बदलते मौसम के कारण अधिकतर लोगों को दाद खाज की समस्या हो जाती हैं। इस समस्या से पुरुषों के साथ-साथ महिलाएं भी काफी परेशान रहती हैं। अगर इस समस्या नजरअंदाज किया तो आगे चलकर ये एक्जिमा का रूप ले लेती है। इतना ही नहीं यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को आसानी से हो सकती है। इस रोग में एक परतदार स्किन पर गोल और लाल चकत्ते पड़ जाते है। जिसमें अधिक खुजली के साथ-साथ जलन भी होती है। इस समस्या से निजात पाने के लिए तरह-तरह के प्रोडक्ट का इस्तेमाल करते हैं।
स्वामी रामदेव के अनुसार दाद-खाज जैसी हर स्किन संबंधी समस्या लिवर, किडनी, फेफड़े, ऑक्सीजन का कम आना, पित्त का बढ़ना, पानी कम पीना और स्ट्रेस हार्मोंस के कारण होता है। ऐसे में प्राणायाम के साथ कुछ आयुर्वेदिक उपाय कारगर हो सकते हैं। कई ऐसी आयुर्वेदिक औषधियां हैं जिन्हें अपनाकर आप पुरानी से पुरानी दाद-खाज की समस्या से निजात पा सकते हैं। जानिए इन आयुर्वेदिक उपायों और प्राणायाम के बारे में।
दाद-खाज की समस्या से निजात पाने के लिए प्राणायाम
अगर आपको भी दाद की समस्या है तो प्राणायाम जरूर करें। इससे आपके शरीर में ऑक्सीजन अधिक मात्रा में पहुंचेगी।
- कपालभाति
- भस्त्रिका
- अनुलोम विलोम
- भ्रामरी
- उद्गीथ
दाद-खाज की समस्या से निजात पाने के नैचुरल उपाय
नीम और एलोवेरा
नीम और एलोवेरा दोनों में ही एंटीबैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं। जो बैक्टीरिया को खत्म करने में मदद करते हैं। दाद की समस्या से निजात पाने के लिए नीम की पत्तियों के पेस्ट में थोड़ा सा एलोवेरा डालकर अच्छे से मिक्स कर लें। इसके बाद इसे दाद में लगाकर हल्के हाथों से मालिश कर लें। कुछ दिनों में ही आपको राहत मिल जाएगी।
थूहर
थूहर एक प्रकार का पतझड़ होता है। जो आसानी से बाग-बगीचों में मिल जाता है। इसमें भी भरपूर मात्रा में औषधिय गुण पाए जाते हैं जो आंख, कान और मुंह की बीमारियों से निजात दिलाता है। इसके साथ ही यह दाद खाज में भी लाभदायक है। इसके लिए थोड़ी सी थूहर को लेकर कूटकर इसका रस निकाल लें। इसके बाद इसे कायाकल्प तेल में डालकर अच्छी से पका लें। इसके बाद इसका इस्तेमाल करें। इससे आपको लाभ मिलेगा।