जिंदगी की दौड़भाग में हम रोजमर्रा के हर काम को निपटाते हैं, लेकिन शरीर में आ रहे बदलाव और हल्के-फुल्के दर्द को ना जल्दी गंभीरता से लेते हैं और ना ही जल्दी इलाज करवाते हैं। उसे नजरअंदाज कर देते हैं। ऐसा ही एक दर्द है, पैरों की एड़ी में अचानक शुरू हुआ दर्द और उससे जुड़ी हुई सूजन, जिसकी मुख्य वजह है बढ़ा हुआ यूरिक एसिड। अगर यूरिक एसिड को कंट्रोल नहीं किया गया तो नतीजा किडनी डैमेज भी हो सकता है।
दरअसल हम जो कुछ भी खाते हैं, उससे यूरिक एसिड बनता है। यूरिक एसिड को किडनी फिल्टर करती है और बॉडी के बाहर निकाल देती है। किसी वजह से ज्यादा यूरिक एसिड बनने लगे या फिर किडनी एसिड को फिल्टर नहीं कर पाए तो यूरिक एसिड बढ़ने से एड़ियों में तेज दर्द होने लगता है। पैरों में सूजन हो जाती है। शुगर हाई हो जाता है। बुखार आने लगता है। किडनी में स्टोन तक की परेशानी आती है और किडनी के फेल होने का खतरा भी बढ़ जाता है, लेकिन योग करने वालों को परेशान होने की जरूरत नहीं है। योग और आयुर्वेद से, साथ ही खान-पान में थोड़े बदलाव से आप यूरिक एसिड की परेशानी को पूरी तरह से खत्म कर सकते हैं। यूरिक एसिड को कैसे करें कंट्रोल और कैसे करें क्योर, ये जानिए स्वामी रामदेव से।
किडनी से जुड़ी बातें
- किडनी एक दिन में 400 बार खून साफ करती है।
- 10 में से एक व्यक्ति में किडनी की समस्या।
- 125 मिली लीटर खून हर मिनट साफ करती है।
- 0.9-1.2 मिलीग्राम क्रिएटिनिन लेवल जरूरी है।
- एक एडल्ट की किडनी का वजन 150 ग्राम होता है।
- करीब 3-4 लीटर पानी दिनभर में पीना चाहिए।
योग से यूरिक एसिड करें कंट्रोल:
- सूक्ष्म व्यायाम
- मंडूकासन
- शशकासन
- योगमुद्रासन
- भुजंगासन
- शलभासन
- उत्तानपादासन
- पवनमुक्तासन
- मर्कटासन
- त्रिकोणासन
- कटि चक्रासन
- वक्रासन
- सुप्त वज्रासन
- पश्चिमोत्तानासन
- उष्ट्रासन
- सूर्य नमस्कार
- दंड बैठक
सूक्ष्म व्यायाम के फायदे- बॉडी को एक्टिव करता है। शरीर पूरा दिन चुस्त रहता है। शरीर में थकान नहीं होती है। कई तरह के दर्द से राहत मिलती है। ऊर्जा और स्फूर्ति का संचार होता है।
उष्ट्रासन के फायदे- शरीर का पोश्चर सुधारता है। फेफड़ों को स्वस्थ बनाने में मददगार है। किडनी को स्वस्थ बनाता है। मोटापा दूर करने में सहायक है। पाचन प्रणाली को ठीक करता है। कंधों और पीठ को मजबूत बनाता है।
मर्कटासन के फायदे- रीढ़ की हड्डी लचीली बनती है। पीठ का दर्द दूर हो जाता है। फेफड़ों के लिए अच्छा योगासन है। पेट संबंधी समस्या दूर होती हैं। गैस और कब्ज से राहत मिलती है। एकाग्रता बढ़ाने में मदद मिलती है। कमर दर्द में फायदेमंद है। गुर्दे, अग्नाशय और लिवर सक्रिय होते हैं।
भुजंगासन के फायदे- किडनी को स्वस्थ बनाता है। इस आसन से सीना चौड़ा होता है। रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है। शरीर को सुंदर और स्लिम बनाता है। मोटापा कम करने में मदद करता है। तनाव, चिंता और डिप्रेशन दूर करता है। फेफड़ों, कंधों और सीने को स्ट्रेच करता है।
उत्तानपादासन के फायदे- वजन कम करने में मददगार है। पेट से जुड़ी समस्याएं दूर होती हैं। एसिडिटी ठीक होती है। ये आसन तनाव कम करने में मददगार है।
नौकासन के फायदे- टीबी, निमोनिया से बचने के लिए कारगर है। फेफड़ों तक ज्यादा ऑक्सीजन पहुंचती है। शरीर में ऑक्सीजन का लेवल संतुलित रहता है। नियमित अभ्यास से मोटापे में कमी। पेट, कमर, पीठ मजबूत बनती है।
योग करो, किडनी बचाओ:
- अनुलोम विलोम
- उद्गीत
- शीतली
- शीतकारी
- भ्रामरी
- उज्जायी
यूरिक एसिड को ऐसे करें कंट्रोल:
- रोज डाइट में सेब को शामिल करें।
- दिन में एक बार अदरक की चाय पिएं।
- प्याज किडनी के लिए बेहद फायदेमंद है।
- दही किडनी इंफेक्शन ठीक करता है।
- हाई प्रोटीन डाइट से हमेशा बचें।
- एप्पल विनेगर भी यूरिक एसिड में कारगर है।
आयुर्वेदिक औषधि:
- रोज गिलोय, ट्राइघन वटी खाली पेट लें।
- सुबह-शाम 2-2 गोली लेना फायदेमंद होता है।
- चंद्रप्रभा, कैशोर गुग्गल, पुनर्नवादी मंडूर, रोज खाने के बाद सुबह-शाम 1-1 गोली लें।
- यूरिक एसिड से फीवर- गिलोय, चिरैता, कुटकी लें।
- किडनी खराब होने पर वृक्क दोष हर क्वाथ।
- किडनी में स्टोन होने पर कुलथी का काढ़ा।
किडनी के लिए कुलथी:
- 200 एमएल पानी में 25 ग्राम दाल उबालें।
- 50 एमएल पानी बच जाए तो छान लें।
- कुलथी का पानी दिन में दो बार पिएं।