21 जून को पूरा विश्व अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मना रहा है। पहली बार ऐसा हो रहा है, जब कोरोना वायरस की वजह से इस दिन को घर पर ही सेलिब्रेट किया जा रहा है। इस खास दिन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को संबोधित किया और कहा कि इस महामारी से बचने के लिए अपने जीवन में प्राणायाम को जरूर शामिल करें। इसके अलावा उन्होंने योग का अर्थ बताते हुए कहा कि ये दूरियों को खत्म करता है और हमें एक-दूसरे से जोड़ता है।
पीएम मोदी ने योग दिवस स्वामी विवेकानंद और गीता के श्री कृष्ण का भी जिक्र किया। साथ ही कहा कि अपने काम को सही ढंग से करना भी योग है। आइये जानते हैं पीएम मोदी की खास बातों को...
सबसे पहले तो पीएम मोदी ने देशवासियों को विश्व योग दिवस की शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का ये दिन एकजुटता का दिन है। ये विश्व बंधुत्व के संदेश का दिन है।
विश्व योग दिवस 2020: पीएम मोदी ने दिया फिटनेस का मंत्र, कहा- प्राणायाम को जीवन में शामिल करना जरूरी
1. पीएम ने कहा, "जो हमें जोड़े, साथ लाये वही तो योग है। जो दूरियों को खत्म करे, वही तो योग है। कोरोना के इस संकट के दौरान दुनिया भर के लोगों का माई लाइफ-माई योगा वीडियो ब्लॉगिंग कंपटीशन में हिस्सा लेना, दिखाता है कि योग के प्रति उत्साह कितना बढ़ रहा है।
2. पीएम मोदी ने कहा, 'बच्चे, बड़े, युवा, परिवार के बुजुर्ग, सभी जब एक साथ योग के माध्यम से जुड़ते हैं, तो पूरे घर में एक ऊर्जा का संचार होता है। इसलिए, इस बार का योग दिवस, भावनात्मक योग का भी दिन है, हमारी फैमिली बॉन्डिंग को भी बढ़ाने का दिन है।
3. कोविड 19 वायरस खासतौर पर हमारे श्वसन तंत्र, यानि कि रेस्पिरेटरी सिस्टम पर हमला करता है। हमारे रेस्पिरेटरी सिस्टम को मजबूत करने में जिससे सबसे ज्यादा मदद मिलती है वो है प्राणायाम, यानि कि ब्रीदिंग एक्सरसाइज।
4. आप प्राणायाम को अपने डेली अभ्यास में जरूर शामिल करिए, और अनुलोम-विलोम के साथ ही दूसरी प्राणायाम टेकनिक्स को भी सीखिए।
5. मोदी ने कहा, स्वामी विवेकानंद कहते थे- “एक आदर्श व्यक्ति वो है जो नितांत निर्जन में भी क्रियाशील रहता है, और अत्यधिक गतिशीलता में भी सम्पूर्ण शांति का अनुभव करता है”। किसी भी व्यक्ति के लिए ये एक बहुत बड़ी क्षमता होती है।
6. पीएम ने कहा, योग का अर्थ ही है- ‘समत्वम् योग उच्यते’ अर्थात, अनुकूलता-प्रतिकूलता, सफलता-विफलता, सुख-संकट, हर परिस्थिति में समान रहने, अडिग रहने का नाम ही योग है।
7. पीएम ने कहा, योग एक स्वस्थ ग्रह के लिए हमारी खोज को बढ़ाता है। यह एकता के लिए एक शक्ति के रूप में उभरा है और मानवता के बंधनों को गहरा करता है। इसमें भेदभाव नहीं है। यह जाति, रंग, लिंग, विश्वास और राष्ट्रों से परे है। योग को कोई भी गले लगा सकता है।
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8. पीएम मोदी ने कहा, गीता में भगवान कृष्ण ने योग की व्याख्या करते हुए कहा है- ‘योगः कर्मसु कौशलम्’ अर्थात्, कर्म की कुशलता ही योग है।
9. मोदी ने कहा, हमारे यहाँ कहा गया है- युक्त आहार विहारस्य, युक्त चेष्टस्य कर्मसु। युक्त स्वप्ना-व-बोधस्य, योगो भवति दु:खहा।। अर्थात्, सही खान-पान, सही ढंग से खेल-कूद, सोने-जागने की सही आदतें, और अपने काम, अपनी ड्यूटी को सही ढंग से करना ही योग है।
10. एक सजग नागरिक के रूप में हम परिवार और समाज के रूप में एकजुट होकर आगे बढ़ेंगे। हम प्रयास करेंगे कि घर पर योग और परिवार के साथ योग को अपने जीवन का हिस्सा बनाएँ। हम ज़रूर सफल होंगे, हम ज़रूर विजयी होंगे।