सोरायसिस स्किन संबंधी एक समस्या है जिसमें स्किन के सेल्स बहुत ही तेजी से बढ़ने लगते हैं। जिसके कारण स्किन के ऊपर एक मोटी परत जम जाती है। इसके अलावा यह स्किन रूखी होने के साथ-साथ लाल रंग के चकत्ते भी उबर आते हैं। इन चकत्तों में खुजली के साथ-साथ दर्द या फिर सूजन आने लगती है। यह एक गंभीर रोग माना जाता है। मुख्य रुप से शुरुआत में ये बीमारी सिर के बालों के पीछे, हाथ-पैर, तलवों, कोहनी, घुटनों और पीठ में अधिक होती है।
स्वामी रामदेव के अनुसार स्किन रूखी होना जाना या फिर किडनी और लिवर का फंक्शन ठीक ढंग से नहीं करने के कारण इस समस्या का सामना करना पड़ता है। सोरायसिस में अधिक खुजली होती है। जिसके कारण अधिक घाव हो जाते हैं। अगर आपको भी इस समस्या का सामना करना पड़ रहा है तो इस आयुर्वेदिक लेप को लगाएं। कुछ ही दिनों में लाभ मिल जाएगा।
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सोरायसिस के लक्षण
- अगर आपकी स्किन छिल्केदार, लाल रंग की पपड़िया जमी हो जाती है।
- ड्राई, फटी हुई स्किन
- स्किन में खुजली और जलन होना।
- स्किन स्कल्प में खून की बूंदे दिखना।
- शरीर में लाल-लाल धब्बे और चकत्ते हो जाते हैं।
- घाव सूखे होते हैं; हथेलियों और तलवों पर अत्यधिक सूखापन फटी त्वचा और खून बहने का कारण बन सकते हैं।
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ऐसे बनाएं आयुर्वेदिक लेप
एलोवेरा, कच्ची हल्दी, नीम के पत्ते, कनेर, अपामार्ग, त्रिधारा, अमरतास को पीसकर पेस्ट बना लें। इसके बाद इसमें मुल्तानी मिट्टी मिला लें। आपका आयुर्वेदिक लेप बनकर तैयार है। रोजाना सुबह-शाम इसे पेस्ट को 1-1 घंटा लगा लें। इससे कुछ ही दिनों में आपको लाभ मिल जाएगा।
कैक्टस भी है कारगर
सोरायसिस के कारण स्किन रूखी हो जाती है इसके साथ ही वह पपड़ी बनकर गिरने भी लगती है। इस समस्या से निजात पाने के लिए सरसों के तेल में कैक्टस डालकर अच्छी तरह से पका लें। इसके बाद इस तेल को स्किन में दिन में 2 बार लगाए। इससे 1 सप्ताह या 1 माह के अंदर रूखी स्किन से निजात मिल जाएगा। इसके अलावा सोरायसिस के मरीज दूध के साथ नमक और मीठे का सेवन न करें। इसके साथ ही सब्जी में बैगन का सेवन करें।