Heart Diseases: दिल से जुड़ी कई बीमारियों लोगों को तेजी से घेर रही है। अब तक हार्ट अटैक का खतरा बुजुर्गों को ही रहता था लेकिन पिछले कुछ समय युवा भी इसकी चपेट में आने लगे हैं। हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट के कारण कई लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। इन अचानक हुई मौतों की खबरें सुनकर हर कोई परेशान है। सभी को अपनी दिल के सेहत की चिंता सताने लगी है। ऐसे में समय रहते दिल की बीमारी का पता चल जाए तो उसका इलाज आसान हो जाता है। लेकिन दिल की बीमारी का इलाज और दवाई काफी महंगा होता है, इसलिए अधिकत्तर लोग इसकी अनदेखी कर देते हैं। मगर अब इस खबर को पढ़ने के बाद आपकी चिंता थोड़ी कम हो सकती है। दरअसल, खबर है कि अब हार्ट से जुड़ी दवाईयां किफायती दामों में जरूरतमंदों को मिल सकेगी।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, हार्ट फेल्योर (Heart Failure) के इलाज में काम आने वाली दवाईयों के दाम में जनवरी के बाद 50 से 70 प्रतिशत तक की कटौती हो सकती है। खबर है कि स्विस कंपनी नोवार्टिस की दवा वायमाड या एंट्रेस्टो का पेटेंट जनवरी में खत्म हो रहा है। इसके बाद 5 बड़ी दवा कंपनियां इसका जेनेरिक वर्जन लॉन्च करने की प्लानिंग में हैं। इन कंपिनयों में सन फार्मा, यूएसवी, टोरेंट फार्मा, सिप्ला और ल्यूपिन शामिल हैं।
आपको बता दें कि वर्तमान में 100 एमजी की वायमाड की एक टैबलेट करीब 85 रुपए की मिल रही है। फार्मा विशेषज्ञों के अनुसार, जेनरिक वर्जन मार्केट में आने के बाद इसकी कीमत 50 से 70% घट जाएगी। फिर यही दवाई 25.5-42.5 रुपए तक रह जाएगी। फिर दूसरी कंपनियों को भी ऐसी दवाओं के दाम को घटाना होगा। देश का कार्डिएक बाजार 23,000 करोड़ रुपए का है। इसमें वायमाडा की बड़ी (करीब 550 करोड़) हिस्सेदारी है। इसका वैश्विक बाजार 32,532 करोड़ का है। आपको बता दें कि इस साल अप्रैल के महीने में डॉ रेड्डीद लैब ने 463 करोड़ रुपये में नोवार्टिस से कार्डियोवस्क्युलर ब्रांड सिडमस को खरीद लिया था।
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