Highlights
- शरीर को गर्म रखने के लिए ज्यादा एनर्जी की जरूरत
- सर्दी में हार्ट का काम बढ़ जाता है
- हार्ट कमजोर होने पर फेलियर होने का खतरा
पहाड़ों पर बर्फबारी का असर अब मैदानी इलाकों में भी दिखने लगा है। ठंड का प्रकोप दिल्ली समेत कई राज्यों में ठिठुरन बन कर उतर आई है। हर किसी को मौसम इसलिए खुशगवार लगता है क्योंकि आप फिट हैं। रोजाना योगाभ्यास करती हैं। हार्ट के मसल्स मजबूत हैं। लेकिन बहुत से लोग ऐसे भी हैं जिन्हें शीत लहर में काफी सावधान रहने की जरुरत है। क्योंकि शरीर को गर्म रखने के लिए हार्ट को सर्दी में ज्यादा काम करना पड़ता है।
हार्ट पर ज्यादा प्रेशर पड़ने की वजह से कई बार हार्ट फेल हो जाता है। रिसर्च के अनुसार, ठंड में दिल का दौरा पड़ने के चांसेज बढ़ जाते हैं। खास तौर पर सुबह के वक्त। क्योंकि उस वक्त blood vessels सिकुड़ जाते हैं, जिसका असर हार्ट को ब्लड सप्लाई करने वाली आर्टिज पर पड़ता है। इसीलिए सर्दियों में हार्ट अटैक के 53 प्रतिशत मामले सुबह-सुबह के हैं।
गर्मियों के मुकाबले सर्दियों में हार्ट अटैक से होने वाली डेथ रेट भी 26 से 36 प्रतिशत तक बढ़ जाती हैं। लेकिन अगर रोजाना योग किया जाए तो आपका हार्ट हमेशा हेल्दी रह सकता है। जो रोजाना योग करते हैं उनका दिल उन्हें कभी धोखा नहीं देगा। क्योंकि उनके योग की ताकत से हार्ट भी मजबूत होता है। दिल को 100 साल तक धड़कते देखना चाहते हैं तो योगगुरु स्वामी रामदेव से यौगिक उपाय।
हार्ट अटैक की वजह
- स्ट्रेस
- एंग्जाइटी
- स्मोकिंग
- हाई कोलेस्ट्रॉल
- मोटापा
- डायबिटीज
- नींद की कमी
- हाई बीपी
फिज़िकल एक्टिविटी जरूरी
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की रिपोर्ट के अनुसार, ज्यादातर लोग नहीं करते एक्सरसाइज या फिर कई लोग रोज़ एक्सरसाइज नहीं करते हैं। इसके अलावा जो वर्कआउट करते हैं वह सही तरीके से नहीं करते हैं, जिसके कारण उन्हें पूरा फायदा नहीं मिलता है।
ठंड में सता रहा जोड़-हड्डियों का दर्द? स्वामी रामदेव से जानिए अर्थराइटिस का कारगर इलाज
दिल को हेल्दी रखने के लिए योगासन
यौगिक जॉगिंग
- इम्यूनिटी होगी मजबूत
- फेफड़ों को ज्यादा ऑक्सीजन बढ़ाए
- शरीर को फिट बनाए
- ऊर्जावान बनाए
सूर्य नमस्कार
- फेफड़ों में ज्यादा ऑक्सीजन पहुंचाए
- माइग्रेन, सिरदर्द में लाभकारी
- शरीर को ऊर्जा मिलती है
- वजन बढ़ाने में कारगर
- एनर्जी लेवल बढ़ाए
सूक्ष्म व्यायाम
- बॉडी को करे एक्टिव
- स्फूर्ति का संचार करे
- पूरे शरीर को स्ट्रेच करे
- सिरदर्द में फायदेमंद
- अस्थमा, अर्थराइटिस, सर्वाइकल में कारगर
मंडूकासन
- वजन घटाने के करे कम
- हाईजेशन को सही रखें
- गैस और कब्ज की समस्या में लाभकारी
- सिरदर्द में फायदेमंद
- लिवर, किडनी के लिए लाभकारी
- डायबिटीज को करे कंट्रोल
शशकासन
- लिवर, किडनी रोगों में कारगर
- पाचन तंत्र को रखे ठीक
- मानसिक रोगों से दिलाए मुक्ति
- मोटापा कम करने में करे मदद
- क्रोध, चिड़चिड़ापन को करे दूर
वक्रासन
- शरीर में ऑक्सीजन की कमी करे पूरी
- शरीर की इम्यूनिटी को करें मजबूत
- पेट की हर बीमारी से दिलाए छुटकारा
- पाचन क्रिया को रखें ठीक
गोमुखासन
- पीठ, बाहों को मजबूत करे
- रीढ़ की हड्डी को करे मजबूत
- थकान, तनाव को करे कम
- सर्वाइकल के दर्द में कारगर
- फेफड़ों के लिए फयदेमंद
उत्तानकुर्मासन
इस आसन के लिए वज्रासन में बैठ जाए और दाए हाथ से बाए कंधों के नीचे रखें। इसी तरह बाए हाथ से दाएं कंधों को छुएं।
पवनमुक्तासन
- फेफड़ों को रखें हेल्दी औऱ मजबूत
- ब्लड प्रेशर को करे नॉर्मल
- किडनी को रखे हेल्दी
- पेट की चर्बी करे कम
- एसिडिटी में कारगर
उत्तापादासन
- बदलते मौसम में रोगों से करे बचाव
- पेट और पैर के मसल्स को बनाए मजबूत
- शरीर को सुंदर औस सुडौल बनाए
- मोटापा कम करने में सहायक
नौकासन
- पाचन शक्ति को रखें ठीक
- वजन कम करने में करे मदद
- शरीर का करे खिंचाव
- सिरदर्द से दिलाए निजात
- जोड़ों के दर्द को करे कम
सेतुबंधासन
- साइनस, अस्थमा में कारगर
- तनाव में फायदेमंजद
- पीठ और सिरदर्द में कारगर
- अनिद्रा में लाभकारी
- पैरों को रखें मजबूत
मर्कटासन
- पीठ दर्द में लाभकारी
- गैस और कब्ज में फायदेमंद
- सर्वाइकल में लाभकारी
- गुर्दे, अग्नाश्य में लाभकारी
हेल्दी हार्ट के लिए प्राणायाम
भस्त्रिका
इस प्राणायाम को 3 तरह से किया जाता है। पहले में 5 सेकंड में सांस ले और 5 सेकंड में सांस छोड़े। दूसरे में ढाई सेकंड सांस लें और ढाई सेकंड में छोड़ें। तीसरा तेजी के साथ सांस लें और छोड़े। इस प्राणायाम को लगातार 5 मिनट करें।
कपालभाति
इस प्राणायाम को 5 से 10 मिनट करें। हर 5 मिनट के बाद 1 मिनट आराम करें। कफ , सर्दी, जुकाम, अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, कैंसर, टीबी, हाइपरटेंशन, अस्थमा, खून की कमी, बीपी, हार्ट के ब्लॉकेज सहित कई बीमारियों से दिलाएं निजात।
अनुलोम-विलोम
सबसे पहले पद्मासन की मुद्रा में बैठ जाएं। अब दाएं हाथ की अनामिका और सबसे छोटी उंगली को मिलाकर बाएं नाक पर रखें और अंगूठे को दाएं वाले नाक पर लगा लें। तर्जनी और मध्यमा को मिलाकर मोड़ लें।अब बाएं नाक की ओर से सांस भरें और उसे अनामिका और सबसे छोटी उंगली को मिलाकर बंद कर लें। इसके बाद दाएं नाक की ओर से अंगूठे को हटाकर सांस बाहर निकाल दें। इस आसन को 5 मिनट से लेकर आधा घंटा कर सकते हैं।
भ्रामरी प्राणायाम
इस प्राणायाम को करने के लिए पहले सुखासन या पद्मासन की अवस्था में बैठ जाएं। अब अंदर गहरी सांस भरते हैं। सांस भरकर पहले अपनी अंगूलियों को ललाट में रखते हैं। जिसमें 3 अंगुलियों से आंखों को बंद करते हैं। अंगूठे से कान को बंद कते हैं। मुंह को बंदकर 'ऊं' का नाद करते हैं। इस प्राणायाम को 3-21 बार किया जा सकता है।
दिल का रखें ख्याल
- धूल या धुएं वाली जगहों से बचें
- घर में ही योग करें
- सुबह सैर पर जाने से बचें
- मास्क पहनकर ही बाहर निकले
- कोलेस्ट्रॉल की जांच कराएं
- गुनगुना पानी पीएं