How To Control Uric Acid: आजकल बेहद कम उम्र में लोगों को जोड़ों में दर्द और सूजन की समस्या होने लगी है। जिसकी एक वजह शरीर में बढ़ा हुआ यूरिक एसिड भी हो सकता है। जिन लोगों को हाई यूरिक एसिड की समस्या होती है उन्हें जोड़ों का दर्द और गठिया जैसी बीमारी होने लगती है। शरीर में यूरिक एसिड बढ़ने पर ये जोड़ों में क्रिस्टल के रूप में जमा होने लगता है। जिससे ज्वाइंट पेन की समस्या परेशान करने लगती है। हमारे शरीर में किडनी यूरिक एसिड को फिल्टर करती है, लेकिन जब यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ने लगती है तो इसे निकालने के लिए दवाएं या फिर आयुर्वेदिक उपाय करने पड़ते हैं। जिन लोगों को हाई यूरिक एसिड की समस्या रहती है वो खूब पानी पिएं, हेल्दी डाइट लें और एक्सरसाइज जरूर करें। यूरिक एसिड को कंट्रोल करने के लिए इन आयुर्वेदिक उपायों को भी अपना सकते हैं।
यूरिक एसिड को कंट्रोल करने का आयुर्वेदिक इलाज
काली किशमिश
जिन लोगों को हाई यूरिक एसिड की परेशानी है उन्हें डाइट में काली किशमिश शामिल करनी चाहिए। इसे गठिया और हड्डियों की डेंसिटी के लिए अच्छा माना जाता है. रा में करीब 10-15 काली किशमिश को पानी में भिगो दें और सुबह इन किशमिश को चबाते हुए खा लें। किशमिश के पानी को फेंकने की बजाय पी लें।
सौंठ और हल्दी
सौंठ यानि सूखी हुई अदरक ये यूरिक एसिड को कंट्रोल करने में मदद करती है। सौंठ के साथ हल्दी पाउडर भी यूरिक एसिड के मरीज के लिए फायदमेंद है। सौंठ और हल्दी खाने से जोड़ों के दर्द में आराम मिलता है. आप चाहें तो दोनों चीजों को मिलाकर पेस्ट बना लें और इसे दर्द वाली जगह पर लगा लें।
गुग्गुल
हड्डियों और जोड़ों के दर्द से परेशान रहने वाले लोगों के लिए गुग्गुल कारगर आयुर्वेदिक उपाय है। गुग्गल खाने से जोड़ों का दर्द और सूजन की समस्या को कम किया जा सकता है। बाजार में आपको कई प्रकार के गुग्गल मिल जाएंगे। आप चाहें तो इसकी गोलियां भी खा सकते हैं। इससे शरीर में बढ़े हुए यूरिक एसिड को कंट्रोल करने में मदद मिलेगी।
पुनर्नवा काढ़ा
यूरिक एसिड के मरीजों के लिए आयुर्वेद में पुनर्नवा का काढ़ा काफी फायगेमंद है। ये जड़ी-बूटी जोड़ों के दर्द में राहत और सूजन की समस्या को कम करती है। पुनर्नवा पेशाब के जरिए शरीर में जमा यूरिक एसिड और दूसरे खराब पदार्थों को बाहर निकालने का काम करती है। इसके इस्तेमाल से सूजन भी कम हो जाती है।
गुडुची
यूरिक एसिड को नियंत्रित करने के लिए गुडुची एक अच्छी जड़ी-बूटी है। इसके सेवन ने शरीर में पित्त की मात्रा को कम किया जा सकता है। वात दोष में भी ये फायदेमंद है। गुडुची खाने से खून में से यूरिक एसिड की मात्रा को कम किया जा सकता है। जोड़ों के दर्द और सूजन से राहत पाने के लिए ये असरदार आयुर्वेदिक इलाज है।
(ये आर्टिकल सामान्य जानकारी के लिए है, किसी भी उपाय को अपनाने से पहले डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें)