लंबे समय तक एक जगह बैठने के कारण रीढ़ की हड्डी पर अधिक प्रभाव पड़ता है। इसके अलावा सही तरीके से बैठने और लेटने का सबसे ज्यादा असर रीढ़ पर ही पड़ता है। जिसके कारण रीढ़ की हड्डी संबंधी कई रोगों के शिकार हो जाते हैं। इस समस्या का सामना करना पड़ता है। अगर आपके भी गर्दन-कंधे में हमेशा जकड़न बनी रहती हैं तो वह स्पॉन्डिलाइटिस के कारण हो सकती है। इसमें गर्दन और रीढ़ की हड्डी सबसे ज्यादा प्रभावित होती है।
रीढ़ की हड्डी में प्रभाव पड़ने के कारण स्लिप डिस्क, सर्वाइकल, वर्टिगो, आस्टियो, अर्थराइटिस, स्पॉनिलाइटिस, स्पाइनल स्टेनोसिस, साइटिका जैसी बीमारियों का समस्या करना पड़ता है। ऐसे में आप योग के साथ-साथ इस पीड़ांतक तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं। यह बाजार में भी आसानी से मिल जाता है। इसके अलावा आफ चाहे तो घर पर ही 5 जड़ी बूटियों के साथ इसे आसानी से बना सकते हैं। स्वामी रामदेव से जानिए बनाने का सिंपल तरीका।
पीड़ांतक तेल बनाने के लिए सामग्री
- 3-4 चम्मच पीड़ांतक क्वाथ
- 1 लीटर तिल का तेल
- 1 लीटर पानी
- थोड़ी अजवाइन
- थोड़ी सी मेथी
- लहसुन 6-8 कली कटी हुई
रोजाना इन 7 आयुर्वेदिक चीजों का सेवन करने से होगी इम्यूनिटी बूस्ट
ऐसे बनाएं पीड़ांतक तेल
सबसे पहले कढ़ाई में तेल डालकर गर्म करेंगे। गर्म हो जाने के बाद इसमें लहसुन डालकर देंगे। कुछ सेकंड बाद इसमें पीड़ांतक तेल और अजवाइन, मेथी डाल कर अच्छे से पकाएंगे। इसके साथ ही इसमें पानी डाल देंगे। इसके बाद इसे धीमी आंच में पकाएंगे। जब पानी बिल्कुल पक जाए तो गैस बंद कर दें। इसमें आपको करीब 1 से 2 घंटा लगेगा। इसके बाद इसे ठंडा होने के बाद किसी बोतल में भर लें। आपका पीडांतक तेल बनकर तैयार है। इसे रोजाना दिन में 2 बार मालिश करे। इसके अलावा एक्यूप्रेशर प्वाइंट्स दबाने समय इसे लगाकर हल्का सा मालिश कर लें। इससे आपको दोगुना लाभ मिलेगा।
तेजी से वजन घटाने और पेट अंदर करने के लिए बस फॉलो करे ये टिप्स, कुछ ही दिनों में दिखेगा असर