
क्या आपने कभी जगलिंग ट्राई की है? इससे माइंड-मसल्स कनेक्शन बेहतर होता है। इस प्रैक्टिस से मसल्स की मेमोरी बढ़ती है जिससे बॉडी रिफ्लेक्शन इम्प्रूव होता है। आइए एक ऐसे टेस्ट के बारे में जानते हैं जिससे पता लगाया जा सकता है कि आपकी सेहत कितना स्माइल कर रही है। सबसे पहले हथेलियों के बीच बॉल पकड़कर जोर से दबाएं। अब एक हाथ से बॉटल के ढक्कन को खोलने की कोशिश कीजिए। इस टेस्ट से आपकी हेल्थ का स्टेटस पता चल सकता है। अगर आपको इस एक्टिविटी को करने में कोई दिक्कत नहीं हुई, तो ये अच्छी बात है। लेकिन ये एक्टिविटी सबके लिए उतनी आसान नहीं है क्योंकि हर किसी की ग्रिप अच्छी नहीं होती। हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक हाथों की मजबूत पकड़ अच्छी सेहत का संकेत है जबकि हैंड ग्रिप का कमजोर होना हाथों में कंपन जैसी छोटी-बड़ी परेशानियों का इंडीकेशन है।
अगर आप इस टेस्ट में पास नहीं हो पाए हैं, तो आपको इसे अनदेखा नहीं करना चाहिए वरना हार्ट डिजीज, स्ट्रोक, पार्किंसंस और न्यूरो से जुड़ी बीमारियों का रिस्क बढ़ सकता है। हाथों की ढीली पकड़ बॉडी में डेफिशिएंसी, न्यूट्रिशन की कमी के साथ-साथ कई दूसरी बीमारियों का सिग्नल भी हो सकती है। वहीं, मजबूत पकड़ का मतलब है कि पूरे शरीर में मांसपेशियों की मजबूती, अच्छा ब्लड सर्कुलेशन, बेहतर कार्डियो वास्कुलर सिस्टम है। चलिए योग गुरु के मार्गदर्शन में आज नस-नाड़ियों के साथ मांसपेशियों को मजबूत बनाते हैं क्योंकि कई बार हेल्दी लाइफ स्टाइल के बाद भी बढ़ती उम्र में न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर, स्पाइनल-सर्वाइकल प्रॉब्लम या फिर शुगर-बीपी-थायरॉइड की वजह से मसल्स कमजोर होने लगते हैं।
कमजोर मसल्स की वजह
शरीर में खून की कमी
नसों पर दबाव
जेनेटिक डिसऑर्डर
ऑटो इम्यून डिजीज
संक्रमण
मांसपेशियों के दर्द का उपाय
पैदल चलें
रोज दूध पिएं
ताजा फल खाएं
हरी सब्जियां खाएं
ज्यादा देर न बैठें
मोटापा घटाएं
वर्कआउट करें
जंक फूड से परहेज
मस्कुलर हेल्थ पर नेचर मैगजीन की रिपोर्ट
योग-एक्सरसाइज से मसल्स की एज रिवर्स
मांसपेशियों पर फैट से कार्डियो-मेटाबॉलिक रोग