इन दिनों जवान से लेकर उम्रदराज लोग हर कोई यूरिक एसिड की चपेट में आ रहा है। दरअसल, हम जो भी खाते हैं, उससे यूरिक एसिड बनता है। जिसे किडनी फिल्टर कर, बॉडी से बाहर निकाल देती है। लेकिन जब बॉडी में यूरिक एसिड ज़्यादा बनने लगता है और किडनी उसे फिल्टर कर बाहर नहीं निकाल पाती तब समस्या शुरू होती है। इस वजह से शुगर हाई होने लगता है, बुखार आता है और पैरों की एड़ी, घुटनों में अचानक दर्द शुरू होने लगता है। कई बार यह परेशानी इतनी ज़्यादा बढ़ जाती है कि उठने बैठने में भी लोगों को तकलीफ होती है। ऐसे में अगर यूरिक एसिड को कंट्रोल नहीं किया गया तो किडनी डैमेज भी हो सकता है। किडनी में स्टोन तक की परेशानी आती है और किडनी के फेल होने का खतरा भी बढ़ जाता है। ऐसे में आप अपने डाइट के साथ साथ योगा कर के भी इस परेशानी से छुटकारा पा सकते हैं। योग करने वालों को परेशान होने की जरूरत नहीं है। योग और आयुर्वेद से, साथ ही खान-पान में थोड़े बदलाव से आप यूरिक एसिड की परेशानी को पूरी तरह से खत्म कर सकते हैं।
यूरिक एसिड कंट्रोल करने वाले योगासन
सूक्ष्म व्यायाम के फायदे- बॉडी को एक्टिव करता है। शरीर पूरा दिन चुस्त रहता है। शरीर में थकान नहीं होती है। कई तरह के दर्द से राहत मिलती है। ऊर्जा और स्फूर्ति का संचार होता है।
उष्ट्रासन के फायदे- शरीर का पोश्चर सुधारता है। फेफड़ों को स्वस्थ बनाने में मददगार है। किडनी को स्वस्थ बनाता है। मोटापा दूर करने में सहायक है। पाचन प्रणाली को ठीक करता है। कंधों और पीठ को मजबूत बनाता है।
मर्कटासन के फायदे- रीढ़ की हड्डी लचीली बनती है। पीठ का दर्द दूर हो जाता है। फेफड़ों के लिए अच्छा योगासन है। पेट संबंधी समस्या दूर होती हैं। गैस और कब्ज से राहत मिलती है। एकाग्रता बढ़ाने में मदद मिलती है। कमर दर्द में फायदेमंद है। गुर्दे, अग्नाशय और लिवर सक्रिय होते हैं।
भुजंगासन- भुजंगासन किडनी को स्वस्थ बनाता है। इस आसन से सीना चौड़ा होता है। रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है। शरीर को सुंदर और स्लिम बनाता है। मोटापा कम करने में मदद करता है। तनाव, चिंता और डिप्रेशन दूर करता है। फेफड़ों, कंधों और सीने को स्ट्रेच करता है।
उत्तानपादासन के फायदे- वजन कम करने में मददगार है। पेट से जुड़ी समस्याएं दूर होती हैं। एसिडिटी ठीक होती है। ये आसन तनाव कम करने में मददगार है।
नौकासन के फायदे- टीबी, निमोनिया से बचने के लिए कारगर है। फेफड़ों तक ज्यादा ऑक्सीजन पहुंचती है। शरीर में ऑक्सीजन का लेवल संतुलित रहता है। नियमित अभ्यास से मोटापे में कमी। पेट, कमर, पीठ मजबूत बनती है।
डाइट है सबसे ज़रूरी
- रोज डाइट में सेब को शामिल करें।
- दिन में एक बार अदरक की चाय पिएं।
- प्याज किडनी के लिए बेहद फायदेमंद है।
- दही किडनी इंफेक्शन ठीक करता है।
- हाई प्रोटीन डाइट से हमेशा बचें।
- एप्पल विनेगर भी यूरिक एसिड में कारगर है।