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गले में खराश से होती है वायरल फीवर की शुरुआत, जानें एक्सपर्ट क्यों कहते हैं बस इस 1 काम को करने की बात

वायरल फीवर (Viral fever) के मामले इन दिनों बढ़ रहे हैं। धूप और बारिश के बीच इस मौसम में हर कोई इस इंफेक्शन का शिकार हो रहा है। ऐसे में इसकी शुरुआती लक्षणों को महसूस करते ही ये उपाय आप अपना सकते हैं।

Written By: Pallavi Kumari
Published : Aug 09, 2023 9:34 IST, Updated : Aug 09, 2023 9:34 IST
 gargle with salt water
Image Source : SOCIAL gargle with salt water

बारिश और धूप के बीच वायरल फीवर के मामले बढ़ हुए हैं। स्थिति ये है कि इस समय आपको हर घर में इस इंफेक्शन के बीमार मरीज मिल जाएगा। दरअसल, वायरस इंफेक्शन की जब शुरुआत होती है तो, ज्यादातर लोग गले में खराश और शरीर में दर्द की शिकायत करते हैं। फिर धीमे-धीमे लोग बंद नाम, खांसी और फिर बुखार के शिकार हो जाते हैं। पर कभी आपने सोचा है कि इस तरह के इंफेक्शन में सबसे पहले लक्षण आपके गले से क्यों शुरू होते हैं। तो, सबसे पहले जानते हैं इस बारे में और फिर जानेंगे कि क्यों हर डॉक्टर इन लक्षणों में नमक के गरारे ( gargle with salt water works in sore throat) करने की बात कहते हैं।

वायरल फीवर की शुरुआत कैसे होती है-How does viral fever start

वायरल फीवर की शुरुआत तब होती है जब संक्रमित व्यक्ति के शारीरिक तरल पदार्थ के संपर्क से स्वस्थ व्यक्ति आ जाता है। इसे आप ऐसे समझें कि जब संक्रमित व्यक्ति जम्हाई लेता है, छींकता है, खांसता है या यहां तक ​​कि बात करता है, तो उसके शरीर से तरल पदार्थों की छोटी-छोटी फुहारें या कहें एयर बबल्स, निकलती हैं जो आपके आस-पास होने पर आपके मुंह, गले और नाक के जरिए सिस्टम में प्रवेश कर सकती हैं। 

एक बार जब वायरस आपके सिस्टम में प्रवेश कर जाता है, तो 16 घंटे से लेकर 48 घंटे तक के समय में कई लक्षण महसूस हो सकते हैं। सिरदर्द, शरीर में दर्द, गले में खराश और अचानक तेज बुखार। ऐसे में जब आप शुरुआत में डॉक्टर के पास जाते हैं तो वो आपको नमक के गरारे करने की बात कहते हैं। लेकिन, क्यों जानते हैं।

sore throat

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sore throat

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नमक के गरारे करने से क्या होता है-Why gargling with salt water beneficial in sore throat in hindi

नमक का पानी (gargling with salt water) , गले की खराश को ठीक नहीं करता है, लेकिन यह दर्द और परेशानी को कम करने में मदद कर सकता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि खारे पानी में हाइपरटोनिक गुण (hypertonic properties) होते हैं। दूसरे शब्दों में, नमक के पानी में ओस्मोटिक प्रेशर (osmotic pressure) आसपास की कोशिकाओं के तरल पदार्थ के दबाव से अधिक होता है।

आम आदमी के शब्दों में कहें तो,  हाइपरटोनिक तरल पदार्थ गले और नेसल पैसेज को साफ करते हुए अपने साथ वायरस और बैक्टीरिया को भी बाहर निकालने में मदद करता है। इससे गरारे करने के बाद जब आप पानी थूकेंगे तो आपको कुछ बैक्टीरियाल से भी छुटकारा मिल जाता है। दूसरा, नमक के साथ गर्म पानी के गरारे करने से आपके गले को आराम मिलता है और खिचखिच से राहत मिलती है। इसके अलावा ये बलगम और बंद नाम की समस्या को भी कम करने में मदद कर सकता है।

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तो, अगर आपको वायरल इंफेक्शन हुआ है। गले में खराश है, खांसी है तो आपको ये उपाय अपनाना चाहिए। ये आपके लिए कारगर तरीके से काम कर सकता है और जल्दी ठीक होने में मदद कर सकता है। 

(ये आर्टिकल सामान्य जानकारी के लिए है, किसी भी उपाय को अपनाने से पहले डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें)

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