हर इंसान सेहतमंद रहना चाहता है, लेकिन चाहकर भी कई बार अपनी ही लापरवाहियों से ऐसा हम कर नहीं पाते हैं। सर्दी के इस मौसम में कंधे में अकड़न, गर्दन, पीठ और कमर में दर्द हो जाता है। वैसे तो ये बहुत कॉमन प्रॉब्लम्स हैं, लेकिन लापरवाही होते ही ये बड़ी बीमारियों में तब्दील हो सकती हैं। फिर ताउम्र हमें ये लगातार परेशान करती रहती हैं।
ठंड के मौसम में फ्रोजन शोल्डर और स्पॉन्डिलाइटिस सहित कई दिक्कतें हो जाती हैं। गलत पॉश्चर में उठना-बैठना, वजन बढ़ने के कारण परेशानियां होने लगती हैं। इस वजह से कंधे, गर्दन, पीठ और कमर में दर्द होने लगता है। लेकिन स्वामी रामदेव के पास स्पाइनल प्रॉब्लम्स को दूर करने के उपाय हैं। उन्होंने बताया कि कैसे पीठ, कमर, गर्दन और कंधा, सब चुस्त और दुरुस्त रह सकता है।
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स्पाइनल प्रॉब्लम:
- सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस की समस्या
- एंक्लोजिंग स्पॉन्डिलाइटिस की समस्या
- ऑस्टियो अर्थराइटिस की परेशानी
- स्पाइनल स्टेनोसिस की समस्या
- साइटिका पेन का टेंशन
- ट्यूमर और स्लिप डिस्क की परेशानी
योग से दूर होगा गर्दन-पीठ का दर्द:
- सूक्ष्म व्यायाम
- चक्रासन
- मर्कटासन
- कटि उत्तानासन
- मकरासन
- भुजंगासन
- शलभासन
- उष्ट्रासन
- अर्ध चंद्रासन
- त्रिकोणासन
- पादहस्तासन
- धनुरासन
- अर्ध पवनमुक्तासन
- एक पाद उत्तानासन
- सेतुबंधासन
- उत्तान मंडूकासन
- गोमुखासन
- वक्रासन
चक्रासन के फायदे: बॉडी को एक्टिव करता है। शरीर पूरा दिन चुस्त रहता है। शरीर में थकान नहीं होती है। कई तरह के दर्द में राहत मिलती है। ऊर्जा, स्फूर्ति का संचार होता है।
भुजंगासन के फायदे: किडनी को स्वस्थ बनाता है। इस आसन से सीना चौड़ा होता है। रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है। शरीर को सुंदर और स्लिम बनाता है। मोटापा कम करने में मदद करता है। तनाव, चिंता और डिप्रेशन दूर करता है। फेफड़ों, कंधों और सीने को स्ट्रेच करता है।
शलभासन के फायदे: फेफड़े सक्रिय होते हैं। अस्थमा रोग कंट्रोल होता है। नर्वस सिस्टम को मजबूत बनाता है। खून को साफ करता है। शरीर को मजबूत और लचीला बनाता है। हाथों और कंधों की मजबूती बढ़ाता है। वजन कम करने में मदद करता है।
मर्कटासन के फायदे: रीढ़ की हड्डी लचीली बनती है। पीठ का दर्द दूर हो जाता है। फेफड़ों के लिए अच्छा योगासन है। पेट संबंधी समस्या दूर होती हैं। गैस और कब्ज से राहत मिलती है। एकाग्रता बढ़ाने में मदद मिलती है। कमर दर्द में फायदेमंद है। गुर्दे, अग्नाशय और लिवर सक्रिय होते हैं।
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पवनमुक्तासन के फायदे: फेफड़े स्वस्थ और मजबूत रहते हैं। अस्थमा और साइनस में लाभकारी है। किडनी को स्वस्थ रखता है। ब्लड प्रेशर को सामान्य करता है। पेट की चर्बी को दूर करता है। मोटापा कम करने में मददगार है।
सेतुबंधासन के फायदे: रीढ़ की हड्डी को मजबूत बनाता है। दिल के रोगियों के लिए फायदेमंद है। नींद ना आने की बीमारी दूर करता है। साइनस और अस्थमा के मरीजों को लाभ होता है। पैरों को स्वस्थ और मजबूत बनाता है। हाई ब्लड प्रेशर कम करने में सहायक है। पाचन तंत्र में सुधार लाता है। थाइरॉइड में फी फायदा पहुंचाता है।
सूक्ष्म व्यायाम के फायदे: शरीर को पूरा दिन चुस्त रखता है। शरीर में थकान नहीं होती है। ऊर्जा, स्फूर्ति का संचार करता है। बॉडी को एक्टिव करता है। कई तरह के दर्द से राहत मिलती है।
आयुर्वेदिक औषधि से दर्द होगा दूर:
- चंद्रप्रभावटी
- त्रियोदशांक गुग्गल
- अश्वशिला
- पीड़ातक
कमर दर्द में कारगर:
- हल्दी
- मेथी
- सोंठ
- सुरंजन
- अश्वगंधा
- वंशलोचन
टाइफाइड के लिए:
- खूबकला
- अंजीर
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प्राणायाम से स्पाइनल पेन होगा दूर
- अनुलोम विलोम
- उद्गीत
- शीतली
- शीतकारी
- भ्रामरी
- उज्जायी
भस्त्रिका के फायदे: तनाव और चिंता दूर होती है। वजन घटाने के लिए बहुत कारगर है। दिल को स्वस्थ रखने में सहायक है। अस्थमा के रोग को दूर करता है। सांस की समस्या से मुक्ति मिलती है। शुगर को कंट्रोल करने में मददगार है।
अनुलोम विलोम के फायदे: इससे स्ट्रेस दूर होता है। सांस लेना आसान हो जाता है। नर्व मजबूत और शरीर के ब्लड फ्लो में सुधार होता है। शरीर से टॉक्सिन्स को बाहर निकालता है।
उज्जायी प्राणायाम के फायदे: दिमाग को शांत करता है। शरीर में गर्माहट लाता है। ध्यान लगाने की क्षमता को बढ़ाता है। साइनस और माइग्रेन में फायदेमंद है। दिल के रोगों में फायदेमंद है। पेट की बीमारियों को ठीक करता है।