खराब लाइफस्टाइल और गलत खानपान की वजह से पेट की कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है जिनमे से एक समस्या कब्ज की भी है। अगर कब्ज को समय रहते ठीक नहीं किया तो ये आगे चलकर बवासीर बन सकती है। बवासीर एक गंभीर बीमारी तो है ही साथ ही ये मरीज को एक असुविधा देने वाली परेशानी भी है। जिसके बारे में डॉक्टर को बताने में भी संकोच होता है। बवासीर को इंगलिश में पाइल्स या हेमरॉइड्स भी कहा जाता है। जानिए कैसे इस बीमारी को होने से रोका जा सकता है, और अगर हो जाए तो क्या ट्रीटमेंट फायदा करेगा?
क्या है बवासीर (पाइल्स)?
पाइल्स एक ऐसी बीमारी है जिसमें बैठना काफी मुश्किल हो जाता है। इसमें गुदा के अंदर और बाहर के साथ-साथ मलाशय के निचले हिस्से में सूजन आ जाती है। जिसके कारण वहां पर मस्से जैसी स्थिति बन जाती है। कई बार ये मस्से अंदर होते हैं और कई बार ये बाहर भी हो जाते हैं।
पाइल्स कितने तरह की होती है?
आपको बता दें कि पाइल्स 2 तरह के होते हैं, जिसमें पहला है खूनी बवासीर और दूसरी बादी बवासीर। खूनी बवासीर में किसी भी प्रकार का दर्द नहीं होता है लेकिन वॉशरूम जाते वक्त यानी शौच जाते समय खून आता है। वही बादी बवासीर में पेट में कब्ज बन जाती है और पेट हमेशा ही खराब रहता है। इसमें बहुत ही ज्यादा दर्द होता है। अगर पाइल्स की समस्या ज्यादा बढ़ जाए तो चलने-फिरने में भी दिक्कत आ सकती है।
बवासीर यानि पाइल्स को कैसे रोक सकते हैं?
डॉक्टर के मुताबिक पाइल्स की बीमारी को गंभीर होने से रोकने के कई उपाय हैं। एक्सपर्ट्स के मुताबिक सबसे पहले अच्छा फाइबर वाला खाना खाएं। पानी की मात्रा बढ़ाए और साथ ही हल्का, सुपाच्य खाना खाएं। पाइल्स के मरीज को फास्ट फूड और प्रोसेस्ड फूड से दूर रहना सबसे ज्यादा जरूरी है। आयुर्वेद के हिसाब से जिस खान-पान को बादी का कारण माना जाता है उसे कम खाएं। अच्छी नींद लेना और स्ट्रेस फ्री रहना भी इस बीमारी का इलाज है।