आजकल की खराब लाइफस्टाइल की वजह से लोग कई बीमारियों का शिकार हो रहे है। सर्वाइकल का दर्द भी उन्ही में से एक है। दरअसल, लोग ऑफिस या घर पर अक्सर गलत ढंग से एक ही पोजीशन में बैठे होते हैं। कई बार काम करने की वजह से भी लोग झुककर एक ही पोस्चर में कमा करते हैं। आपको बता दें इन कारणों से लोग सर्वाइकल का शिकार होते हैं। सर्वाइकल का दर्द ज्यादातर गलत पोजीशन में सोने या बैठने के कारण होता है। कई बारे तो लोग सर्वाइकल के दर्द को छोटा मोटा दर्द समझकर नजरअंदाज कर देते हैं। लेकिन आपने समय रहते इसका इलाज नहीं कराया तो आगे चलकर कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। आइए जानते हैं सर्वाइकल के दर्द से कैसे पाएं छुटकारा?
सर्वाइकल में कहाँ दर्द होता है?
सर्वाइकल का दर्द गर्दन के ऊपरी हिस्से से शरू होकर पीठ के नीचले हिस्से तक होता है। आपको पीठ में कहीं भी क्रैम्प आ रहा है और गर्दन घुमाने में दिक्कत हो रही है तो यह सर्वाइकल का ही एक लक्षण है। सर्वाइकल के कारण हाथ और बाजू की मांसपेशियों में दर्द हो सकता है।
सर्वाइकल का दर्द कम करते हैं ये आसन:
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ताड़ासन के फायदे: ताड़ासन करने से आपकी पीठ को आराम मिलता है और रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है। यह योगसान शरीर को लचीला भी बनाता है, पाचन को ठीक रखता है। साथ ही थकान, तनाव और चिंता दूर करता है।
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उष्ट्रासन के फायदे: उष्ट्रासन पीठ के निचले हिस्से में तनाव से राहत दिलाने में मदद कर सकता है जिससे मासिक धर्म की ऐंठन कम हो सकती है।
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शलभासन: शलभासन रीढ़ की हड्डी को मजबूत बनाता है। यह आसन पीठ के निचले हिस्से, पेल्विक अंगों को मजबूत बनाकर पीठ दर्द से राहत देता है।
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धनुरासन: धनुरासन आपके पीठ को टोन करने के साथ रीढ़ की हड्डी के लचीलेपन में सुधार करता है। गर्दन के तनाव को कम करने के साथ गर्दन और पीठ दर्द को ठीक करने में मदद करता है।
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मर्कटासन: मर्कटासन कब्ज और पेट से जुड़ी समस्याओं में फायदेमंद है। यह कमर दर्द, स्पॉन्डिलाइटिस, सर्वाइकल, साइटिका और स्लिप डिस्क में ख़ास प्रभावकारी है।