तपती, चुभती गर्मी का मौसम आ चुका है। धूप में निकलने से पहले आपको सावधान होने की जरूरत है। गर्मी के मौसम में सिर्फ हीट स्ट्रोक ही नहीं ब्रेन स्ट्रोक के मामले भी तेजी से बढ़ रहे हैं। पिछले कुछ दिनों में सूरत से लेकर जमशेदपुर तक, कई अस्पतालों में ब्रेन स्ट्रोक के मरीजों की संख्या काफी ज्यादा आ रही है। डॉक्टर्स की मानें तो ब्लड प्रेशर और डायबिटीज के मरीजों में ब्रेन स्ट्रोक के मामले सबसे ज्यादा सामने आते हैं। इसका एक बड़ा कारण तेज गर्मी और अचानक से बदलता टेंपरेचर भी है। यानि अगर आप एसी से सीधे तेज धूप में निकलते हैं या फिर तेज धूप से सीधे एसी में जाते हैं तो ब्रेन स्ट्रोक का खतरा ज्यादा बढ़ जाता है।
आपको बता दें हार्ट अटैक के बाद ब्रेन स्ट्रोक मौत का दूसरा सबसे बड़ा कारण है। हाल ही में ब्रेन स्ट्रोल के जो मामले सामने आए हैं उसमें महिलाओं की संख्या ज्यादा है। वहीं 50 से 60 साल की उम्र के उन लोगों में ये समस्या ज्यादा हो रही है जिन्हें हाई ब्लड प्रेशर या डायबिटीज की बीमारी है।
ब्रेन स्ट्रोक के लक्षण
- शरीर के एक हिस्स में फर्क
- चेहरे, हाथ, पैर सुन्न होना
- बोलने में परेशानी होना
- दोनों आंखों में फर्क दिखना
- तेज सिर में दर्द होना
- उल्टी और जी मिचलाना
- शरीर में तेज अकड़न
ब्रेन स्ट्रोक कितने प्रकार का होता है?
डॉक्टर्स की मानें तो ब्रेन स्ट्रोक दो तरह का होता है जिसमें पहला सिस्मिक स्ट्रोक होता है। इस स्थिति में किसी वजह से दिमाग की नसों में खून का संचालन रुक जाता है। इससे 99 प्रतिशत ब्रेन हेमरेज का खतरा बढ़ जाता है। वहीं दूसरा हेमरेजिक स्ट्रोक होता है जिसमें दिमाग की नस फटने से ब्लड फ्लो तेज हो जाता है। इससे शरीर के किसी भी हिस्से में लकवा मार सकता है।
ब्रेन स्ट्रोक से कैसे बचें?
- ब्रेन स्ट्रोक आने पर पहला 1 घंटा बेहद अहम होता है मरीज को तुरंत डॉक्टर के पास लेकर जाएं।
- तेज एसी से निकलकर धूप में जाने से बचें।
- धूप से आने के बाद एकदम से एसी में न जाएं।
- समय-समय पर ब्लड प्रेशर और शुगर की जांच कराएं।
- ज्यादा देर धूप में न रहें इससे हीट स्ट्रोक हो सकता है।
- देखने और समझने में परेशानी होने पर डॉक्टर को दिखाएं।