अमरूद एक ऐसा फल है जिसे डायबिटीज के रोगियों के लिए बहुत असरदार माना जाता है। अमरूद में भरपूर एंटीऑक्सिडेंट, विटामिन सी, पोटेशियम और फाइबर होता है जिससे ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में मदद मिलती है। इतना ही नहीं अमरूद के पत्तों को आयुर्वेद में दवा के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। शुगर के मरीज को अमरूद के पत्ते का सेवन करने से बहुत लाभ होता है। डायबिटीज में इंसुलिन लेवल को कंट्रोल करने में अमरूद के पत्ते मदद करते हैं। अमरूद के पत्तों में फ्लेवोनोइड्स, टैनिन और पॉलीफेनोल्स जैसे तत्व होते हैं जो एंटी डायबिटीज गुणों से भरपूर होते हैं। जानिए डायबिटीज में अमरूद के पत्तों का कैसे करें इस्तेमाल?
डायबिटीज में कैसे करें अमरूद के पत्तों का इस्तेमाल?
डायबिटीज के मरीज अमरूद की पत्तों की चाय बनाकर पी सकते हैं। इससे इंसुलिन लेवल में सुधार आएगा। अमरूद के पत्तों की चाय बनाने के लिए 1 कप पानी में थोड़े अमरूद के पत्ते डालकर उबाल लें। अब इसे छानकर पी लें। आप इसे खाने के बाद पीतें हैं तो ये ज्यादा फायदेमंद साबित होती है। वैसे शुगर के मरीज सुबह भी अमरूद के पत्ते की चाय पी सकते हैं। इससे चाय को पीने से ब्लड शुगर लेवल को मैनेज करने में मदद मिलेगी।
शुगर में अमरूद के पत्ते खा सकते हैं?
अगर आपको चाय जैसी बनाकर नहीं पीनी है तो आप अमरूद के 2-3 पत्तों को धोकर सुबह खाली पेट चबाकर भी खा सकते हैं। इससे डायबिटीज के मरीज को फायदा होगा। इसके अलावा अमरूद के पत्तों को सुखाकर इसका पाउडर बनाकर भी सेवन कर सकते हैं। शुगर के मरीज के लिए अमरूद के पत्ते किसी टॉनिक की तरह काम करते हैं।
अमरूद के पत्ते खाने के फायदे
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अमरूद के पत्ते सिर्फ डायबिटीज ही वहीं बल्कि कई दूसरी बीमारियों में भी असरदार साबित होते हैं। पेट में दर्द होने पर अमरूद के पत्तों को चबाने की सलाह दी जाती है।
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आयुर्वेद में बढ़ हुए कॉलेस्ट्रोल (Cholesterol) को कंट्रोल करने के लिए भी अमरूद के पत्ते खाने की सलाह दी जाती है। इससे जमा जमा कॉलेस्ट्रोल बाहर निकल जाता है।
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मोटापा कम करने के लिए भी अमरूद के पत्तों का इस्तेमाल किया जाजात है। अमरूद के पत्तों से बनी चाय सुबह खाली पेट पीने से बैली फैट कम होता है।
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ब्लड सर्कुलेशन बेहतर बनाने और बालों के फॉलिकल्स को बेहतर करने में भी अमरूद के पत्ते की चाय और अमरूद के पत्तों का रस मदद करता है।
(ये आर्टिकल सामान्य जानकारी के लिए है, किसी भी उपाय को अपनाने से पहले डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें)