ट्रेवलिंग के दौरान और बाद में अक्सर लोगों को ब्लोटिंग और कॉन्स्टिपेशन की समस्या होती है। यात्रा के दौरान घंटों बैठने से कई बार पाचन तंत्र खराब हो जाता है जिससे कब्ज की समस्या हो सकती है। बता दें, यह पाचन संबंधी स्थिति तब होती है जब आपको कुछ दिनों से मल त्याग नहीं हुआ हो। साथ ही ट्रेवलिंग के दौरान मल त्याग न होने की वजह से भी यह परेशानी हो सकती है। दरअसल, यात्रा के दौरान सही समय पर खाना भोजन-पानी नहीं मिलने, नींद पूरी नहीं होने और जगह बदलने की वजह से कई लोगों को कब्ज की शिकायत होती है। इस कंडीशन को मेडिकल भाषा में ट्रेवल कॉन्स्टीपेशन कहते है। ऐसी स्थिति में आप दवाई लेने की जगह इन घरेलू उपायों को आज़माए। आयुर्वेदिक डॉक्टर दीक्षा ट्रेवलिंग कॉस्टिपेशन से छुटकारा पाने के कुछ असरदार टिप्स बता रही हैं।
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हाइड्रेटेड रहें: ट्रेवलिंग के दौरान कॉन्स्टिपेशन का सामना न करना पड़े इसलिए आप बहुत सारा पानी पिएं। अगर आप ठंडी जगह पर यात्रा कर रहे तो कम से कम 5 गिलास पानी पिए।अगर आप गर्म जगह पर ट्रेवल कर रहे हैं तो 7-8 गिलास पानी पियें।
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वॉक करें: हर सुबह कम से कम 30 मिनट के लिए व्यायाम, योग और प्राणायाम का अभ्यास करें। अगर मुमकिन हो, तो दिन में 5000 कदम चलें।
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गर्म पानी (ग्रीन टी) पिए: सुबह और रात को सोते समय 1 गिलास गर्म पानी पीने से मल त्याग में आसानी होती है। इसलिए अपनी सुबह की शुरुआत ब्रेड या तली हुई चीज़ों की बजाय ग्रीन टी से करें।
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हेल्दी खाना खाएं: केला, पपीता और स्थानीय फल जैसे फल का सेवन करें। हल्का नाश्ता करें। सुनिश्चित करें कि आप नाश्ते में मैदा न खाएँ। दोपहर के भोजन में हेवी मील लें जैसे - रोटी, परांठा, करी, सलाद और छाछ। रात का खाना बहुत हल्का और जल्दी खाएँ। रात्रिभोज के लिए सलाद या सूप सबसे अच्छे हैं।
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पाचन की गोलियां अपने साथ रखें: पुदीना वटी, आंवला कैंडी, हाजमोला और हिंग वटी सबसे अच्छे आयुर्वेदिक पाचक हैं। जब भी आपको पेट फूला हुआ या भारी महसूस हो तो इसे चूसें। सुबह या रात में 1 चम्मच घी गर्म पानी के साथ लें। यह बहुत बढ़िया काम करता है। अगर आपको अभी भी कब्ज़ या पेट फूला हुआ महसूस होता है, तो अपने साथ त्रिफला चूर्ण या गोली (हल्के कब्ज के लिए) और हरीतकी/हरड़ की गोली या चूर्ण (गंभीर कब्ज के लिए) रखें।