'जय विज्ञान..जय अनुसंधान', ये सम्मान है देश के उन वैज्ञानिकों के लिए..जिसे भारत लौटते ही..बैगलुरु एयरपोर्ट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जाहिर किया। आखिर हो भी क्यों ना, इसरो के साइंटिस्ट्स ने इतिहास जो रचा है। ऐसा कारनामा जो अब तक किसी देश ने नहीं किया, चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर विक्रम की लैंडिग हर हिंदुस्तानी के लिए गर्व का पल था तभी तो बिना वक्त गवांये लंबी यात्रा के बाद प्रधानमंत्री सीधे इसरो पहुंचकर वैज्ञानिकों से मुलाकात की। प्रधानमंत्री का इस तरह आना और मिलना, कोई शक नहीं कि चंद्रयान प्रोजेक्ट से जुड़े सभी लोगों के लिए हौसला बढ़ाने वाला होगा क्योंकि अमेरिका-रुस या चीन ही क्यों ना हो किसी के लिए ये मुमकिन नहीं था। हां, लेकिन ये सब तो तभी संभव है जब आप अपने ध्येय पर ईमानदारी से लगे रहेंगे और इसके लिए जरुरी है सेहतमंद होना क्योंकि इस तरह की कामया्बी के लिए शार्प दिमाग और हेल्दी बॉडी चाहिए।
बिल्कुल, चांद पहुंचना हो या फिर धरती पर अपनी जिंदगी अच्छी बनानी हो इस सब के लिए जरुरी है आपके शरीर का सेहतमंद रहना। तो, चलिए भारत तो चांद पर पहुंच गया है और अब योग में भी कीर्तिमान बनाते हैं क्योंकि हमारे योगगुरु स्वामी रामदेव ने हर बीमारी को दूर कर सेहतमंद रखने का संकल्प लिया है। बात जब ताकतवर बनने की आती है तो दूध-दही खाना, जहन में सबसे पहले आता है। ऐसा लगता है कि पोषण पर जैसे दूध-दही का जन्मसिद्ध अधिकार हो। और यही वजह है कि ज्यादातर भारतीयों की डाइट में दूध-दही होते ही होते हैं लेकिन अब दिक्कत ये हो रही है कि लोग दूध-दही तो खा रहे हैं लेकिन, फल और सब्जियां की मात्रा घटा रहे हैं।
रिसर्च मैगजिन 'ह्यूमन न्यूट्रीशन एंड डायटे-टिक्स' के मुताबिक सब्जी के नाम पर ज्यादातर लोग आलू खाते हैं जिसमें स्टार्च ज्यादा होता है जबकि लोगों को सीजनल फल खाने की आदत ही नहीं है। तो, वहीं थाली में होल ग्रेन की मात्रा 32% होनी चाहिए जबकि ये 25% होती है, फैट वाली चीजें 5% के करीब होनी चाहिए जबकि ये 23% से ज्यादा होती है और तो और प्लांट बेस्ट प्रोटीन भी ज्यादातर लोग सिर्फ 4% ही ले रहे हैं।
जिसका असर पड़ रहा है..लोगों की सेहत पर एक तरफ एक्सेस डेयरी प्रोडक्ट और दूसरी तरफ थाली में फाइबर की कमी सेहत पर खतरा बढ़ा देती है क्योंकि दूध-दही ज्यादा खाने से जहां कॉन्स्टिपेशन-गैस और एसिडिटी की परेशानी बढ़ती है। तो, वहीं फल और सब्जी से मिलने वाला फाइबर, पाचन को परफेक्ट रखता है जो कॉन्स्टिपेशन दूर करता है आंतों में हेल्दी बैक्टीरिया की मात्रा बढ़ाता है। बिल्कुल, हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक इससे इंटेस्टाइन और ब्रेस्ट कैंसर का खतरा भी कम होता है, मोटापा, हार्ट अटैक, डायबिटीज और फैटी लिवर का रिस्क घटता है
लेकिन अगर दूध-डेयरी प्रोडक्ट ज्यादा लिए जाएं तो, हाजमा खराब होने के साथ इनमें मौजूद टाइरामिन से नसों पर दबाव भी बढ़ता है जो ब्लोटिंग के साथ माइग्रेन देता है।
तो आप समझ गए ना, खानपान का रिश्ता पेट से लेकर दिल और दिमाग तक है। मामूली गड़बड़ी आपको तमाम बीमारियों के साथ सिरदर्द भी दे सकता है। इसलिए अगर पाचन सही है तो हेल्थ परफेक्ट है।
माइग्रेन के ट्रिगर की वजह
खराब पाचन
डिहाइड्रेशन
नींद
तेज़ आवाज़
तेज़ खुशबू
मौसम में बदलाव
तेज़ रोशनी
1 हफ्ते तक रह सकता है दर्द
सिर से गर्दन तक पहुंचता है
अच्छा तो ये भी हैं कैल्शियम की कमी के लक्षण! हड्डियां ही नहीं आपके इन 3 अंगों को भी कर सकता है कमजोर
पेनकिलर्स क्यों ना खाएं
शरीर पर
घातक असर
डिप्रेशन-एंग्ज़ाइटी का खतरा
योग से क्योर 150 सिरदर्द
एंडोर्फिन हॉर्मोन रिलीज होता है
बॉडी के लिए नेचुरल पेनकिलर
स्ट्रेस कम करता है
नींद अच्छी आती है
टेंशन से सिरदर्द, कैसे करें दूर
ध्यान लगाएं
पानी पीएं
आंखों की केयर करें
गर्दन,सिर,कंधे की मसाज कराएं
सिरदर्द की वजह
नींद की कमी
पानी कम पीना
ज्यादा स्क्रीन टाइम
खराब डायजेशन
न्यूट्रिशन की कमी
हार्मोनल प्रॉब्लम
स्ट्रेस-टेंशन
कमज़ोर नर्वस सिस्टम
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सिरदर्द से कैसे बचें
शरीर में गैस न बनने दें
एसिडिटी कंट्रोल करें
व्हीटग्रास एलोवेरा लें
बॉडी में कफ को बैलेंस करें
तेल नाक में डालें
अनुलोम-विलोम करें
सिरदर्द नहीं होगा, पित्त कंट्रोल करें
अंकुरित अन्न खाएं
हरी सब्जियां खाएं
लौकी फायदेमंद
सिरदर्द होगा ठीक
बादाम रोगन दूध में डालकर पीएं
बादाम रोगन नाक में डालें
बादाम-अखरोट पीसकर खाएं