कोरोना वायरस का कहर से पूरी दुनिया बेहाल है। भारत में भी इस महामारी के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। भारत, चीन, अमेरिका सहित कई देशों के डॉक्टर्स और वैज्ञानिक लगातार इस महामारी की वैक्सीन बनाने की कोशिश कर रहे हैं। कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए लोग कारगर उपाय कर रहे हैं। वहीं पिछले कुछ महीनों को लेकर बात की जाए तो बुजुर्गों और किसी बीमारी से पीड़ित व्यक्ति कोरोना के सबसे पहले शिकार हो रहे हैं। इसी बीच चेन्नई से पहला मामला ऐसा सामने आया जिससे 8 साल का बच्चा कोरोना से संक्रमित है। वह लड़का कोरोनो वायरस से जुड़े हाइपर-इन्फ्लेमेटरी सिंड्रोम से प्रभावित मिला है। यह बीमारी बच्चों को सबसे अधिक होती हैं। जानिए इस बीमारी के बारे में सबकुछ।
अमेरिका और यूरोपीय देशों के बच्चों को बीमार करने वाली इस दुर्लभ बीमारी से भारत में भी दस्तक दे दी है। इस बीमारी में शरीर में सूजन आ जाती हैं। चेन्नई में 8 साल के बच्चे को कांची कामकोटि चाइल्ड्स ट्रस्ट अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया गया था। इस बच्चे के शरीर में टॉक्सिक शॉक सिंड्रोम और कावासाकी बीमारी के लक्षण मिले थे। इस बारे में अस्पताल से रिपोर्ट आई जिसमें बताया गया कि पीड़ित बच्चे की गहन देखभाल की गई और 2 सप्ताह के बाद वो ठीक हो गया।
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क्या है कावासाकी रोग?
कावासाकी बीमारी शरीर की रक्तवाहिनियों से जुड़ी बीमारी है। इस बीमारी में रक्तवाहिनी की दीवारों में सूजन होती है। जिसके कारण यह हृदय तक खून पहुंचाने वाली धमनियों को कमजोर कर देती है। ऐसी स्थिति में बुखार के साथ स्किन पर चकत्ते दिखना, हाथों और गले में सूजन और आंखों का लाल होना आदि लक्षण नजर आते हैं।
कावासाकी रोग के लक्षण
- तेज बुखार
- स्किन में लाल या पीले चकत्ते पड़ना
- सूजन
- आंखों के सफेद भाग में लालिमा होना।
- मुंह, गले और होंठ में सूजन
- पेट संबंधी समस्याएं
- जोड़ों में दर्द
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कावासाकी रोग होने का कारण
इसके कारण अभी तक स्पष्ट रूप से सामने नहीं आए है। इस बारे में डॉक्टरों का कहना है कि इम्यूनिटी सिस्टम में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी के कारण ये समस्या होती है। इसके अलावा ये अनुवांशिक, किसी वायरस या बैक्टीरिया के कारण या फिर किसी केमिकल के कारण हो सकती है।
कावासाकी और कोरोना वायरस में क्या है संबंध?
कावासाकी रोग को वर्तमान में युवा सीओवीआईडी -19 रोगियों में एक संभावित जटिलता के रूप में देखा जा रहा है। हालांकि अभी तक विशेषज्ञ भी इस बात को स्पष्ट रूप से नहीं कर रहे हैं क्योंकि विशेषज्ञों ने पहले सुझाव दिया था कि बच्चों को कोरोनो वायरस संक्रमण का एक हल्का वर्जन मिलता है।
इटली की बात करें तो कोविड 19 के साथ कई बच्चो में कावासाकी के मामले सामने आएं। वहीं इस बारे में बिट्रेन ने कहा कि अगर किसी बच्चें में ऐसे लक्षण नजर आते हैं तो उसे तुरंत अस्पताल भेजना चाहिए।