अगर शरीर में हड्डियां नहीं होती तो हम सब कैसे दिखते, बिल्कुल एक जेलीफिश की तरह। जिसकी कोई शेप नहीं होती। हमें इतना खूबसूरत शरीर हड्डियों के एक ढांचे की बदौलत ही मिला है, जिसे साइंटिफिक लैंग्वेज में कंकाल या स्केलेटन कहते हैं। ये स्ट्रक्चर शरीर को आकार देने के साथ कई अंगों की सुरक्षा भी करता है। मसल्स और वेन्स को जोड़ता है। कैल्शियम और आयरन स्टोर कर शरीर को सप्लाई करता रहता हैं। लेकिन अगर यही हड्डियां दर्द देने लगे तो उठने-बैठने, चलने-फिरने के साथ रोजमर्रा का काम भी मुश्किल हो जाता है। अब जब सर्दियों का मौसम शुरू हो चुका है तो हड्डियों को लेकर ज़्यादा अलर्ट रहने की ज़रूरत है। विंटर्स में तापमान गिरने से मसल्स में ऐंठन होने लगती है। ब्लड वेसल्स सिकुड़ने लगते हैं। जिससे ज्वाइंट्स तक खून की सप्लाई नहीं हो पाती। नतीजा जोड़ों में दर्द-अकड़न और सूजन परेशान करने लगती है।
अगर आप सोच रहे हैं कि ये बीमारी सिर्फ बुजुर्गों को होती है, तो इस सोच को बदल डालिए क्योंकि अब कम उम्र में भी हड्डियों की ये बीमारी दुश्मन बन रही है। अगर बच्चे सुबह उठकर ज्वाइंट्स पेन या अकड़न की शिकायत करे तो समझ लीजिए कि ये जुवेनाइल इडियोपैथिक आर्थराइटिस के लक्षण हो सकते है। National Center for Biotechnology Information की एक ताज़ा स्टडी के मुताबिक हर 250 में से 1 बच्चा इस बीमारी का शिकार है। आर्थराइटिस का दर्द अगर हाथों में हो तो तुरंत ट्रीटमेंट कराएं क्योंकि इस दर्द का अगला स्टेज कार्पल टनल सिंड्रोम भी हो सकता है। जिसमें कलाई की नस के दबने से हाथ में सूजन और नमनेस हो सकती है।
यही नहीं गठिया से शरीर के 14 और ऑर्गन भी खतरे में आ जाते हैं, जिनमें सबसे ज़्यादा असर हार्ट-ब्रेन और आंखों पर पड़ता है। इसलिए इस बीमारी को एडवांस स्टेज में पहुंचने से पहले ही रोकना जरूरी है। जिसका सबसे कारगर इलाज भारत की विरासत आयुर्वेद में मौजूद है। इंडिया काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च और आयुर्वेदिक ट्रस्ट, तमिलनाडु के साथ मिलकर एक स्टडी करने के बाद ये बात W।H।O ने भी मानी है। योग-आयुर्वेद के उपाय स्वामी रामदेव से बेहतर और कौन बता सकता है।।चलिए सीधे उन्हीं के पास चलते हैं।
हाथ में आर्थराइटिस लक्षण पहचानें
- सामान उठाने में दिक्कत
- उंगली खोलने-बंद करने में दिक्कत
- तेज़ दर्द, सूजन
- टाइप करने लिखने में दर्द
भारत में आर्थराइटिस
- 18 करोड़ से ज़्यादा मरीज़
- हर 5 में से 1 पुरुष परेशान
- हर 4 में से 1 महिला शिकार
गठिया का रोग-क्या हैं वजह
- खराब लाइफस्टाइल
- गलत खानपान
- बढ़ा हुआ वजन
- मिनरल्स की कमी
- विटामिन की कमी
- हॉर्मोन्स इम्बैलेंस
आर्थराइटिस लक्षण
- ज्वाइंट्स पेन-अकड़न
- घुटनों में सूजन
- हड्डियों का टूटना
- स्किन लाल होना
- चलने-फिरने में तकलीफ
गठिया दर्द मिलेगा आराम
- सरसों तेल की मालिश
- दर्द की जगह गर्म पट्टी
- गर्म पानी-सेंधा नमक की सिकाई
- स्टीम बाथ
आर्थराइटिस में परहेज
- ठंडी चीज़ें ना खाएं
- चाय-कॉफ़ी ना लें
- टमाटर ना खाएं
- शुगर कम करें
- ऑयली खाने से बचें
- वजन कंट्रोल रखें
गठिया की बीमारी यूथ पर भारी
- एक पॉश्चर में बैठना
- गलत खानपान
- ज्यादा वजन
- विटामिन D की कमी
- कैल्शियम की कमी
जोड़ों में दर्द -परहेज ज़रूरी
- प्रोसेस्ड फूड
- ग्लूटेन फूड
- अल्कोहल
- ज्यादा चीनी-नमक
आर्थराइटिस में खाएं
- बादाम
- अखरोट
- पिस्ता
- जामुन
जोड़ों में दर्द सावधान रहें
- वजन ना बढ़ने दें
- स्मोकिंग से बचें
- पॉश्चर सही रखें
पीड़ातक तेल घर में बनाएं
- अजवाइन
- लहसुन
- मेथी
- सोंठ
- हल्दी
- निर्गुंडी
- पारिजात
- अर्क पत्र
- अच्छी तरह से कूट लें
- सरसों या तिल के तेल में उबालें
- होममेड तेल से मसाज करें
हड्डियां कैसे मजबूत बनेंगी?
- खाने में कैल्शियम बढ़ाएं
- 1 कप दूध जरूर पीएं
- सेब का सिरका पीएं
- गुनगुने पानी में दालचीनी-शहद पीएं
हड्डियों के लिए सुपरफूड
- गिलोय का काढ़ा
- हरसिंगार फूल का रस
- हल्दी-मेथी-सौंठ पाउडर
हड्डियां मजबूत बनेंगी
- हल्दी-दूध जरूर पीएं
- सेब का सिरका पीएं
- लहसुन-अदरक खाएं
- दालचीनी-शहद पीएं
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