणायाम
गले से सांस अंदर भरकर जितनी देर रोक सके उतनी देर रोके। इसके बाद दाएं नाक को बंद करके बाएं नाक के छिद्र से छोड़े। इस आसन को करने से मन शांत रहता है, अस्थमा, टीबी, माइग्रेम, अनिद्रा आदि समस्याओं से दिलाएं निजात। 

भ्रामरी प्राणायाम
इस प्राणायाम को करने के लिए पहले सुखासन या पद्मासन की अवस्था में बैठ जाएं। अब अंदर गहरी सांस भरते हैं। सांस भरकर पहले अपनी अंगूलियों को ललाट में रखते हैं। जिसमें 3 अंगुलियों से आंखों को बंद करते हैं। अंगूठे से कान को बंद कते हैं। मुंह को बंदकर 'ऊं' का नाद करते हैं। इस प्राणायाम को 3-21 बार किया जा सकता है।  इस आसन को करने से तनाव से मुक्ति के साथ मन शांत रहेगा। ​​

उद्गीथ प्राणायाम 
इस प्राणायाम को करने के लिए पद्मासन या सुखासन में बैठ जाएं और शांत मन से 'ऊं' के उच्चारण करते हैं।  इस प्राणायाम को करने से पित्त रोग, धातु रोग, उच्च रक्तताप जैसे रोगो से निजात मिलता है।।

सूर्य नमस्कार
इस आज के पूरे 12 पोज होते हैं।  रोजाना सुबह के समय सूर्य के सामने इसे करने से शरीर को विटामिन डी भरपूर मात्रा में मिलता है जिससे शरीर को मजबूती मिलने के साथ ही स्वस्थ रखने में भी मदद मिलती है। इसके साथ ही आप दिनभर एनर्जी से भरपूर रहते हैं। 

 

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