आज गुरु पूर्णिमा है। आज हम जो भी हैं, अपने गुरुओं की वजह से हैं। ये गुरु हमारी मां, हमारे पिता, हमारे स्कूल-कॉलेज के शिक्षक और हमारी प्रोफेशनल लाइफ में सीनियर्स भी हो सकते हैं। गुरु ही हमें सही और गलत की पहचान कराते हैं। गुरु हमें मुश्किल और आसान कठिन चीजों को आसान करने के तरीके समझाते हैं। गुरु हमें कामयाबी का रास्ता दिखाते हैं। कभी हताश हो जाएं तो गुरु ही हमें साहस देते हैं। ऊर्जा भरते हैं। हमारे देश में सदियों से गुरु की परंपरा रही है। हमारे ऋषि-मुनियों ने ज्ञान-विज्ञान का विकास किया। उनकी वजह से ही सदियों से हमारा देश विश्व गुरु रहा है। आज ही महर्षि वेद व्यास का जन्म हुआ था। वेद व्यास ने महाभारत की रचना की थी। वेद व्यास ने ही 18 पुराणों की भी रचना की थी। आज के दिन गुरुजनों का आशीर्वाद लिया जाता है। गुरुओं की महिमा को याद करने का दिन है। आषाढ़ महीने की पूर्णिमा को मनाई जाती है।
गुरु पूर्णिमा पर अष्टांग योग
- यम: सच्चाई, अहिंसा ब्रह्मचर्य का पालन
- नियम: तपस्या और डेडिकेशन
- आसन: योग का अभ्य
- प्राणायाम: सांसों पर नियंत्रण
- प्रत्याहार: बाहरी बातों से ध्यान हटना
- धारणा: सभी चीजों को एक समान समझना
- ध्यान: मन की शांति और एकाग्रता
- समाधि: बाहरी दुनिया से ध्यान हट जाना
रोजाना करें योग
- सूर्य नमस्कार
- उष्ट्रासन
- भुजंगासन
- चक्रासन
- अर्धचक्रासन
- शलभासन
- धनुरासन
- गोमुखासन
- सर्वांगासन
- उत्तानपादासन
सूर्य नमस्कार
इम्युनिटी स्ट्रॉन्ग करता है।
एनर्जी लेवल बढ़ाने में सहायक।
वजन घटाने में मददगार।
शरीर को डिटॉक्स करता है।
रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।
पाचन तंत्र बेहतर होता है।
शरीर को ऊर्जा मिलती है।
फेफड़ों तक ज्यादा ऑक्सीजन पहुंचती है।
शीर्षासन
डिप्रेशन दूर होता है।
चेहरे पर चमक आती है।
सुंदरता बढ़ती है।
मेमोरी तेज होती है।
ब्रेन में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है।
सिरदर्द में आराम मिलता है।
सर्वांगासन
तनाव और चिंता से मुक्ति मिलती है।
एकाग्रता बढ़ाता है।
याद की हुई चीजें भूलते नहीं।
सिरदर्द ठीक करता है।
भुजंगासन
रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है।
छाती चौड़ी होती है।
किडनी को स्वस्थ बनाता है।
लिवर से जुड़ी दिक्कत दूर होती है।
तनाव, चिंता, डिप्रेशन दूर करता है।
कमर का निचला हिस्सा मजबूत होता है।
फेफड़ों, कंधों और सीने को स्ट्रेच करता है।
मंडूकासन
डायबिटीज को दूर करता है।
योगमुद्रासन
कब्ज की समस्या दूर होती है।
गैस से छुटकारा मिलता है।
पाचन की परेशानी दूर होती है।
छोटी-बड़ी आंते सक्रिय होती हैं।
वक्रासन
पेट पर पड़ने वाला दबाव फायदेमंद।
कैंसर की रोकथाम में कारगर।
पेट की कई समस्याओं से राहत।
पाचन क्रिया ठीक रहती है।
कब्ज ठीक होती है।
गोमुखासन
पीठ-बाहों को मजबूत बनाता है।
रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है।
शरीर को लचकदार बनाता है।
सीने को चौड़ा करने में सहायक।
शरीर के पॉश्चर को सुधारता है।
फेफड़ों की कार्यक्षमता बढ़ती है।
कारगर प्राणायाम
अनुलोम विलोम
कपालभाति
भस्त्रिका
भ्रामरी
उज्जायी
उद्गीथ
भस्त्रिका
लंग्स क्लियर करता है।
तनाव और चिंता दूर होती है।
वजन घटाने के लिए बहुत कारगर है।
दिल को स्वस्थ रखने में सहायक।
अस्थमा के रोग को दूर करता है।
अनुलोम विलोम
बॉडी में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ती है।
तनाव और चिंता दूर होती है।
वजन घटाने में बेहद कारगर प्राणायाम
दिल को स्वस्थ रखने में सहायक।
अस्थमा के रोग को दूर करता है।
कपालभाति
पेट के लिए बेहद कारगर प्राणायाम
सांस लेने में आसानी होती है।
नर्व मजबूत बनते हैं।
शरीर के ब्लड फ्लो में सुधार होता है।
उज्जायी प्राणायाम
दिमाग को शांत करता है।
ध्यान के फायदे
अच्छी नींद
ब्लड प्रेशर नॉर्मल होता है।
इम्युनिटी और डायजेशन बेहतर।
स्ट्रेस से छुटकारा मिलता है।
शरीर में एनर्जी का संचार होता है।
काम करने की क्षमता बढ़ती है।
लंग्स बनाएं मजबूत
श्वसारि खाली पेट दो गोली सुबह-शाम लें।
लक्ष्मी विलास और संजीवनी खाने के बाद लें।
हल्दी दूध में शिलाजीत मिलाएं।
रोजाना हल्दी दूध पीना फायदेमंद।
कच्ची हल्दी को दूध में पकाएं।
हल्दी दूध में शिलाजीत मिलाएं।
हेल्दी लाइफ के लिए टिप्स
सुबह उठकर पानी पिएं। गर्म पानी में थोड़ा सा शहद और नींबू डालकर पिएं।
हर दिन सुबह आंवला, एलोवेरा और गिलोय का जूस पिएं।
रात में दही, अचार, तली हुई चीजें और मिर्च-मसाला ना लें।
सॉफ्ट ड्रिंक्स और जंक फूड का सेवन न करें।
सात्विक भोजन करेंगे तो शरीर स्वस्थ रहेगा।
खाने के बाद 1 घंटे तक पानी ना पिएं।
दूध के साथ नमक का सेवन ना करें।
खाना चबा-चबाकर खाएं।
सेंधा नमक का उपयोग करें।