Health Tips: अगर उड़ नहीं सकते तो दौड़ो, दौड़ नहीं सकते तो चलो, चल नहीं सकते तो रेंगो पर आगे की तरफ बढ़ते चलो। ज़िंदगी की रेस को जीतने का यही फलसफा है। लेकिन घुटनों के दर्द से दौड़ना-चलना तो दूर, उठना भी मुश्किल हो गया है। पहले तो उम्र के साथ घुटने कमजोर होते थे, लेकिन अब तो यंगस्टर्स भी ज्वाइंट्स पेन की परेशानी झेल रहे हैं। जोड़ों के दर्द से परेशानी इतनी कॉमन हो गई है कि देश में 15 करोड़ से ज़्यादा घुटनों के मरीज हैं। उनमे भी 4 करोड़ पेशेंट ऐसे हैं जिन्हें टोटल knee replacement की ज़रूरत है। हालांकि घुटने खराब करने में मोटापा, इंजरी, शुगर जैसी कई बीमारियों का भी रोल होता है, लेकिन सबसे बड़ी वजह है आर्थराइटिस और इस बीमारी को लेकर बेहद सावधान रहने की ज़रूरत है। क्योंकि देश में गठिया के मरीजों का ग्राफ बहुत तेजी से ऊपर जा रहा है। हेल्थ मिनिस्ट्री की ताज़ा रिपोर्ट के मुताबिक भारत में हर साल गठिया के 1 करोड़ से ज्यादा केस सामने आते हैं। यही नहीं, नेशनल हेल्थ सर्वे की रिपोर्ट कहती है कि आर्थराइटिस देश में सबसे ज्यादा बार होने वाली बीमारी है और तो और ये भारत में disability की चौथी सबसे कॉमन वजह भी है। लोगों की ये हालत इसलिए है क्योंकि उनका लाइफस्टाइल बिगड़ा हुआ है गलत पॉश्चर में बैठने, उल्टा सीधा खाने, योग-वर्कआउट ना करने और पॉल्यूशन से हड्डियां कमजोर हो रही हैं। यही वजह है कि हल्के से झटके या खिंचाव से भी बोन में फ्रैक्चर हो रहे हैं। पीठ, हाथ और पैरों में दर्द, अकड़न-सूजन की शिकायत के साथ शरीर झुका झुका रहता है।
वैसे ये बीमारी जितनी खतरनाक है उपाय उतने ही आसान हैं। जैसे कि अक्सर लोग बच्चों को चलना सिखाते वक्त खुद उलटा चलने लगते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि सिर्फ रिवर्स वॉक करना, घुटनों के दर्द और सूजन के लिए रामबाण थेरेपी है। ताज़ा रिसर्च के मुताबिक। उल्टा टहलने से ना सिर्फ मांसपेशियों को ताकत मिलती है और घुटनों की चोट से भी जल्दी उबरते हैं। इसके अलावा बॉडी का बैलेंस बढ़ाने में भी मदद मिलती है और रिवर्स वॉक करने से सीधा चलने मुकाबले 40% ज़्यादा कैलोरी बर्न होती है। जिससे वेट भी कंट्रोल होता है। ऐसे ही तमाम यौगिक-आयुर्वेदिक उपाय का भंडार स्वामी रामदेव के पास है, जो आज पूरे देश के घुटने मजबूत करने के लिए हमारे साथ जुड़ चुके हैं।
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गठिया के कारण बढ़ रही विकलांगता दर
स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, भारत में हर साल इस बीमारी के 1 करोड़ से ज्यादा केस सामने आते हैं। राष्ट्रीय स्वास्थ्य पोर्टल के आंकड़ों के अनुसार, यह 22 से 29 प्रतिशत की दर के साथ देश में सबसे अधिक बार होने वाली बीमारी है। एक रिपोर्ट के अनुसार, गठिया भारत में तेजी से विकलांगता का चौथा सबसे आम कारण बनता जा रहा है। ऑस्टियोआर्थराइटिस में जोड़ों के बीच गैप बनाने वाली उपास्थियाँ घिस जाती हैं। हड्डियां आपस में रगड़ खाने लगती हैं। नसें खुल जाती हैं जिसके कारण काफी दर्द रहता है। इसके बाद सर्जरी ही एकमात्र उपाय रह जाता है। ऑस्टियोआर्थराइटिस के एक डिजनरेटिव बीमारी है जिसमें हड्डियों के ऊपर की उपास्थि की परत घिस जाती है। भारत में ऑस्टियोआर्थराइटिस एक आम समस्या है। हमारी लाइफस्टाइल के कारण जोड़ों में घिसाव ज्यादा होता है। इस रोग की आरंभिक अवस्था में फिजियोथेरेपी और दवाइयों से आराम मिलता है। रोग के एडवांस्ड स्टेज में सर्जरी ही एकमात्र उपाय है। यह एक सेफ सर्जरी है सरकार के पास जो आंकड़े हैं उसके मुताबिक हर साल एक से डेढ़ लाख लोग ऑपरेशन के जरिए घुटने बदलवाते हैं।
आर्थराइटिस भारत में
18 करोड़ से ज़्यादा मरीज़
हर 5 में से 1पुरुष परेशान
हर 4 में से 1 महिला शिकार
गठिया के रोग की क्या है वजह ?
खराब लाइफस्टाइल
गलत खानपान
बढ़ा हुआ वज़न
मिनरल्स की कमी
विटामिन की कमी
हॉर्मोन्स इम्बैलेंस
आर्थराइटिस - क्या हैं लक्षण?
ज्वाइंट्स पेन-अकड़न
घुटनों में सूजन
हड्डियों का टूटना
स्किन लाल होना
चलने-फिरने में तकलीफ
गठिया दर्द में कैसे मिलेगा आराम?
सरसों तेल की मालिश
दर्द की जगह गर्म पट्टी
गर्म पानी-सेंधा नमक की सिकाई
स्टीम बाथ
आर्थराइटिस में क्या करें परहेज?
ठंडी चीज़ें ना खाएं
चाय-कॉफ़ी ना लें
टमाटर ना खाएं
शुगर कम करें
ऑयली खाने से बचें
वजन कंट्रोल रखें
गठिया की बीमारी यूथ पर क्यों भारी?
एक पॉश्चर में बैठना
गलत खानपान
ज्यादा वजन
विटामिन D की कमी
कैल्शियम की कमी
जोड़ों में दर्द -परहेज जरूरी
प्रोसेस्ड फूड
ग्लूटेन फूड
अल्कोहल
ज्यादा चीनी-नमक
आर्थराइटिस में खाएं
बादाम
अखरोट
पिस्ता
जामुन
जोड़ों में दर्द -सावधान रहें
वजन ना बढ़ने दें
स्मोकिंग से बचें
पॉश्चर सही रखें
हड्डियां मजबूत -कैसे बनेंगी ?
खाने में कैल्शियम बढ़ाएं
1 कप दूध जरूर पीएं
सेब का सिरका पीएं
गुनगुने पानी में दालचीनी-शहद पीएं