
अनियमित लाइफ स्टाइल और गलत खानपान की वजह से लोगों का वजन तेजी से बढ़ रहा है। ऐसे में बढ़ते मोटापे को कम करने के लिए लोग एक्सरसाइज़ से लेकर हेल्दी डाइट फॉलो करते हैं। हाल फिलहाल लोगों में वजन कम करने के लिए इंटरमिटेंट फास्टिंग (Intermittent Fasting) का क्रेज देखने को मिल रहा है। इंटरमिटेंट फास्टिंग में वजन तेजी से कम होता है। लेकिन आपको यह जानकार हैरानी होगी कि यह डाइट प्लान कुछ लोगों के लिए बिलकुल भी सही नहीं है। चलिए जानते हैं किन लोगों को इंटरमिटेंट फास्टिंग करने से बचना चाहिए?
इन लोगों को नहीं करना चाहिए इंटरमिटेंट फास्टिंग:
-
लगातार थकान: अगर आप लगातार थका हुआ महसूस कर रहे हैं और ऊर्जा की कमी महसूस कर रहे हैं, तो यह संकेत हो सकता है कि इंटरमिटेंट फ़ास्टिंग आपको पर्याप्त पोषक तत्व या कैलोरी प्रदान नहीं कर रहा है।
-
बार-बार चक्कर आना: नियमित रूप से चक्कर आना या हल्का सिरदर्द महसूस करना यह संकेत दे सकता है कि आपका रक्त शर्करा का स्तर अस्थिर है या आपको पर्याप्त पोषक तत्व नहीं मिल रहे हैं।
-
लगातार सिरदर्द: नए खाने के पैटर्न को समायोजित करते समय कभी-कभी सिरदर्द हो सकता है, बार-बार या गंभीर सिरदर्द यह संकेत दे सकता है कि इंटरमिटेंट फ़ास्टिंग आपके लिए सही नहीं है।
-
पाचन संबंधी समस्याएं: पेट फूलना, कब्ज या पेट दर्द जैसी समस्याएं यह संकेत दे सकती हैं कि आपका पाचन तंत्र उपवास अवधि के साथ अच्छी तरह से तालमेल नहीं बिठा पा रहा है।
-
सोने में कठिनाई: अगर इंटरमिटेंट फ़ास्टिंग आपकी नींद के पैटर्न को बाधित कर रहा है या अनिद्रा का कारण बन रहा है, तो यह संकेत हो सकता है कि आपका शरीर उपवास अवधि के साथ अच्छी तरह से तालमेल नहीं बिठा पा रहा है।
-
ऊर्जा में कमी: अगर आप वर्कआउट के दौरान लगातार कमज़ोरी या सहनशक्ति में कमी महसूस कर रहे, तो यह संकेत है आपके लिए सही नहीं है। इसका मतलब है कि आपके शरीर को ज़रूरी पोषक तत्व या ऊर्जा नहीं मिल रही है। अगर आप भी इन लक्षणों का अनुभव कर रहे हैं, तो आपके लिए सही विकल्प नहीं हो सकता है।