Highlights
- शुगर मरीजों को अपनी डाइट को लेकर काफी सजग रहने की जरूरत होती है।
- डायबिटीज पेशेंट को खाने में मिठास के लिए भूलकर भी चीनी का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
Honey Vs Jaggery: मधुमेह, शुगर या डायबिटीज ऐसा खतरनाक रोग होता है जिसमें व्यक्ति को खाने-पीने की चीजों में प्रतिबंध के साथ जीना पड़ता है। आज अधिकतर लोग इस बीमारी से ग्रस्त हैं। इसका मुख्य कारण होता है गलत लाइफ़स्टाइल, अनहेल्दी डाइट और शरीर में इंसुलिन कम पहुंचने से खून में ग्लूकोज का स्तर बढ़ना। जिन व्यक्ति को मधुमेह होता है उसे शरीर में अन्य बीमारियों के होने का खतरा भी बढ़ जाता है। इसलिए मधुमेह को धीमी मौत कहा जाता है। हालांकि पहले यह बीमारी 40-45 उम्र के बाद होती थी। लेकिन आजकल युवा भी इसका शिकार हो रहे हैं।
डायबिटीज पेशेंट को डॉक्टर की सलाह के अनुसार दवाइयों का सेवन तो करना ही पड़ता है। इसके साथ ही उन्हें अपनी डाइट को लेकर भी काफी सजग रहने की जरूरत होती है। अन्यथा शरीर में शुगर लेवल तुरंत बढ़ सकता है। इसलिए डायबिटीज पेशेंट को लो ग्लाइसिमेक इंडेक्स फूड को ही डाइट में शामिल करने की सलाह दी जाती है और मीठी चीजों का पूरी तरह से परहेज करना होता है। क्योंकि मीठी चीजें मधुमेह के रोगियों के लिए जहर के समान होती है जोकि उन्हें काफी नुकसान पहुंचा सकता है।
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ये हैं हेल्दी शुगर सब्सिट्यूट
डायबिटीज पेशेंट को खाने में मिठास के लिए भूलकर भी चीनी या शक्कर का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। यह आपके शुगर लेवल को तुरंत बढ़ा सकता है। अगर बात करें हेल्दी शुगर सब्सिट्यूट की तो गुड़ और शहद इसके लिए सबसे अच्छे विकल्प माने जाते हैं। दोनों ही खाने में मिठास लाते हैं। इससे शरीर को नुकसान नहीं होता और ना ही शुगर लेवल बढ़ने का खतरा रहता है।
गुड़ और शहद के फायदे
शहद में एंटीऑक्सिडेंट और एंटी-इन्फ्लमेट्री प्रापर्टीज पाया जाता है। शहद के सेवन से ब्लड शुगर कंट्रोल रहता है। साथ ही इसके एंटी-इन्फ्लमेट्री प्रॉपर्टीज मधुमेह से होने वाली जटिलताओं को कम करने में सहायक होते हैं। बात करें गुड़ की तो शक्कर के बजाय गुड़ का इस्तेमाल करना अच्छा होता है। इसमें पोटेशियम, मैग्नीशियम और विटामिन बी1, बी6 और सी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। इसमें फाइबर भी होता है जोकि पाचन तंत्र के लिए अच्छा होता है।
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गुड या शहद किसका सेवन है फायदेमंद
सामान्य लोगों के लिए भी चीनी के मुकाबले गुड़ या शहद का सेवन करना ही अच्छा होता है। लेकिन बात कें मधुमेह पेशेंट के लिए तो उन्हें चीनी से तौबा कर लेना चाहिए। लेकिन गुड़ और शहद की बात करें तो मधुमेह के रोगी गुड़ का सेवन करना सुरक्षित मानते हैं। लेकिन वास्तव में ऐसे लोगों को गुड़ के सेवन से बचना चाहिए। क्योंकि शक्कर और गुड़ तैयार करने का स्त्रोत एक ही होता है। शक्कर और गुड़ दोनों गन्ना से ही प्राप्त होते हैं। ऐसे में गुड़ के सेवन से भी ग्लाइसेमिक इंडेक्स हाई होता है।
वहीं मधुमेह पेशेंट को गुड़ के बजाय शहद का सेवन करना काफी हद तक फायदेमंद होता है। क्योंकि यह प्राकृतिक रूप से तैयार की जाती है और इसमें सूक्ष्म पोषक तत्व होते हैं।
Disclaimer: यह जानकारी आयुर्वेदिक नुस्खों के आधार पर लिखी गई है। इंडिया टीवी इनके सफल होने या इसकी सत्यता की पुष्टि नहीं करता है। इनके इस्तेमाल से पहले चिकित्सक का परामर्श जरूर लें।