World Hepatitis Day 2023: हेपेटाइटिस लिवर से जुड़ी एक बीमारी, जिसमें लिवर में संक्रमण के चलते सूजन आ जाती है। इसका असर लिवर पर पड़ने से जान का भी खतरा बना रहता है। ऐसे में जरूरी है कि आप समय रहते इस बीमारी को पहचान लें और डॉक्टर को दिखाएं। पर ध्यान देने वाली बात ये है कि मानूसन में इस बीमारी का खतरा बढ़ जाता है और शरीर में कई प्रकार से लक्षण नजर आते हैं। लेकिन सवाल ये है कि आप और पहचानेंगे कि हमें हेपेटाइटिस हुआ है या नहीं? जानते हैं डॉक्टर महेश गुप्ता, सीनियर कंसलटेंट- मेडिकल गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, धर्मशिला नारायणा सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल, दिल्ली से। फिर डॉक्टर जी.एस लांबा से जानेंगे कारणों के बारे में और बचाव के बारे में डॉ. अंकुर जैन से।
हेपेटाइटिस को कैसे पहचानें-Symptoms of hepatitis?
हेपेटाइटिस तो पहचानने के लिए आपको अपने शरीर में कुछ प्रारंभिक लक्षणों पर ध्यान देगा होगा। जैसे कि अगर आपके शरीर में हमेशा थकान सा महसूस होता हो, भूख कम लग रही हो, उल्टी या जी मिचलानआ, आंखों के सफेद हिस्से का रंग पीला पड़ जाना, यूरिन का रंग बदलना, पेट दर्द और सूजन होना जैसे लक्षण हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए क्योंकि ये सब हेपेटाइटिस की ओर संकेत कर रही हैं।
डॉ. सुकृत सिंह सेठी, कंसल्टेंट - ट्रांसप्लांट हेपेटोलॉजी, हेपेटोलॉजी और गैस्ट्रोएंटरोलॉजी (एडल्ट), नारायणा सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल, गुरुग्राम ने बताया कि पांचों प्रकार के हेपेटाइटिस खतरनाक है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, हेपेटाइटिस ए से हर साल लगभग 1.4 मिलियन लोग ग्रस्त हो रहे हैं। हालांकि A और E ज्यादा खतरनाक नहीं होते।
हेपेटाइटिस क्यों होता है-Hepatitis causes in hindi?
हेपेटाइटिस वायरल इनफेक्शन होने से होने वाली बीमारी है जो कई कारणों से हो सकती है। डॉक्टर जी.एस लांबा, चीफ गैस्ट्रोएंटरोलॉजी एंड हेपिटोलॉजी, श्री बालाजी एक्शन मेडिकल इंस्टीट्यूट अनुसार
-हेपेटाइटिस ए और हैपेटाइटिस ई संक्रमित खाने और पानी पीने से हो सकता है।
-वहीं संक्रमित खून के ट्रांसफ्यूजन और सिमेन व दूसरे फ्लूइड के एक्सपोजर के कारण हेपेटाइटिस बी
-हेपेटाइटिस सी संक्रमित इंजेक्शन के इस्तेमाल के कारण भी हो सकता है।
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मानसून के दौरान हेपेटाइटिस का खतरा क्यों ज्यादा है-Hepatitis in monsoon
इंडियन स्पाइनल इंजरीज सेंटर के सीनियर कंसलटेंट-गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, डॉ. अंकुर जैन बताते हैं कि मानसून के दौरान हेपेटाइटिस का खतरा अधिक बढ़ जाता है। क्योंकि इस समय दूषित जल स्त्रोतों के अलावा पेटाइटिस वायरस से भोजन के संक्रमित होने का डर ज्यादा होता है। इसके अलावा भारी बारिश से पीने के पानी में सीवर का पानी मिल सकता है, जिससे खराब पानी पीने से आप इस वायरस की चपेट में आ सकते हैं। इसलिए, इस संक्रामक बीमारी से बचने के लिए स्वच्छता पर ध्यान देना, सुरक्षा के लिए टीकाकरण और जागरूकता फैलाना बेहद जरूरी है।
हेपेटाइटिस से कैसे बचें-Prevention Tips
हेपेटाइटिस से बचाव के लिए इन बातों का रखें खास ख्याल। जैसे-
-इस बीमारी से बचने के लिए लिवर को हेल्दी। इसके लिए ऑयली फूड्स से दूरी बनाए, तंबाकू और धूम्रपान से दूर रहें, पौष्टिक आहार लें, डिब्बाबंद खाद्य पदार्थ के सेवन से परहेज करें, अल्कोहल का सेवन ना करें। अत्यधिक दवाइयों का सेवन भी आपके लिवर को नुकसान पहुंचा सकता है।
-अगर आप इंजेक्शन ले रहे हैं तो हमेशा स्टेराइल इंजेक्शन का इस्तेमाल करें।
-अगर कभी खून चढ़ाने की जरूरत पड़ेगी तो हेपेटाइटिस टेस्टेड खून ही चढ़ाएं।
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अन्य प्रकार की सावधानी-
इसके अलावा बिना प्रोटेक्शन के यौन संबंध न बनाएं, ब्लेड या रेजर किसी के साथ शेयर न करें, हेपेटाइटिस का टीकाकरण करवाएं हालांकि सभी प्रकारों के हेपेटाइटिस के लिए टीका उपलब्ध नहीं लेकिन सबसे घातक माने जाने वाले हेपेटाइटिस बी का टीका उपलब्ध है, इसका डोज हर आयु वर्ग के लोग ले सकते हैं। इसलिए सावधानी बरतें और अपने लिवर का ख्याल रखें तभी आप हैपेटाइटिस के खतरे से बच सकते हैं।