आंखें हमारे शरीर का सबसे अहम और संवेदनशील अंग हैं। उम्र बढ़ने के साथ आंखों की रौशनी कमजोर होना सामान्य है लेकिन अगर कम उम्र में ही धुंधला दिखने लगा है साथ ही जलन और रेडनेस जैसी समस्या से जूझ रहे हैं तो आपको सावधान हो जाना चाहिए। आँखों से पानी आना, सिरदर्द, धुंधली दृष्टि, बेचैनी या थकी हुई आंखें आपकी रौशनी को बहुत कमजोर कर सकती है। ऐसे में आंखों के बेहतरीन स्वास्थ्य के लिए आप इन कुछ आयुर्वेदिक नुस्खों को अपनाएं।
आंखों की रौशनी के लिए इन नुस्खों को आज़माएं:
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गुलाब जल और घी का करें इस्तेमाल: अपनी आंखों में ऑर्गेनिक गुलाब जल डालें। यह आंखों को तुरंत कूलिंग प्रदान करता है और जलन से राहत देता है। साथ ही अपनी डाइट में घी का इस्तेमाल करें और नाक में घी डालने से आंखों का स्वास्थ्य बेहतर होता है।
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त्रिफला का इस्तेमाल: त्रिफला आंखों के लिए बेहतरीन जड़ी बूटी है। घी के साथ इसका सेवन कर सकते हैं। साथ ही इस जड़ी बूटी से आप अपनी आंखें भी धो सकते हैं। एक चम्मच त्रिफला चूर्ण लें और इसे रात भर 1 गिलास पानी में भिगो दें। सुबह इसे 21 बार मोड़े हुए महीन कपड़े या कॉफी फिल्टर से छान लें। ध्यान रखें पानी में त्रिफला का कोई कण न रह जाए। एक बार छानने के बाद- आप इस पानी से अपनी आँखें धो सकते हैं।
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रिफ्लेक्सोलॉजी: रिफ्लेक्सोलॉजी के विज्ञान के अनुसार, जब हम चलते हैं, तो हम अपने दूसरे और तीसरे पैर की उंगलियों पर सबसे ज़्यादा दबाव डालते हैं। इन दोनों में सबसे ज़्यादा तंत्रिका अंत होते हैं, जो आपकी आँखों के कामकाज को उत्तेजित करते हैं और दृष्टि में सुधार करते हैं।
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20-20-20 का नियम अपनाएं: अपनी आंखों के लिए 20-20 का नियम अपनाएं। हर 20 मिनट में, कम से कम 20 फीट दूर किसी चीज़ को 20 सेकंड के लिए देखें, इससे थकान और आंखों का तनाव कम होगा।
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आंखों की एक्सरसाइज़: रोजाना 10 मिनट के लिए आंखों की एक्सरसाइज़ करें। ऊपर और नीचे देखना। ठंडे पानी से आंखों को धोना और गोल आकार में घुमाना जैसी तकनीकें आंखों को अनुकूलित करने में बहुत मदद करती हैं।
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ध्यान लगाएं: ध्यान लगाने से दिमाग को शांति मिलती है और शरीर का पित्त संतुलित होता है। संतुलित पित्त लालिमा, आंखों में जलन से बचाता है। यह आपको अच्छी नींद और मन की शांत स्थिति में भी मदद करता है। साथ ही अच्छी नींद लेना आंखों को आराम देने में अहम भूमिका निभाता है।