आज के समय में खराब लाइफस्टाइल और खानपान के कारण 10 में से 1 व्यक्ति मोटापे से परेशान है। इस समस्या से निजात पाने के लिए हम कई तरह के दवाओं या फिर जिम का सहारा लेते हैं। मोटापा कम करने के लिए योग सबसे अच्छी ऑप्शन है। जिसके द्वारा आप नैचुरल तरीके से अपना वजन कम कर सकते हैं। जानिए घर पर रहकर किस तरह करें अपना वजन कम।
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वजन कम करने के लिए योगासन
त्रिकोणासन
इस आसन के लिए सीधे खड़े हो जाए। अब दाएं हाथ को उठाकर बाएं पैर की ओर धीरे से झुके। जितना हो सके उतना झुके। दाए हाथ झुटने तक और बाएं हाथ टखने तक ले जाए। इस आसन में कुछ देर रहें। फिर इसी तरह दूसरी तरह करें। इस आसन को करने से पेट की चर्बी कम होगी। इसके साथ-साथ डायबिटीज, डिप्रेशन को करें कंट्रोल, इस आसन को कम से कम 50 बार करें।
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कोणासन
इस आसन के लिए सबसे पहले सीधे खड़े हो जाएं और दोनों पैरों के बीच में गैप रखें। अब दोनों हाथों को कंधे के बराबर लाएं। इसके बाद दाएं हाथ से धीरे-धारे बाएं पैर को छुएं और दाएं हाथ को सीधा रखें। दाएं हाथ की तरफ गर्दन रखें। इसके साथ रही दाएं हाथ की हथेली को देंखे। इस अवस्था में थोड़ी देर बाज सीधे ह जाए। इसके बाद इसे दूसरी ओर से करें। इस आसन को करने से शरीर में मौजूद एक्ट्रा फैट सेल्स ऊर्जा में परिवर्तित हो हो जाते हैं। इसके साथ ही मांसपेशियां मजबूत हो होती है।
तिर्यक ताड़ासन
योग मैट में सबसे पहले सीधे खड़े हो जाएं और दोनों पैरों के बीच 1-2 फुट की दूरी बनाएं। इसके बाद दोनो हाथों कीअंगुलियों को इंटरलॉक कर लें इसके बाद हाथ को सिर के ऊपर लेकर जाकर उठाएं। अब पहले दाएं और झुकेंगे। कोहनियां सीधी रखें। इसके बाद बाएं और झुके। इस आज को को 10-20 बार करें। इससे आपका वजन तेजी से कम होगा।
स्थित कोणासन
इस आसन कोणासन की तरह ही होता है बस इसे बैठकर किया जाता है। इस आसन को करने से कमर और जांघो की चर्बी कम होगी। इसके अलावा डायबिटीज को करें कंट्रोल।
पश्चिमोत्तानासन
इस आसन के लिए सबसे पहले पैर फैलाकर बैठ जाएं। आपके दोनों पैर आपस में सटे हों और घुटने बिल्कुल सीधे रहें। अब धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए दोनों हाथों को ऊपर उठाएं और फिर धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए आगे कि ओर झुकें और माथे को घुटनों से सटाते हुए हाथों से पैरों के अंगुठों को पकड़ने का प्रयास करें। कुछ सेंकड इसी मुद्रा में रहने के बाद सामान्य गति से सांस लेते रहें। कुछ देर बाद आराम से सीधे हो जाएं। इस आसन को भी करीब 15-20 बार करना चाहिए।
पादहस्तासन
इस आसन गोरिल्ला पोज के नाम से भी जानाता है। इसके लिए योग मैट में बिल्कुल सीधे खड़े हो जाएं। इसके बाद धीरे-धीरे झुके और अपने हाथों से पैरों सो छुएं। घुटनों को बिल्कुल सीधा करें। इसके साथ ही अपने सिर को घुटनों से टच कराएं। इसके साथ ही कूल्हों को सीधे रखें। इस अवस्था में कुछ देर रहें। इस आसन को करने से दिल से जुड़ी बीमारी, पेट की चर्बी, लंबाई बढ़ाने, दिमाग में रक्त का संचार में फायदेमंद।
पाद वृत्तासन
सबसे पहले पीठ के बल लेट जाएं, दोनों पैर आपस में मिले हुए और हथेलियों को जंघाओं के नीचे ज़मीन पर रख लें। अब धीरे से दाएं पैर को ऊपर की तरफ उठाएं और इसे अधिक से अधिक गोलाकार चक्र में घुमाएं। इस पैर से 10 बार करने के बाद दूसरे पैर से यहीं प्रक्रिया करें। इसके बाद दोनों पैरों को उल्टी दिशा की ओर भी घुमाएं। इस आसन को 10-10 करके 3 सेट करें। इस आसन को करने से जांघ, पेट, कमर की चर्बी करें कम। शरीर को सुडौल बनाएं। पैरों के दर्द, थकान, कमजोरी की समस्या से निजात पाएं।
भुंजगासन
इस आसन को दो तरह से किया जाता है। इस आसन के लिए योग मैट में आराम से पेट के बल ले जाएं। इसके बाद दोनों हाथों को अपने मुंह के सामने लाकर एक दूसरे के पास रखकर पान का आकार दें। इसके बाद लंबी-लंबी सांस लेते हुए कमर के ऊपरी हिस्से को धीमे-धीमे उठाएं और फिर मुंह से अपने हथेलियों को छुए और फिर ऊपर जाएं। इस प्रक्रिया को 50 से 100 बार करना चाहिए।
द्विचक्रिकासन
इस आसन के लिए सबसे पहले योग मैट में शवासन की मुद्रा में लेट जाएं। अब आपको लेटे-लेटे साइकिल चलानी है। इसके लिए पहले एक पैर उठाएं और साइकिल चलाने जैसा आगे-पीछे, ऊपर-नीचे करिए। इस आसन को 25-50 बार करें। इससे वजन बढ़ने के साथ शरीर में मजबूती आएगी।
अर्ध हलासन
इस आसन के लिए सबसे पहले पीठ के बल लेट जाए इसके बाद अपने हाथों को जांघों के पास रख लें। अब अपने पैरों को बिना मोड़े को ऊपर की ओर उठाएं। इसके बाद सांस छोड़ते हुए पैरों को सिर के पीछे ले जाएं। ऐसे ही कुछ देर रहें। इसके बाद आराम से वापस अपनी मुद्रा में वापस आ जाए ।
मोटापा कम करने के लिए प्राणायाम
भस्त्रिका
इस प्राणायाम को 3 तरह से किया जाता है। पहले में 5 सेंकड में सांस ले और 5 सेंकड में सांस छोड़े। दूसरे में ढाई सेंकड सांस लें और ढाई सेंकड में छोड़ें। तीसरा तेजी के साथ सांस लें और छोड़े। इस प्राणायाम को लगातार 5 मिनट करें।
कपालभाति
कपालभाति हर रोग से निजात दिलाने का सबसे कारगर उपाय है। इसके द्वारा कैंसर, डायबिटीज, हाइपरटेंशन, अस्थमा, खून की कमी, बीपी, हार्ट के ब्लॉकेज आदि की समस्या से निजात मिल जाता है।
अनुलोम-विलोम
सबसे पहले पद्मासन की मुद्रा में बैठ जाएं। अब दाएं हाथ की अनामिका और सबसे छोटी उंगली को मिलाकर बाएं नाक पर रखें और अंगूठे को दाएं वाले नाक पर लगा लें। तर्जनी और मध्यमा को मिलाकर मोड़ लें। अब बाएं नाक की ओर से सांस भरें और उसे अनामिका और सबसे छोटी उंगली को मिलाकर बंद कर लें। इसके बाद दाएं नाक की ओर से अंगूठे को हटाकर सांस बाहर निकाल दें। इस आसन को 5 मिनट से लेकर आधा घंटा कर सकते हैं।
उज्जयी प्राणायाम
गले से सांस अंदर भरकर जितनी देर रोक सके उतनी देर रोके। इसके बाद दाएं नाक को बंद करके बाएं नाक के छिद्र से छोड़े।
भ्रामरी प्राणायाम
इस प्राणायाम को करने के लिए पहले सुखासन या पद्मासन की अवस्था में बैठ जाएं। अब अंदर गहरी सांस भरते हैं। सांस भरकर पहले अपनी अंगूलियों को ललाट में रखते हैं। जिसमें 3 अंगुलियों से आंखों को बंद करते हैं। अंगूठे से कान को बंद कते हैं। मुंह को बंदकर 'ऊं' का नाद करते हैं।
उद्गीथ प्राणायाम
इस प्राणायाम को करने के लिए पद्मासन या सुखासन में बैठ जाएं और शांत मन से 'ऊं' के उच्चारण करते हैं।