Monday, December 23, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. हेल्थ
  3. फेफड़ों को मजबूत बनाने के लिए रोजाना करें ये 5 ब्रीदिंग एक्सरसाइज, जानिए करने का सही तरीका

फेफड़ों को मजबूत बनाने के लिए रोजाना करें ये 5 ब्रीदिंग एक्सरसाइज, जानिए करने का सही तरीका

कोरोना के रोजाना लाखों मामलों आ रहे हैं। जिसमें कारण अधिकतर लोग ऑक्सीजन की कमी के कारण जान गवां रहे हैं। ऐसे में जरूरी है कि आप अपने फेफड़ों को तंदुरुस्त रखें ताकि आपको ऑक्सीजन से जुड़ी समस्या ना हो।

Written by: India TV Lifestyle Desk
Updated : May 05, 2021 6:10 IST

कोरोना के बिगड़ते हालातों के बीच लाखों लोग संक्रमित हो रहे हैं। वहीं हजारों लोग अपनी जान गवां रहे हैं। आलम यह है कि शमशानों में लंबी लाइनों के साथ-साथ हॉस्पिटल में बेड तक नहीं नसीब हो रहे हैं। ऐसे में जरूरी हैं कि आप कोरोना के नियमों का पालन करने के साथ अपेन फेफड़ों को हेल्दी रखें।

कोरोना के नए स्ट्रेन से 60 से 65 फीसदी मरीजों को सांस लेने में काफी दिक्कत आ रही है। उनका ऑक्सीजन लेवल तेजी से घटता है। 2 से 3 दिन के अंदर ये 80 से नीचे पहुंच जाता है और ऐसे में तुरंत ऑक्सीजन की जरूरत होती है। अगर इस दौरान ऑक्सीजन ना मिले तो हालात बहुत गंभीर हो जाते हैं। इसलिए आप चाहे तो इस साधारण से दिखने वाली एक्सरसाइज को कर सकते हैं। इससे आपके शरीर हमेशा हेल्दी रहेंगे। इसके साथ ही ऑक्सीजन संबंधी समस्या का भी सामना नहीं करना पड़ेगा।

फेफड़ों को हमेशा रखना चाहते हैं मजबूत तो कभी भी ना करें इन चीजों का सेवन, हो सकता है लंग्स इंफेक्शन

स्वामी रामदेव के मुताबिक, इन प्राणायाम के द्वारा आप अपने फेफड़ों को मजबूत रख सकते हैं। जिससे आप कोरोना, अस्थमा जैसी कई जानलेवा बीमारी से खुद को बचा सकते हैं। 

भस्त्रिका प्राणायाम

इस प्राणायाम को 3 तरह से किया जाता है। पहले में 5 सेकंड में सांस ले और 5 सेकंड में सांस छोड़े। दूसरे में ढाई सेकंड सांस लें और ढाई सेकंड में छोड़ें।  तीसरा तेजी के साथ सांस लें और छोड़े।  इस प्राणायाम को लगातार 5 मिनट करें। इस प्राणायाम को रोजाना करने से हाइपरटेंशन, अस्थमा, हार्ट संबंधी बीमारी, टीवी, ट्यूमर, बीपी,  लिवर सिरोसिस, साइनस, किसी भी तरह की एनर्जी और फेफड़ों के लिए अच्छा माना जाता है। 

अनुलोम विलोम
सबसे पहले आराम से बैठ जाएं और आंखें बंद कर लें। ध्यान रहे कि इस मुद्रा में आपकी रीढ़ की हड्डी एकदम सीधी होनी चाहिए।अब बाएं हाथ की हथेली को ज्ञान की मुद्रा में बाएं घुटने पर रखें।  इसके बाद दाएं हाथ की अनामिका यानि कि हाथ की सबसे छोटी उंगली को मिलाकर बाएं नथुना पर रखें। अब अंगूठे को दाएं वाले नथुना पर लगा लें। इसके बाद तर्जनी और मध्यमा को मिलाकर मोड़ लें।  अब बाएं नथुना से सांस भरें और उसे अनामिका और सबसे छोटी उंगली को मिलाकर बंद कर लें। फौरन ही दाएं नथुना से अंगूठे को हटाकर सांस बाहर निकाल दें। अब दाएं नथुना से सांस भरें और अंगूठे से उसे बंद कर दें। इस सांस को बाएं नथुना से बाहर निकाल दें। अनुलोम विलोम का यह पूरा एक राउंड हुआ। इसी तरह के कम से कम 5 बार ऐसा करें। 

इस आसन को करने से त्वचा संबंधी, दमकती त्वचा, डायबिटीज, ब्रेन संबंधी हर समस्या, तनाव, दिमाग को शांत रखें, ब्लड सर्कुलेशन ठीक रखने के साथ पाचन तंत्र को फिट रखने में मदद करता है।

इन यौगिक उपायों से फेफड़े रहेंगे मजबूत, स्वामी रामदेव से जानें कैसे नैचुरल तरीके से बढ़ाएं ऑक्सीजन लेवल

भ्रामरी प्राणायाम
इस प्राणायाम को करने के लिए पहले सुखासन या पद्मासन की अवस्था में बैठ जाएं। अब अंदर गहरी सांस भरते हैं। सांस भरकर पहले अपनी अंगूलियों को ललाट में रखते हैं। जिसमें 3 अंगुलियों से आंखों को बंद करते हैं। अंगूठे से कान को बंद कते हैं। मुंह को बंदकर 'ऊं' का नाद करते हैं। इस प्राणायाम को 3-21 बार किया जा सकता है।  इस आसन को करने से तनाव से मुक्ति के साथ मन शांत रहेगा। ​​

कपालभाति प्राणायाम
कपालभाति को करने के लिए सबसे पहले सुखासन में बैठ जाएं और आंखें बंद कर लें। अब दोनों नथुना से गहरी सांस भीतर की ओर लें।  अब सांस को बाहर की तरफ छोड़ दें।  इस बात का ध्यान रहे कि सांस को बल पूर्वक बाहर निकालना है और आराम से भीतर लेना है। इस तरह से कम से कम 20 बार ऐसा करें। 
इस आसन को हाइपरटेंशन, अस्थमा, खून की कमी, बीपी, हार्ट के ब्लॉकेज वाले लोग 2 सेकंड में एक स्ट्रोक करें।   बीपी, थायराइड, सोराइसिस, कैंसर, हार्ट समस्या से ग्रसित लोग धीरे-धीरे इसे बढ़ाकर कम से कम 1-1 घंटा करें। 

कड़क चाय से लेकर हल्दी वाला दूध तक, कंगना रनौत से पहली बार शेयर किया पूरे दिन का डाइट चार्ट

उज्जायी प्राणायाम
गले से सांस  अंदर भरकर जितनी देर रोक सके उतनी देर रोके। इसके बाद दाएं नाक को बंद करके बाएं नाक के छिद्र से छोड़े। इस आसन को करने से फेफड़े हेल्दी रखने के साथ शरीर में ऑक्सीजन लेवल ठीक रहता है। इसके साथ ही मन शांत रहता है, अस्थमा, टीबी, माइग्रेम, अनिद्रा आदि समस्याओं से लाभ मिलता है। 

नाड़ी शुद्धि प्राणायाम
यह प्राणाायाम भी अनुलोम -विलोम की तरह होता है। लेकिन इसमें सांस को थोड़ी रोककर रख सकते हैं। इसके बाद दाएं नाक से हवा बाहर निकालें और बाएं नाक से हवा अंदर भरें। इससे शरीर के अंदर अधिक मात्रा में ऑक्सीजन अंदर जाती है। 

Latest Health News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। News in Hindi के लिए क्लिक करें हेल्थ सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement