त्योहार आ गए हैं, ऐसे में घरों में पकवान और मिठाइयां बननी शुरू हो जाती हैं। अगर आप बाजार से पनीर या खोआ लाते हैं तो आपको सावधान हो जाना चाहिए क्योंकि त्योहारों के मौसम में ज्यादा खपत के चलते बाजार में मिलावटी और नकली पनीर व खोआ आ जाता है। ये सेहत के लिए खतरनाक होते है और इनका सेवन करने से आप कई बीमारियों के शिकार हो सकते हैं। ऐसे में जानना जरूरी है कि आप जो पनीर, मावा या खोआ खरीदकर ला रहे हैं वो असली है या नकली।
चलिए सिंपल स्टेप्स में जानते हैं कि असली और नकली पनीर और खोए की पहचान कैसे करें।
1. पनीर के टुकड़े को तोड़कर देखिए। अगर ये आसानी से हल्के हाथ से ही टूट जाए तो समझिए कि असली है और अगर ये टाइट हो रहा है या तोड़ने पर रबर की तरह खिंच रहा है तो समझिए कि इसमें मिलावट की गई है।
ठीक इसी तरह खोआ भी अगर आसानी से टूट रहा है या इसे मसलने के बाद आपके हाथों में घी का टेस्ट आ रहा है तो समझिए कि ये असली है। अगर खोआ टूटकर बिखर जाता है तो समझिए कि इसमें मिलावट की गई है।
2. आप आयोडीन टिंचर से पनीर या खोए में मिलावट की पहचान आसानी से कर सकते हैं। इससे खोए की भी शुद्धता नापी जाती है। पनीर या खोए के एक टुकड़े को कुछ देर के लिए गर्म पानी में उबाल लें। अब गैस बंद करने के बाद पानी ठंडा होने दे। पानी के ठंडा होने पर पनीर या खोए के टुकड़े पर आयोडीन टिंचर की कुछ बूंदें डालें। अगर पनीर या खोए का रंग नीला पड़ जाता है तो इसका मतलब है कि पनीर या खोआ नकली है या इसमें मिलावट की गई है। दूसरी तरफ अगर इनका रंग नहीं बदलता तो आप बेहिचक इनका सेवन कर सकते हैं।
3. पनीर को पानी में डालकर थोड़ी देर के लिए उबाल लीजिए। अब जब ये ठंडा हो जाए तो सोयाबीन या अरहर की दाल को मिक्सी में पीसकर बनाया गया पाउडर इस पर छिड़क दीजिए। अब इसे 15मिनट के लिए यूं ही छोड़ दीजिए। अगर इसका रंग लाल हो जाता है तो समझिए कि ये नकली है और इसमें यूरिया मिलाया गया है। कुछ लोग पनीर बनाने में डिटर्जेट भी मिलाते हैं जो सेवन के बाद डायरिया या अन्य बीमारी का कारण बन सकता है।
4. जो खोआ आप घर लाए हैं, उसे मुंह में डालकर देखिए। नकली खोआ जीभ पर चिपकने लगेगा जबकि असली खोआ जीभ पर नहीं चिपकता।
5. मावा में थोड़ी सी चीनी डालकर इसे गर्म होने रख दीजिए। अगर ये पानी छोड़ दे तो समझिए कि ये नकली है।
तो देखा आपने कितनी आसानी से आपने असली औऱ नकली पनीर और खोए का फर्क कर लिया।
Note : ये स्टोरी सामान्य जानकारी के आधार पर लिखी गई है। इसके लिए डॉक्टर या संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह नहीं ली गई है।