21 जून को पूरा विश्व योग दिवस मना रहा है। कोरोना वायरस की वजह से इसे पहली बार डिजिटल मंच पर सेलिब्रेट किया जा रहा है। स्वामी रामदेव ने इस खास मौके पर इंडिया टीवी के स्पेशल प्रोग्राम में 21 योगासनों के बारे में बताया, जिसे अपनाकर आप तन और मन दोनों को स्वस्थ रख सकते हैं। इस खास मौके पर उत्तराखंड के हरिद्वार में बच्चों ने भी योग करके दिखाया।
स्वामी रामदेव ने कहा कि आज अंतरराष्ट्रीय योग दिवस है, इसलिए 21 खास योगासनों के बारे में बताएंगे। उन्होंने सबसे पहले नटराजासन के बारे में बताया। इस आसन को बच्चों ने करके दिखाया।
नटराजासन: ये नर्वस सिस्टम को सही करने में सहायक है। शरीर पर कंट्रोल करने की क्षमता को बढ़ाता है। इसके अभ्यास से फोकस बढ़ता है। पैर मजबूत और फ्लेक्सिबल बनते हैं। ये तनाव और चिंता दूर करने में भी सहायक है। मन और मस्तिष्क शांत होता है।
द्विपाद स्कंधासन: इससे अनियमित पीरियड्स को ठीक करने में मदद मिलती है। डायजेस्टिव सिस्टम बेहतर होता है। अपच की समस्या खत्म होती है। पुरुषों से जुड़े रोगों में बेहद कारगर है। स्पाइन में फ्लेक्सिबिलिटी आती है।
पूर्ण उष्ट्रासन: शरीर में फ्लेक्सिबिलिटी आती है। मसल्स में ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है। चेहरा सुंदर और चमकदार बनता है।
पूर्ण चक्रासन: इस योगासन से पेट की चर्बी और मोटापा खत्म होता है। स्ट्रेस, डिप्रेशन और एंजाइटी से राहत मिलती है। थाइरॉयड की समस्या कम करता है। इम्युनिटी को बूस्ट करने में मदद मिलती है। साथ ही पीठ, कमर और घुटनों का दर्द दूर होता है।
डिम्बासन: इससे शरीर लचीला और मजबूत बनता है। रीढ़ की हड्डी मजबूत बनती है। इसके अभ्यास से फैट खत्म होता है। बॉडी में ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है। डाइजेस्टिव सिस्टम में सुधार होता है और बॉडी सुडौल बनती है।
विपरीत टिट्टिभासन: इस योगासन से पूरे शरीर की हड्डियां मजबूत होती हैं। ये मांसपेशियों को बेहद सख्त बनाता है। साधारण रोग अपने आप ठीक हो जाते हैं। शरीर मजबूत और ताकतवर बनता है।
उत्थित टिट्टिभासन: इससे कलाई और बांहों को मजबूती मिलती है। पैरों और फीट में स्ट्रेचिंग होती है। आपकी स्किन में ग्लो आता है। पूरे शरीर में संतुलन बनता है।
कंठ भुजंगासन: इसके अभ्यास से पेट सही रहता है। स्पाइन, ग्लूटियल मसल्स मजबूत होती है। पेट और कमर दर्द में भी राहत मिलती है।
कंठ वृश्चिकासन: ये चेहरे की सुंदरता को बढ़ाता है। पेट की बीमारियों को दूर करता है। यूरिन प्रॉब्लम में भी लाभदायक है। रीढ़, कोहनी, कंधे और गर्दन की स्ट्रेचिंग होती है। शरीर स्वस्थ और मजबूत होता है।
पूर्ण शलभासन: इसके अभ्यास से मोटापा घटता है। मांसपेशियां मजबूत होती हैं। पेट और कमर भी मजबूत बनता है। डाइजेशन से जुड़ी समस्या भी दूर होती है। निरोगी शरीर के लिए ये आसन बेहद जरूरी है।
पद्म मयूरासन: इससे लीवर और किडनी को स्वस्थ रखने में मदद मिलती है। पैंक्रियाज और गुर्दे के लिए लाभकारी होता है। लंग्स के लिए बेहद उपयोगी है। डायबिटीज में फायदेमंद आसन है। कंधे और हाथ भी मजबूत होते हैं। चेहरे पर चमक आती है। आंखों की रोशनी की समस्या दूर होती है। पाचन तंत्र मजबूत होता है।
कौण्डिन्य आसन: इस योगासन से हाथ और कंधे ताकतवर बनते हैं। बॉडी में बैलेंस लाने में मददगार है। इससे स्पाइनल कार्ड मजबूत होता है। शरीर लचीला और मजबूत बनता है। जांघों की चर्बी खत्म होती है।
ओंकार प्राणायाम: इससे बॉडी के इंटरनल पार्ट की सफाई होती है। बॉडी डिटॉक्स में भी मदद मिलती है। शरीर स्वस्थ सुंदर बनता है। वोकल कॉर्ड में ट्यूनिंग बनती है। सांस से जुड़ी समस्याएं भी खत्म होती है। ब्लड प्यूरिफिकेशन में मदद मिलती है।
चक्रासन: इससे बुढ़ापा दूर होता है। त्वचा में चमक आती है। कमर और रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है। सीने को चौड़ा करता है। मोटापे को कम करता है।
सूर्य नमस्कार: ये वजन कम करने में सहायक है। हाई बीपी को कंट्रोल करता है। तनाव की समस्या दूर होती है। एनर्जी लेवल बढ़ाने में सहायक है। रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। शरीर को डिटॉक्स करता है। त्वचा में प्राकृतिक निखार आता है। पातन तंत्र बेहतर होता है। शरीर में लचीलापन आता है।
मंडूकासन: इस आसन को करने से मधुमेह वालों के लिए फायदेमंद। पैंक्रियाज में इंसुलिन रिलीज करने के साथ ही इम्युनिटी को बढ़ाने में मदद करें।
गोमुखासन: इस आसन को 5 मिनट तक किया जा सकता है। रीढ़ की हड्डी मजबूत, बवासीर में उपयोगी, लिवर-किडनी के लिए फायदेमंद।
भुजगांसन: इस आसन को करने से लंबाई बढ़ती है। इसके साथ ही शरीर की थकावट कम होती है। पेट की चर्बा से भी दिलाएं निजात।
अनुलोम-विलोम: इस आसन को 5 मिनट से लेकर आधा घंटा कर सकते हैं। इस आसन को करने से त्वचा संबंधी, दमकती त्वचा, डायबिटीज, ब्रेन संबंधी हर समस्या, तनाव, दिमाग को शांत रखें, ब्लड सर्कुलेशन ठीक रखने के साथ पाचन तंत्र को फिट रखने में मदद करता है।
ताड़ासन: ताड़ासन द्वारा आसानी से लंबाई बढ़ाई जा सकती है। इसके साथ-साथ रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है।
कपालभाति: कपालभाति करने से एलर्जी की समस्या से निजात मिलता है। तनाव, टेशन से निजात मिलने के साथ दिमाग करें तेज। मेटाबॉलिज्म को तेज करें जिससे आपका वजन तेजी से कम होता है।