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new health insurance policy: बीमा कंपनियां फिर से स्वास्थ्य पॉलिसी लाने को तैयार, जानें कैसी होगी नई स्कीम

new health insurance policy: स्वास्थ्य जीवन बीमा कंपनियां फिर से नई स्वास्थ्य पॉलिसी की पेशकश करने के लिए तैयार हैं।

Edited By: Dharmendra Kumar Mishra
Published : Aug 28, 2022 18:23 IST, Updated : Aug 28, 2022 18:23 IST
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Image Source : INDIA TV health policy

Highlights

  • स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी लेकर आ रहीं तमाम कंपनियां
  • आधुनिक जरूरतों के अनुसार होगा पॉलिसी में बदलाव
  • स्वास्थ्य बीमा क्षेत्र में बड़ा मुनाफा कमाती हैं कंपनियां

new health insurance policy: स्वास्थ्य जीवन बीमा कंपनियां फिर से नई स्वास्थ्य पॉलिसी की पेशकश करने के लिए तैयार हैं। कंपनियों को स्वास्थ्य बीमा खंड में दोबारा मंजूरी देने संबंधी भारतीय बीमा नियामक एवं स्वास्थ्य प्राधिकरण (आइआरडीएआइ) के स्पष्ट संकेत के बीच भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआइसी) और अन्य बड़ी जीवन बीमा कंपनियां क्षतिपूर्ति-आधारित स्वास्थ्य बीमा कारोबार में फिर से कदम रखने का मन बना रही हैं। 

एलआइसी के अलावा आइसीआइसीआइ प्रूडेंशियल लाइफ, एचडीएफसी लाइफ और बजाज आलियांज लाइफ जैसी बीमा कंपनियों का कहना है कि वर्ष 2016 में रोक लगने के पहले वे मेडिक्लेम पॉलिसी की भी पेशकश कर रही थीं, लेकिन आइआरडीएआइ ने उन्हें ऐसा करने से रोक दिया। इन बीमा कंपनियों का कहना है कि जब बीमा नियामक उन्हें फिर से मेडिक्लेम पॉलिसी बेचने की मंजूरी देने का संकेत दे रहा है तो वे इस कारोबार में दोबारा कदम रखने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। 

ऐसी होगी पॉलिसी

ये सभी कंपनियां इस समय भी गैर-क्षतिपूर्ति पर आधारित स्वास्थ्य पॉलिसी की पेशकश कर रही हैं। क्षतिपूर्ति-आधारित स्वास्थ्य योजनाओं यानी मेडिक्लेम पॉलिसी का सालाना नवीनीकरण होता है या उनकी बिक्री एक साल की वैधता के साथ की जाती है। यह देश में सबसे अधिक बिकने वाली स्वास्थ्य योजनाएं हैं। हालांकि बीमा नियामक ने वर्ष 2016 में जीवन बीमा कंपनियों को ऐसी योजनाओं को बेचने से रोक दिया था। तब से जीवन बीमाकर्ताओं को केवल निश्चित लाभ स्वास्थ्य योजनाओं की पेशकश की ही अनुमति है। एलआइसी ने इस बारे में संपर्क किए जाने पर कहा, ‘‘हम नियामक से मिले प्रस्ताव की समीक्षा कर रहे हैं क्योंकि स्वास्थ्य जीवन बीमा के हमारे मुख्य व्यवसाय से जुड़ा है। इसमें कुछ भी नया नहीं है क्योंकि हम दशकों से इसमें सक्रिय हैं और कई गैर-क्षतिपूर्ति उत्पादों की पेशकश कर भी रहे हैं। एलआईसी के चेयरमैन एम टी कुमार ने पीटीआइ-भाषा से कहा, ‘‘हम पहले से ही कई दीर्घकालिक स्वास्थ्य सुरक्षा और गारंटीकृत स्वास्थ्य उत्पादों की पेशकश कर रहे हैं। हम नियामक द्वारा दिए गए सुझावों का मूल्यांकन कर रहे हैं।

वर्ष 2030 तक देश के हर व्यक्ति के पास स्वास्थ्य पॉलिसी का लक्ष्य
आइआरडीएआइ के प्रमुख देबाशीष पांडा ने गत दिनों कहा था कि जीवन बीमा कंपनियों को स्वास्थ्य क्षेत्र में फिर से कदम रखने का समय आ गया है। वर्ष 2030 तक हरेक नागरिक के पास स्वास्थ्य पॉलिसी होने का लक्ष्य पाने के लिए ऐसा करना जरूरी है। हालांकि बाद में पांडा ने कहा कि इस बारे में अभी कोई निर्णय नहीं लिया गया है। निजी क्षेत्र की कंपनी आइसीआइसीआइ प्रूडेंशियल लाइफ ने कहा कि नियामकीय प्रतिबंध लगने पर अधिकांश ग्राहकों को पोर्ट आउट (पॉलिसी जारी रखते हुए कंपनी बदलना) की अनुमति देने के बावजूद स्वास्थ्य क्षेत्र में आज भी उसके पास 2.63 लाख का एक बड़ा ग्राहक आधार मौजूद है। आइसीआइसीआइ  प्रूडेंशियल के प्रबंध निदेशक एन एस कन्नन ने कहा, ‘‘हम स्वास्थ्य बीमा में फिर से प्रवेश करने के इच्छुक हैं क्योंकि इसमें कुछ भी नया नहीं है।

 2016 में अचानक प्रतिबंध लगने से पहले कई वर्षों तक हम इस खंड में मौजूद रहे हैं। यह पूरी तरह से जीवन बीमा कारोबार से मेल खाता है।’’ जीवन बीमा क्षेत्र की एक अन्य कंपनी बजाज आलियांज लाइफ ने भी कहा कि वह फिर से इस क्षेत्र पर ध्यान देगी। बजाज आलियांज लाइफ के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी तरुण चुग ने कहा, ‘‘हम यह समझना चाहते हैं कि यह प्रस्ताव किस दिशा में जाएगा। एक कंपनी के रूप में हम ग्राहकों की स्वास्थ्य बीमा जरूरतों को पूरा करने के लिए अच्छी तरह से तैयार हैं।

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