Highlights
- 40 से अधिक उम्र के हर व्यक्ति को दिल की बीमारी हो सकती है।
- ज़्यादा व्यायाम करने से एरीथेमैटस प्लार्क के फटने का खतरा बढ़ जाता है।
- उम्र को ध्यान में रखकर ही एक्सरसाइज करनी चाहिए।
Heart Attack: इंडिया के मशहूर स्टैंडअप कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव को पिछले दिनों हार्ट अटैक आया और अब तक दिल्ली के एम्स अस्पताल में उनका इलाज़ चल रहा है। यहां उनकी तीसरी बार एंजियोप्लास्टी की गई। वो जिम में वर्कआउट के दौरान ट्रेडमिल पर गिर गये थे। राजू श्रीवास्तव ही नहीं कई अन्य हस्तियों को भी जो बहुत फिट दिखते थे उनको भी हार्ट अटैक हुआ है। कई लोगों की तो इससे जान भी चली गई। कुछ दिन पहले 'भाभीजी घर पर हैं' सीरियल के 41 वर्षीय दीपेश भान क्रिकेट खेलते हुए बेहोश हो गए और उन्हें कार्डियक अरेस्ट आया था जिसके बाद उनका निधन हो गया। एक साल पहले टीवी के सबसे फिट एक्टर्स में से एक सिद्धार्थ शुक्ल का भी हार्ट अटैक से निधन हो गया था. ऐसे में सवाल ये है कि आखिर जिम जाने वाले फिटनेस फ्रीक लोगों को हार्ट अटैक क्यों हो रहा है। दिल्ली के एक सुप्रसिद्ध अस्पताल पीएसआरआई (PSRI) में सीनियर कंसल्टेंट एंड हेड ऑफ़ इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजी डॉ.मनीष अग्रवाल का कहना है कि टीवी इंडस्ट्री के चमकते सितारे सिद्धार्थ शुक्ला की मौत और राजू श्रीवास्तव को जिम में हार्ट अटैक आने के बाद देश में लगातार कई तरह की बहस चल रही है। जिसमे ज़्यादातर लोग यही पूछ रहे हैं कि फिट होने के बाद भी हार्ट अटैक कैसे आ सकता है? इस लेख के ज़रिए डॉ.मनीष अग्रवाल बता रहे हैं कि फिट होने के बावजूद भी लोग हार्ट अटैक का शिकार क्यों हो रहे हैं।
40 की उम्र के बाद है खतरा
डॉक्टर मनीष का मानना है कि 40 से अधिक उम्र के हर व्यक्ति को दिल की बीमारी होने की संभावना होती है खासकर तब जब मरीज़ को डायबिटीज और ब्लड प्रेशर की बीमारी हो। ऐसे हर व्यक्ति को स्वयं को तब तक दिल का मरीज ही मानना चाहिए, जब तक कि जांच में यह गलत नहीं पाया जाता। डॉक्टर मनीष के अनुसार जिन लोगों को दिल से जुड़ी कोई भी समस्या है, उनके लिए दौड़ना भी घातक हो सकता है। लोगों में दौड़ने के दौरान हार्ट अटैक का खतरा ज्यादा रहता है, खासतौर पर उन लोगों में जिन्हें दिल की समस्या तो होती है, लेकिन उसके लक्षण नहीं होते। क्योंकि दिल की धमनियों में एरीथेमैटस प्लार्क (वसा की जमावट ) अत्यधिक व्यायाम करने से फटने का खतरा बढ़ जाता है जिसकी वजह से हार्ट अटैक आ सकता है. डॉ. मनीष कहते हैं कि व्यक्ति को अपनी उम्र को ध्यान में रखकर ही एक्सरसाइज करनी चाहिए।
नींद और तनाव भी है वजह
असामान्य तनाव, नींद की कमी से जूझ रहे लोगों को ज़्यादा सावधानी बरतनी चाहिए। डॉ. मनीष का कहना है, आजकल लोग नींद कम और स्ट्रेस ज़्यादा लेते हैं, जो हार्ट अटैक के खतरे को बढ़ाता है। मानसिक तनाव भी कार्डियक अरेस्ट का कारण हो सकता है। आज की भागदौड़ वाली जिंदगी में लोग वर्कलोड से चिंतित रहते हैं। डॉक्टर मनीष का कहना है आज जॉब सिक्यूरिटी की जगह हेल्थ की फिक्र करनी चाहिए। काम को मन मारकर करने की जगह एंज्वाय करना शुरू करना चाहिए।
फॅमिली हिस्ट्री का भी पड़ता है असर
डॉक्टर मनीष का कहना है कि हार्ट अटैक आने के पीछे फॅमिली हिस्ट्री भी एक बहुत बड़ी वजह है। जिन लोगों के परिवार में दिल से जुड़ी बीमारियों का इतिहास रहा है। उन्हें अपनी सेहत को लेकर हमेशा सावधान रहना चाहिए अगर आपके फॅमिली में कोई इस बीमारी से पीड़ित रहा है विशेष रूप से आपकी फैमिली में किसी को हार्ट अटैक 65 साल से कम की उम्र में हुआ हो तो आप भी इस बीमारी से पीड़ित हो सकते हैं।
दिल के लिए खतरनाक है नशा
डॉ. मनीष के अनुसार ज़्यादा शराब पीना, धूम्रपान और ड्रग्स का सेवन दिल को कमजोर बना देते हैं। ऐसे लोगों को दिल से जुड़ी बीमारियों के कुछ लक्षण दिख सकते हैं, लेकिन अक्सर लोग उन्हें बार बार नजरअंदाज करते हैं. इसलिए समय समय पर हेल्थ चेकअप कराएं और जानकार की देखरेख में एक्सरसाइज करें।
डॉक्टर से करें कंसल्ट
डॉ. मनीष का कहना है कि जिम ज्वाइन करने से पहले आपको अपने डॉक्टर के पास जाना चाहिए। उनका कहना है कि आपको ब्लड टेस्ट करके पता करना चाहिए कि कहीं ब्लड में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा ज्यादा तो नहीं हो रही।
क्या आप बढ़ते मोटापे को करना चाहते हैं कम? स्वामी रामदेव से जानिए इस समस्या से निजात पाने का बेहतरीन उपाय
अनियमित लाइफस्टाइल भी है एक बहुत बड़ी वजह
डॉ. मनीष अग्रवाल का कहना है कि एक्सरसाइज के बावजूद कम उम्र में ही हार्ट अटैक के शिकार बन रहे ज्यादातर लोगों की लाइफस्टाइल ठीक नहीं है और फिर उनका अनियंत्रित व्यायाम उनके लिए जान का खतरा बन जाता है।
लाइफस्टाइल में करें बदलाव
डॉक्टर मनीष का कहना है कि आपको अपने खानपान और लाइफस्टाइल पर पूरा ध्यान देने की जरूरत है। अपने आप को हेल्दी और सेहतमंद रखने के लिए आपको अपनी लाइफ स्टाइल में हल्के फुल्के बदलाव करने होंगे। उनका कहना है आपकी अव्यस्थित जीवनशैली आपको बीमारी की ओर ले जाती है। 40-45 की उम्र के बाद शरीर के बर्दाश्त करने की क्षमता धीरे-धीरे कम होने लगती है। इसलिए अपनी डाइट से लेकर अपने सोने और उठने का एक तय रूटीन बना लें। साथ ही नशे से दूर रहे। वर्क लोड का ज़्यादा प्रेशर ने लें। नारात्मकता से दूर रहें और अपनी एनर्जी पॉज़िटिव चीज़ों में लगाएं। साथ ही अपने वजन पर नियंत्रण रखें। हमेशा डॉक्टर से अपना रूटीन चेकअप कराएं। अगर आपको हाई कोलेस्ट्रॉल , हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज की बीमारी है तो डॉक्टर से सलाह कर इसको कंट्रोल में रखे।
(ये आर्टिकल विशेषज्ञ की निगरानी में लिखा गया है, कोई भी उपाय अपनाने से पहले चिकित्सक से परामर्श लें।)