प्रेग्नेंसी में पाचन तंत्र कमजोर होने की वजह से महिलाओं को एसिडिटी की समस्या सबसे अदिक होती है। प्रेग्नेंसी के समय बेचैनी और असहजता महसूस भी होने लगती है। प्रेग्नेंसी के समय शरीर में अधिक मात्रा में प्रोजेस्टेरोन और रिलैक्सिन हार्मोन बनता है। जिससे शरीर की मांसपेशियों को आराम देते हैं जिसमें गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल मार्ग की मांसपेशियां भी शामिल हैं। जिसके कारण पाचन धीमा पड़ जाता है। जिसके कारण अपच, पेट फूलने एसिडिटी की समस्या का सामना करना पड़ता है। स्वामी रामदेव से जानिए किन उपायों के द्वारा इस समस्या से छुटकारा पा सकते हैं।
अनुलोम-विलोम
सबसे पहले पद्मासन की मुद्रा में बैठ जाएं। अब दाएं हाथ की अनामिका और सबसे छोटी उंगली को मिलाकर बाएं नाक पर रखें और अंगूठे को दाएं वाले नाक पर लगा लें। तर्जनी और मध्यमा को मिलाकर मोड़ लें। अब बाएं नाक की ओर से सांस भरें और उसे अनामिका और सबसे छोटी उंगली को मिलाकर बंद कर लें। इसके बाद दाएं नाक की ओर से अंगूठे को हटाकर सांस बाहर निकाल दें। इस आसन को 5 मिनट से लेकर आधा घंटा कर सकते हैं।
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शीतली प्राणायाम
सबसे पहले आराम से रीढ़ की हड्डी सीधी करके बैठ जाएं। इसके बाद जीभ को बाहर निकालकर सांस लेते रहें। इसके बाद दाएं नाक से हवा को बार निकालें।
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शीतकारी प्राणायाम
इस प्राणायाम में होंठ खुले, दांत बंद करें। दांत के पीछे जीभ लगाकर, दांतो से धीमे से सांस अंदर लें और मुंह बंद करें। थोड़ी देर रोकने के बाद दाएं नाक से हवा बाहर निकाल लें और बाएं से हवा अंदर लें।
- मोती पिष्टी 1-2 ग्राम लें।
- अतिपरकर चूर्ण , मोती पिष्टी और मुक्ताशुक्ति लेकर इसका सेवन करे।
- एलोवेरा, व्हीटग्रास और लौकी का जूस पिएं।
- लौकी के जूस के अलावा सर्दियों में लौकी का सूप पिएं।
- अनार, गाजर का सेवन करे।
- उबली हुई सब्जियों का अधिक सेवन करे।
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