इन दिनों दिल्ली-नोएडा सहित कई राज्यों में गर्मी अपना प्रचंड रूप दिखा रही है। दिल्ली में इस समय पारा 40 डिग्री के पार पहुंच गया है। चिलचिलाती धूप और भयंकर गर्मी से लोग डिहाइड्रेशन का शिकार हो रहे हैं। हीट वेव को लेकर सरकार ने भी अलर्ट जारी कर दिया है। हीट वेव की वजह से लोगों को हीट क्रैम्प्स और हीट रैश की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। अगर आप भी इन प्रेषियोंस इ जूझ रहे हैं तो चलिए हम आपको बताते हैं आप घर पर ही हीट इलनेस का इलाज़ कैसे करें?
बढ़ती गर्मी से हो सकती हैं ये समस्याएं:
हीट रैश की समस्या: (Heat Rash Problem)
हीट रैश को घमौरियां भी कहते हैं। यह समस्या सिर्फ बच्चों में ही नहीं बल्कि वयस्कों को भी प्रभावित करती है। खासकर, अगर गर्म मौसम में घमोरियों की परेशानी तेजी से बढ़ती है। यह परेशानी तब होती है जब पसीना त्वचा में फंस जाता है।
कैसे करें बचाव: स्किन के जिस एंड पर आपको हीट रैश हुआ है उस प्रभवित एरिया को ठंडा और कूल रखें।
हीट क्रैम्प्स: (Heat Cramps:)
गर्मी के मौसम में लोग हीट क्रैम्प की समस्या से भी बेहद परेशान होते हैं। हीट क्रैम्प में मांसपेशियों में ऐंठन आने लगता है और असहनीय दर्द होने लगता है। जिन लोगों को बहुत ज़्यादा पसीना आता है, उन्हें हीट क्रैम्प्स होने का खतरा हो सकता है। दरअसल, गर्मी में ज़्यादा पसीना निकलने से क्रैम्प्स की शिकायत होती है।
कैसे करें बचाव: आराम करें, अपनी बॉडी को हाइडट्रेड रखें। इलेक्ट्रोलाइट और पानी खूब पिएं।
हीट एग्जॉशन: (Heat Exhaustion:)
लोग हीट एग्जॉशनका शिकार तब होते हैं जब पसीने के माध्यम से शरीर से पानी और नमक ज़्यादा मात्रा में बाहर निकल जाता है। इस वजह से आपका शरीर तापमान को नियंत्रित नहीं कर पाता है और बॉडी तापमान तेजी से बढ़ता है।
कैसे करें बचाव: बॉडी पर कूल कम्प्रेस करे अप्लाई, ठंडे जगह पर रहें, पानी खूब पियें,
हीट स्ट्रोक: (Heat Stroke)
अगर शरीर का तापमान अचानक 104 डिग्री फारेनहाइट से ऊपर चले जाए तो मरीज बेहोशी हो सकता है। हीट स्ट्रोक में शरीर तुरंत गर्म और लाल हो जाता है। सतह ही इसमें मरीज को चक्कर आते हैं और कमजोरी महसूस होती है।
कैसे करें बचाव: गर्दन, कमर और बगल पर आइस पैक लगाएं। ग्लूकोज़ और पानी पीने के लिए प्रोत्साहित करें। ठंडे, छायादार, हवादार वातावरण में आराम करें।
इन कारणों से भी बढ़ सकती है हीट की समस्या:
- गर्म और टेलीकोट के कपड़े पहनना
- पानी कम पीना
- दोपहर की धूप में बाहर निकलना
- बाहर निकलते समय चश्मा और स्कार्फ का इस्तेमाल नहीं करना
- बाहर से आने के बाद तुरंत ठंडा पानी पीना या नहाना