गर्मी हर रोज तेजी से बढ़ रही है। गर्मी में लू लगना मौसम से जुड़ी एक स्वास्थ्य समस्या है। लू लगने यानि हीट स्ट्रोक के कारण कई बार स्थिति गंभीर हो सकती है। लंबे समय तक धूप में रहने या शरीर में डिहाइड्रेशन की स्थिति पैदा होने पर लू लगने का खतरा बढ़ जाता है। अगर लू लगने के संकेत तुरंत नहीं समझे तो परेशानी हो सकती है। मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, पटपड़गंज में इंटरनल मेडिसिन के निदेशक डॉ. मुकेश मेहरा से जानते हैं कि लू लगने पर शरीर में क्या लक्षण नजर आते हैं और इससे बचने के लिए क्या उपाय करने चाहिए?
लू लगने पर क्या लक्षण दिखते हैं?
- अगर आपके शरीर का तापमान 104°F (40°C) से ज्यादा है और टेंपरेचर को कंट्रोल नहीं कर पा रहा है तो समझ लें आपको लू लग गई है।
- अगर बहुत भ्रम और चिड़चिड़ापन जैसी स्थिति हो रही है इंसान कुछ समझ नहीं पा रहा है तो ऐसा दिमाग पर हाई टेंपरेचर के कारण हो सकता है।
- स्किन का रंग लाल, गर्म और डाई होना भी लू लगने के लक्षण हैं। अक्सर लू लगने पर पसीना नहीं आता है।
- हार्ट संबंधी तनाव पैदा होना जैसे कि हार्ट बीट तेज होना भी लू लहने के कारण हो सकती है।
- तंत्रिका से जुड़ी समस्याएं जैसे सिरदर्द, चक्कर आना, और गंभीर मामलों में दौरा भी लू लगने के कारण हो सकता है।
- गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल से जुड़ी समस्याएं जिसमें उल्टी, मतली और दस्त होना भी लू लगने के लक्षण हो सकते हैं।
लू लगने पर क्या बचाव करें?
- अगर किसी को लू लग जाए तो उसे सबसे पहले पानी पिलाएं और शरीर को हाइड्रेट रखने की कोशिश करें। जिससे लू के असर को कम किया जाए।
- लू से बचने के लिए धूप में कम से कम निकलें। अगर निकल रहे हैं तो छाया या किसी सूती कपड़े से खुद को कवर करके रखें। कोशिश करें शरीर को ठंडा रखने की इसलिए पंखा और कूलर में ही रहें।
- गर्मी और लू से बचने के लिए जरूरी है कि हल्के और हवा पास होने वाले सूती कपड़े पहनें। इससे पसीना निकलने में मदद मिलती है और गर्मी कम लगती है।
- एकदम से धूम में जाने से बचें। अगर आप एसी से निकल रहे हैं तो सीधे धूप में न जाएं। शरीर के तापमान को बैलेंस करने की कोशिश करें।
- अगर आप धूप में कुछ शारीरिक श्रम कर रहे हैं तो बीच-बीच में ब्रेक लें और शरीर को रिलेक्स होने दें। लगातार पानी पीते रहें और शरीर को हाइड्रेट रखें।
- गर्मियों में आम का रस पिएं, फलों का जूस पिएं, नारियल पानी पिएं और पुदीना और नींबू को सेवन करें। इससे शरीर में पानी की कमी को दूर किया जा सकता है।