बच्चों की किलकारी, मासूम चेहरे पर शरारती हंसी, हर किसी का मन मोह लेती है। बच्चे के आते ही घर स्वर्ग बन जाता है। माता-पिता की दुनिया ही बदल जाती है लेकिन कई बार तब इस खुशी पर ग्रहण लग जाता है। जब जन्म के साथ ही बच्चे में बर्थ डिफेक्ट्स का पता चलता है।
अक्सर आपने भी लोगों को कहते सुना होगा कि उनके नन्हे से बच्चे के दिल में छेद है। दिल में छेद एक स्ट्रक्चरल प्रॉब्लम है। जिसे मेडिकल भाषा में 'कॉन्ज-निटल हार्ट डिफेक्ट्स' कहते हैं। दिल में छेद होने से ब्लड का नॉर्मल फ्लो बिगड़ जाता है। इससे हार्ट की इंटरनल वॉल खराब हो जाती हैं। तो कई बार वाल्व के साथ आर्टरी और वेन्स में भी प्रॉब्लम आ जाती है और इससे बच्चे की ग्रोथ रुक जाती है।
नवजात बच्चे में तो हर सौ में से 1 में दिल में छेद का पता चलता है। जबकि एडल्ट्स में ये बढ़कर 5 परसेंट हो जाता है। यानी बचपन से दिल में छेद था, लेकिन पता बड़े होने पर चला है।
अब क्लब फुट-फ्लैट फुट, हर्निया, कटे होंठ, सेरेब्रल पाल्सी, डाउन सिंड्रोम जैसे तमाम ऐसे बर्थ डिफेक्ट्स हैं, जिन्हें प्रेग्नेंसी के दौरान सावधानी बरत कर और सही समय पर पहचान कर ठीक किया जा सकता है।
बिना सर्जरी के, बिना हेवी मेडिकेशन के योग और आयुर्वेद से कैसे इन बर्थ डिफेक्ट्स को टाला जा सकता है? जानिए स्वामी रामदेव से।
बर्थ डिफेक्ट्स में जरूरी हैं ये योगाभ्यास
- सूर्य नमस्कार बच्चों को रोजाना सूर्य नमस्कार कराना चाहिए। इससे पैर ठीक होने के साथ-साथ पूरा शरीर फिट रहेगा।
- ताड़ासन
इस आसन को करने से बच्चों की लंबाई बढ़ेगी। इसके साथ ही फ्लैट फीट से निजात मिलेगा। इसे कम से कम रोजाना 25-50 बार कराएं।
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बच्चों के घुटने मिलते हैं तो कराएं ये योगासन
- गरुडासन
इस आसन को बच्चें आसानी से कर लेंगे। इसे करने टखनों और कूल्हों को भी मजबूत करता है। इसके साथ ही बॉडी का बैलेंस बनाए रखने में मदद करता है।
- तितली आसन
इस आसन को करने से बच्चों का पैरों में मजबूती आती हैं। इसके साथ ही घुटने मिलने की समस्या से निजात मिल जाता है।
- पद्मासन
इस आसन को करने से घुटनों को काफी लाभ मिलेगा।