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स्लिप डिस्क की परेशानी कर रही हैं जीना मुहाल? जानिए आयुर्वेदिक उपचार और जरूरी योगाभ्यास

गलत पॉश्चर, वजनदार सामान उठा लेना, बढ़ती उम्र के कारण हड्डियां कमजोर होना, शरीर में कैल्शियम की कमी, स्लिप डिस्क की बड़ी वजह बन सकते हैं।

Written by: India TV Health Desk
Updated on: January 28, 2022 11:23 IST
slip disk - India TV Hindi
Image Source : PIXELS slip disk problem

Highlights

  • 100 में से 80 लोगों को कमर दर्द की शिकायत हैं।
  • 16 से 34 साल की उम्र के 20 प्रतिशत युवा भी कमर दर्द से परेशान हैं।

कहते हैं ज़िंदगी चलते रहने का नाम है लेकिन मॉडर्न लाइफस्टाइल ने इस फलसफे को पूरा 360 डिग्री बदल दिया है। बच्चे  खेलकूद छोड़कर गैजेट्स में सिमट गए हैं, तो बड़े घंटो एक ही पॉश्चर में बैठकर ऑफिस का काम लैपटॉप या कम्प्यूटर पर कर रहे हैं और इसका सीधा असर स्पाइनल हेल्थ पर पड़ा है। इस समस्या में रीढ़ की हड्डी से जुड़ी बीमारियों में सबसे कॉमन है। 

स्लिप डिस्क जिससे पीठ में लगातार दर्द रहता है। झुकने में, उठने-बैठने में तकलीफ होती है। गर्दन से कमर तक, पूरे स्पाइन पर प्रेशर पड़ता है। गलत पॉश्चर, वजनदार सामान उठा लेना, बढ़ती उम्र के कारण हड्डियां कमजोर होना, शरीर में कैल्शियम की कमी, स्लिप डिस्क की बड़ी वजह बन सकते हैं।

एक स्टडी के मुताबिक देश में 100 में से 80 लोगों को कमर दर्द की शिकायत हैं। 16 से 34 साल की उम्र के 20 प्रतिशत युवा भी कमर दर्द से परेशान हैं लेकिन अफसोस 45 फीसदी लोग कुछ वक्त के बाद कमर दर्द पर ध्यान ही नहीं देते हैं, जिससे प्रॉब्लम बढ़ती जाती है। ऐसे में कौन से आयुर्वेदिक उपाय और योगाभ्यास करने से स्लिप डिस्क की परेशानियों से निजात मिल जाएगा।

स्लिप डिस्क के लक्षण

यह रीढ़ की हड्डी में किसी भी हिस्से में यह बीमारी हो सकती है, लेकिन पीठ के निचले भाग में यह समस्या होना आम है।

  • थोड़ी देर चलने से भी दर्द रहना।
  • मांसपेशियों में कमजोरी होना।
  • शरीर के एकतरफ के हिस्से में दर्द होना।
  • हाथ से लेकर पैरों तक दर्द होना।
  • रात के समय या फिर कोई गतिविधि करते समय दर्द होना।
  • प्रभावित जगहों पर दर्द, जलन या फिर झुनझुनी रहना।

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स्लिप डिस्क से निजात पाने के लिए योगासन

स्वामी रामदवे के अनुसार आप कुछ योगासन करके स्लिप डिस्क की समस्या को जड़ से खत्म कर सकते हैं। 

उष्ट्रासन 

इस आसन को 'कैमल पोज' के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि इस आसन को करते समय हमारी मुद्रा ऊंट की तरह ही होती हैं। इस आसन को करने से स्लिप डिस्क के साथ पेट की चर्बी कम करने में फायदेमंद है। इसके अलावा डायबिटीज को कंट्रोल करने के साथ आंखों की रोशनी बढ़ाने और गुस्सा को कंट्रोल करने में मदद करता है।

भुजंगासन

 इस आसन को करने से आपके पूरे शरीर में खिंचाव होता है। जिससे आपकी हड्डियां और मसल्स मजबूत होती हैं। इसके साथ ही पेट की चर्बी, डायबिटीड, ब्लड प्रेशर के साथ-साथ स्लिप डिस्क की समस्या से निजात मिलता है।

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पवनमुक्तासन
इस आसन को करने से पाचन तंत्र, डायबिटीज के साथ-साथ स्लिप डिस्क में लाभ मिलेगा। 

शलभासन
इस आसन में पेट के बल लेटकर रीढ़ की हड्डी को मोड़ा जाता है। इस आसन को करने से स्लिप डिस्क के साथ कमर दर्द की समस्या से निजात मिलती है।  

स्पाइनल के लिए औषधि
  • रसराज रस 10 ग्राम लें। 
  • योगेंद्र रस 1 ग्राम लें।
  • बसंत कुशमाकर 1 ग्राम लें। 
  • प्रबाल पंचामृत 1 ग्राम लें।
  • मोतीपिष्टी 4 ग्राम लें।
  • सभी को मिला दें और 1 ग्राम सुबह-शाम लेने से बैक पेन में आराम मिलता है। 
  • चंद्रप्रभावती, अश्वशिला, त्रियोदशांक गुग्गुल- खाना खाने के बाद 1-1 गोली लें। 
 
बैक पेन से राहत के लिए :
  • पीडांतक, गिलोय, पीड़ानिल गोली 
  • खाने से पहले 1-1 गोली लें।
 
बैक पेन में जरूरी:
  • दही, छाछ, घी, खट्टी चीजें न लें। 
  • ओमेगा-3 फैटी एसिड से युक्त आहार लें। 
  • अलसी और चिया सीड में ओमेगा-3 होता है। 
  • दर्द में एंटी-इंफ्लेमेटरी आहार जरूरी है। 
  • अनार, लहसुन, अदरक हैं एंटी इंफ्लेमेटरी। 
  • तुलसी, दालचीनी, हल्दी भी दर्द में फायदेमंद। 
  • मसल्स दर्द में मोरिंगा, स्प्रूलिना 1-1 गोली लें। 
 
बैक पेन में कारगर
  • दूध में हल्दी-शिलाजीत मिलाकर पिएं। 
  • 2 ग्राम दालचीनी शहद में मिलाकर 2 बार लें। 
  • रीढ़ पर नारियल तेल से मालिश करें। 

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