डायबिटीज की समस्या एक आम समस्या होती है। जिसे कई लोग नजरअंदाज भी कर देते हैं। लेकिन शरीर में बढ़ा हुआ ब्लड शुगर आपका ग्लूकोज प्रभावित होता है जिससे हार्ट, किडनी, दांत, तंत्रिकाओं के साथ-साथ आंख पर भी बुरा असर पड़ता है। जिसके कारण आंखों की रोशनी भी कम हो जाती हैं। अगर आप भी इस समस्या का सामना कर रहे हैं तो स्वामी रामदेव से जानिए कारगर इलाज।
आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए योगासन
सर्वांगासन
- रोजाना सर्गांसान करने से आंखों की रोशनी बढ़ेगी। इसके साथ ही ब्लड शुगर कंट्रोल करने में मदद मिलेगी।
- तनाव और चिंता से मुक्ति मिलती है
- दिल तक शुद्ध रक्त पहुंचता है
- एकाग्रता बढ़ाने में मदद मिलती है
- याद की हुई चीजें भूलते नहीं
- ब्रेन में एनर्जी का फ्लो बेहतर
- आंखों पर चश्मा नहीं चढ़ेगा
- थाइराइड ग्लैंड एक्टिव होता है
- हाथ-कंधे मजबूत बनते हैं
- ब्रेन को पर्याप्त ब्लड मिलता है
- हार्ट मसल्स एक्टिव होता है
- दिल तक शुद्ध रक्त पहुंचता है
हलासन
- इस आसन से दिमाग शांत होता है
- थायराइड की बीमारी ठीक होती है
- स्ट्रेस और थकान मिटाता है
- रीढ़ की हड्डी और कंधों में खिंचाव आता है
- डायबिटीज़ की परेशानी दूर होती है
- डायजेशन में सुधार आता है
श्राटक
त्राटक सदियों से की जाने वाली क्रिया है। यह सिर्फ आंखों के लिए ही नहीं बल्कि शरीर की दूसरी बीमारियों को दूर करने में भी मदद करता है। एकाग्र चित्त होकर निश्चल द्रष्टि से तक तक देखते रहें जब तक कि आंखों से आंसू न आ जाए। त्राटक क्रिया बिंदू, तारा, सूर्य, चंद्रमा, दीपक और मोमबत्ती आदि पर किया जाता है, लेकिन आप दीपक से इसकी शुरुआत करें। सबसे पहले एक एकांत और शांत जगह चुने। इसके बाद आंखों के बिल्कुल सामने थोड़ी दूर दीपक रखें। किसी भी आसन में आराम से बैठ जाएं। सिर, गर्दन, पीठ को सीधा रखें। अंधेरे में ध्यान की मुद्रा केंद्रित करें। आंखों को बराबर दीपक में लाएं। दीपक की रोशनी में ध्यान दें। इसे तब तक देखते रहें जब तक आपकी आंखे थक न जाए। पलक न झपकने दें। इसके बाद आंखे बंद कर लें। फिर अपनी आंखों को ठंडे पानी से धो लें। इसे आप रोजाना या सप्ताह में 1-2 बार कर सकते हैं।
जल नेति
यह जल द्वारा किया जाने वाली एक क्रिया है। इससे नैजल ट्रैक की सफाई ठीक ढंग से हो जाती है। इस जल में आप चाहे तो थोड़ा सा सेंधा नमक भी डाल सकते है। इसके लिए एक तरफ से नाक के होल में पानी डाला जाता है वह दूसरी तरह के होल से आसानी से निकल आता है। इसके साथ ही आपको बता दें कि इस क्रिया को करने के लिए खास पात्र की आवश्यकता होती है। इस क्रिया को करते समय गर्दन को तिरछी रखकर मुंह से सांस लेना है। कभी भी इस क्रिया को करते समय नाक से सांस न लें। ऐसा करने से पानी दिमाग में चल जाएगा
अनुलोम विलोम
सबसे पहले पद्मासन की मुद्रा में बैठ जाएं। अब दाएं हाथ की अनामिका और सबसे छोटी उंगली को मिलाकर बाएं नाक पर रखें और अंगूठे को दाएं वाले नाक पर लगा लें। तर्जनी और मध्यमा को मिलाकर मोड़ लें। अब बाएं नाक की ओर से सांस भरें और उसे अनामिका और सबसे छोटी उंगली को मिलाकर बंद कर लें। इसके बाद दाएं नाक की ओर से अंगूठे को हटाकर सांस बाहर निकाल दें। इस आसन को 5 मिनट से लेकर आधा घंटा कर सकते हैं। इस प्राणायाम को करने से क्रोनिक डिजीज, तनाव, डिप्रेशन, हार्ट के लिए सबसे बेस्ट माना जाता है। इसके अलावा ये मांसपेशियों की प्रणाली को भी ठीक रखता है। इसे 10 से 15 मिनट करें।
कपालभाति
इस प्राणायाम को करने से पैंक्रियाज के बीटा सेल्स दोबारा एक्टिव हो जाते हैं। जिससे तेजी से इंसुलिन बनने लगता है। जिससे ब्लड शुगर कंट्रोल होने के अलावा इसे करने से ब्लड सर्कुलेशन ठीक रहने के साथ मेटाबॉलिज्म बढ़ता है।
आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए आयुर्वेदिक उपाय
- अम्ल का रसायन 100 ग्राम, सप्ताअमृता 20 ग्राम , मुक्ताशुक्ति 10 ग्राम, वसराज और वसंतकुंज मिलाकर इसका सेवन किया। इससे आपकी आंखों की रोशनी बढ़ जाएगी।
- रात को गुलाबजल में आंवला को भिगो दें और सुबह इसके पानी से आंखों को धोएं। इससे लाभ मिलेगा।
- रात को पानी में त्रिफला भिगो दें। सुबह छानकर इसक पानी से आंखों को धोएं।
एक्यूप्रेशर प्वाइंट्स
अंगूठे से दूसरी अंगूली और तीसरी अंगूली के बीच में दबाएं । इससे आपको लाभ मिलेगा।